हाल ही में, CAG ने तटीय सुरक्षा योजना (Coastal Security Scheme – CSS) के कार्यान्वयन में व्याप्त दोषों को चिन्हित किया है. चलिए जानते हैं तटीय सुरक्षा योजना के बारे में और जानते हैं,
तटीय सुरक्षा योजना (CSS)
- इसे कारगिल समीक्षा समिति की सिफारिश पर 2005-06 में सरकार द्वारा आरम्भ किया गया था.
- उद्देश्य : तटीय क्षेत्रों की गश्त और निगरानी के लिए सभी तटीय राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के समुद्री पुलिस बल की अवसंरचना को मजबूत करना, विशेष रूप से तट के निकट छिछले जल-क्षेत्र में.
- 2005-2011 की अवधि के दौरान CSS के प्रथम चरण (Phase – I) को नौ तटीय राज्यों और चार तटीय संघ शासित प्रदेशों में लागू किया गया था.
- CSS के दूसरे चरण (Phase – II) की अवधि 2010 से 2020 तक है.
Coastal Security Scheme की विशेषताएँ
1. गश्त
- इस योजना के तहत, तटीय राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने 183 तटीय पुलिस स्टेशनों (CPSs) को परिचालित किया है.
- तटीय चेक पोस्ट भी स्थापित किये गये हैं.
- सुदूर और बिखरे हुए द्वीपों में गश्त, छापे मारने और निगरानी करने के लिए 10 समुद्री ऑपरेशन केन्द्रों (MOCs) को “नर्व सेंटर” के रूप में स्थापित किया जाएगा.
- लंगर डालने (बर्थिंग) और रणनीतिक स्थानों पर नौकाओं/इंटरसेप्टर नौकाओं के रख-रखाव के लिए जेटियों (jetties) का निर्माण किया जाएगा.
2. निगरानी
- बिना किसी अंतराल के सम्पूर्ण तट को कवर करने के लिए 74 स्वचालित पहचान प्रणाली (Automatic Identification System : AIS) रिसीवरों की शृंखला और 46 अतिव्यापी (overlapping) तटीय राडारों की एक शृंखला के माध्यम से आधुनिक तकनीकी उपायों का उपयोग किया गया है.
- तटीय सुरक्षा योजना के कार्यान्वयन की निगरानी करने और विभिन्न हितधारकों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के लिए सचिव (सीमा प्रबंधन) के स्तर पर सञ्चालन समिति.
3. भारतीय नौसेना द्वारा मुंबई, विशाखापत्तनम, कोच्चि और पोर्ट ब्लेयर में तटीय सुरक्षा के लिए कमान और नियंत्रण हब के रूप में संयुक्त संचालन केंद्र स्थापित किये गये हैं.
4. समुद्री पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों (MPTIs) की स्थापना :- तकनीकी जनशक्ति की कमी और प्रशिक्षण सुविधाओं की कमी में सुधार के लिए.
5. जहाज़ों/नौकाओं का मर्चेंट शिपिंग एक्ट, 1958 के तहत पंजीकरण.
6. राज्य समुद्री बोर्डों (SBMs) का गठन : राज्यों में समुद्री क्षेत्रक के विकास की सुविधा प्रदान करने और छोटे बंदरगाहों को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए.
तटीय सुरक्षा के लिए संस्थागत व्यवस्था
- सर्वोच्च स्तर पर समुद्री और तटीय सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए राष्ट्रीय समिति (NCSMCS), समुद्री और तटीय सुरक्षा से सम्बंधित सभी मामलों का समन्वय करती है और समय-समय पर सभी हितधारकों के साथ समुद्र से होने वाले खतरों के प्रति तटीय सुरक्षा की समीक्षा करती है.
