प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत (India) के 70वें स्वतंत्रता दिवस पर एक अभूतपूर्व काम किया है. ! उन्होंने ‘B’ शब्द छेड़कर भारत और पाकिस्तान मीडिया में सनसनी ला दी है. जहाँ देखो बस India, Balochistan और Pakistan के विषय में ही चर्चा हो रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान का बिना नाम लिए कहा कि बलूचिस्तान जो चाह रहा है वही होगा और पूरा भारत (India) उसके साथ खड़ा है. बलूचिस्तान पाकिस्तान के लिए एक भावुक मुद्दा है और यह “B” शब्द सुनकर ही पाकिस्तान तिलमिला जाता है. ऊपर से Narendra Modi ने इस मुद्दे को सार्वजनिक रूप से जगजाहिर कर के पाकिस्तान को हिला डाला है. मोदी का यह आक्रामक और मुखर speech हर जगह सुर्ख़ियों में है. मगर Balochistan है कहाँ? क्या यह एक देश है? क्या यह Pakistan से अलग है? पाकिस्तान और बलूचिस्तान के बीच क्या सम्बन्ध है? नरेन्द्र मोदी Baloch लोगों को किस बात पर support करना चाह रहे हैं? क्या भारत Pakistan और Balochistan relation के बीच interfere कर रहा है? भारत के इस interference से India और Pakistan के बीच भविष्य में क्या सम्बन्ध रहेगा? आज हम इन्हीं issues पर चर्चा करेंगे पर इन सभी information को जानने से पहले हम Balochistan के map को देख लेते हैं:—-
Balochistan/बलूचिस्तान का भूगोल
- बलूचिस्तान पकिस्तान के चार प्रान्तों में एक है.
- यह पाकिस्तान का पश्चिमी प्रांत है.
- इसकी राजधानी क्वेटा है.
- यह पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है जो पाकिस्तान के कुल क्षेत्रफल का 44% है.
- इसकी जनसंख्या 1 करोड़ 30 लाख के लगभग होगी जो पकिस्तान की कुल जनसंख्या का मात्र 7 प्रतिशत है.
- यहाँ रहने वाले अधिकांश निवासी बलोच समुदाय (Baloch community) के हैं.
- वैसे यहाँ अन्य समुदाय भी रहते हैं जैसे—Pashtuns और Brahuis (द्रविड़ मूल के हैं) .
Balochistan/बलूचिस्तान की अर्थव्यवस्था
- प्राकृतिक गैस (Natural Gas) का बलूचिस्तान की अर्थव्यवस्था में प्रमुख योगदान है.
- बलूचिस्तान प्रांत तेल, यूरेनियम, गैस , तांबा और सोने जैसे प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है.
- इतना समृद्ध प्रांत होने के बावजूद बलूचिस्तान की 50-60% जनसंख्या below poverty line है.
- बलूचिस्तान के ग्वादर बंदरगाह का पाकिस्तान के लिए बहुत महत्त्व है क्योंकि बलूचिस्तान की चौहद्दी बहुत strategic है. इसकी चौहद्दी Punjab, Sindh, FATA, Afghanistan और Iran को स्पर्श करती है.
Balochistan/बलूचिस्तान का इतिहास
Map of British-period Balochistan
बलूचिस्तान का मतलब हुआ—“बलूचों की जमीन”. परन्तु जब ब्रिटिश भारत में राज कर रहे थे तब ही बलूचिस्तान को चार रियासतों में विभाजित कर दिया गया था– इनमें से तीन (Makran, Las Bela और Kharan) रियासत आजादी के बाद 1947 में पाकिस्तान के साथ शामिल हो गए.
Ahmad Yar Khan (कलात के अंतिम राजा) – कलात /”Kalat” (बलूचिस्तान की रियासतों में से एक) को पाकिस्तान में शामिल नहीं करना चाहते थे. 15 August, 1947 को उन्होंने अपने साम्राज्य को स्वतंत्र देश घोषित कर दिया और ब्रिटेन ने मान्यता भी दे दी. पर Muhammad Ali Jinnah ने अप्रैल 1948 को कलात पर आक्रमण कर के कब्जा कर लिया. यार खान को हारकर अंततः संघीय सरकार के पक्ष में एक संधि पर हस्ताक्षर करने पड़े.
1970 के दशक में एक बार फिर से बलोच राष्ट्रवाद का उदय हुआ जिसमें बलूचिस्तान को पाकिस्तान से स्वतंत्र करने की माँग उठी और यह आवाज़ अभी तक उठ ही रही है.