- वर्तमान में देश के तटीय राज्यों के लिए त्रि-स्तरीय सुरक्षा है. 12 समुद्री मील क्षेत्रीय जल क्षेत्र (टेरीटोरियल वाटर्स) सहित 200 समुद्री मील तक सम्पूर्ण समुद्री क्षेत्र भारतीय तट रक्षक और भारतीय नौसेना के अधिकार क्षेत्र में है. तट से 12 समुद्री मील तक का क्षेत्र सम्बंधित तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बलों के अधिकार क्षेत्र में है.
भारतीय नौसेना की भारतीय समुद्री सुरक्षा रणनीति (IMMS), 2015
- निर्बाध समग्र दृष्टिकोण : यह समुद्री चुनौतियों की मिश्रित प्रकृति को स्वीकार करता है और विभिन्न समुद्री एजेंसियों के मध्य अधिक समन्वय की आवश्यकता को रेखांकित करता है.
- समुद्री पड़ोस में मजबूत सुरक्षा भूमिका और आर्थिक हितों की सुरक्षा : भारतीय और क्षेत्रीय हितों की रक्षा, विशेष रूप से इंडियन ओशन सी लाइसेंस ऑफ़ कम्युनिकेशन (SLOC) की सुरक्षा.
- समुद्री सुरक्षा अभियान : समुद्री आतंकवाद, समुद्री डकैती, सशस्त्र लूट-पाट, मानवीय संकट, शान्ति समर्थक अभियान और गैर-लड़ाकू निकासी मिशन के सामयिक आकलन के लिए.
- अनुकूल और सकारात्मक परिवेश का निर्माण : बहुपक्षीय समुद्री संलग्नता, रणनीतिक सैन्य सहायता, स्थानिक क्षमता निर्माण, तकनीकी सहयोग और रणनीतिक संचार के माध्यम से.
- समुद्री सेना और क्षमता विकास : नौसेना की सामरिक क्षमता के सुधार, सैद्धांतिक क्षमता-निर्माण से लेकर मानव संसाधन विकास साथ ही मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना.
योजना से सम्बंधित चिंताएँ
1. लक्ष्य से दूर
- अधिकांश परियोजनाएँ समय से पीछे चल रही हैं और आवंटित धन के आधे से भी कम भाग का उपयोग किया गया है.
- अंडमान और निकोबार द्वीप में, आवंटित 32 करोड़ रुपये में से अब तक केवल 14 करोड़ रुपये का उपयोग किया गया है.
2. प्रक्रियात्मक विलम्ब
- निगरानी पोत और अन्य महत्त्वपूर्ण घटकों की खरीद में देरी के कारण रणनीतिक स्थान पर अपर्याप्त सतर्कता.
- कदमतला (हावड़ा शहर का एक औद्योगिक क्षेत्र) में 10 योजनाबद्ध MOCs में से केवल एक ही क्रियान्वित किया जा सका है.
- CAG रिपोर्ट में यह पाया गया है कि 10 योजनाबद्ध जेटियों के लिए स्थलों का चयन अभी तक नहीं किया गया है और साथ ही 20 तटीय पुलिस स्टेशनों के उन्नयन के कार्य का प्रारम्भ होना भी अभी शेष है.
3. तटीय योजना चरण II के सभी योजना घटक वित्तीय बाधा न होने के बावजूद भी मूल योजना लक्ष्यों से पीछे थे.
आगे की राह
- राष्ट्रीय वाणिज्यिक समुद्री सुरक्षा नीति दस्तावेज : सरकार को समुद्री सुरक्षा के लिए अपनी रणनीतिक दृष्टि को स्पष्ट करने के लिए इसकी उद्घोषणा करनी चाहिए.
- एक विधायी ढाँचे की आवश्कयता : भारत की समुद्री आधारभूत संरचना की सुरक्षा हेतु प्रणाली और प्रक्रियाओं की अवस्थापना के लिए, जहाजरानी और बंदरगाह दोनों क्षेत्रों को सम्मिलित करने वाले व्यापक कानूनों को लागू किया जाना चाहिए.
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