बलूच अलगाववादी समूह
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी एक बलूच अलगाववादी समूह है जो पाकिस्तान से आजादी चाहता है. इस अलगाववादी संगठन ने पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों पर कई बार हमला बोला है. बलोच राष्ट्रवादी पाकिस्तान पर यह आरोप लगाते हैं कि पाकिस्तान बलोच का भला नहीं चाहते. पाकिस्तान चाहता है कि बलोच समुदाय एक पिछड़ा हुआ समुदाय रहे. पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने अवैध रूप से 19,000 बलोचों को हिरासत का में ले लिया और औरतों के साथ बलात्कार किया और बच्चों को मार डाला. पाकिस्तान में बलोच लोगों के विरुद्ध 2004 से अब तक अनेक मिलिटरी ऑपरेशनों में हजारों लोग मारे जा चुके हैं और बड़ी संख्या में लापता और विस्थापित हुए हैं. उनका आरोप है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में भी बलूचों को तालिबान के हाथों पीड़ित होने को प्रोत्साहित करता है. बलूचिस्तान के राष्ट्रवादी नेता भारत से समर्थन की अपील कई वर्षों से कर रहा है.
पाकिस्तान का लालच
पाकिस्तान को बलूचिस्तान से ख़ासा लगाव इसलिए भी है कि बलूचिस्तान की जमीन प्राकृतिक गैस, सोने, ताम्बे, यूरेनियम आदि बहुमूल्य प्राकृतिक संपदाओं से भरी पड़ी है जिसका पकिस्तान दोहन करना चाहता है. बलूचिस्तान की सरजमीं से मिलने वाले गैस से पाकिस्तान की आधी आबादी अपनी जरुरत पूरा करती है और बदले में बलोचों को न तो रोजगार मिलता है और न ही कोई रोयल्टी. ऊपर से बलोचों द्वारा उठाई गई विरोध की आवाज़ को भी दबा दिया जाता है.
अभी की स्थिति…
अभी की स्थिति यह है कि बलूचिस्तान का लगभग 95% एरिया बलोची अलगाववादी के हाथ में है. इस एरिया को B एरिया कहा जाता है और बाकी बचे एरिया को A एरिया कहते हैं जहाँ पाकिस्तानी आर्मी का वर्चस्व है. पाकिस्तान जोर जबरदस्ती कर के B area को A area में बदल देना चाहता है और उसके लिए वह क्रूरता पर उतर आया है. भले बलूची अपने तरीके से इस दमन का विरोध करते हैं पर सच्चाई यह है कि पूरा का पूरा पकिस्तान गृह युद्ध का अखाड़ा बन कर रह गया है. पाकिस्तान हमेशा से दो वर्गों में बँटा रहा है >>> (जो पाकिस्तान की इस literacy rate को देखकर साफ़-साफ़ पता चलता है)
Map of literacy rate of Pakistan
अमीर वर्ग —> पाकिस्तान में अभी भी जमींदारी प्रथा है. इन जमींदारों के पूरे खानदान के पास अथाह पैसा है. ये पंजाबी वर्ग से आते हैं. इनके पास पकिस्तान में सैंकड़ों मील जमीनें हैं, स्विस बैंक में अकाउंट हैं, अमेरिका-लन्दन में जमीन-जायदाद है. Pakistan Administrative Service और बड़े-बड़े पदों पर इनका ही दबदबा है. सेना में भी ये लोग छाये हुए हैं.
गरीब वर्ग —> ये गरीब वर्ग हैं. ये non-punjabis हैं. ये जमींदार वर्ग के गुलाम हैं.
पर मैं आपको पाकिस्तान के अमीर और गरीब वर्ग के विषय में क्यों बताने लगा….चलिए आगे पढ़ते हैं और इसे और गहराई से समझते हैं.
China-Pakistan Corridor Funda (चीन-पाकिस्तान कॉरिडोर)
China को जब अफ्रीकन देशों और अरब देशों से व्यापार करना होता है तो उसे एक लम्बे sea route से गुजरना पड़ता है. आप ही इस मैप को देखें:–
Map of China traditional sea-route
जैसा आप इस map में देख रहे हैं कि चाइना को अफ्रीकन-अरबी लोगों से trade करने के लिए इतने लम्बे route को follow करना पड़ता है. चीन ने राजनीतिक कूटनीति कर के पकिस्तान का सिर्फ इस्तेमाल किया है. पाकिस्तान से घाल-मेल कर के उसने एक shortcut अपनाया जिससे उसका trade route छोटा हो गया. अब उसे इतना घूम कर नहीं जाना होगा. जहाँ चाइना को tradition seat route के माध्यम से मध्य-पूर्व देशों तक पहुँचने में 45 दिन लगते थे, वहीं अब China-Pakistan Corridor/Gwadar Port बन जाने से दस दिन से भी कम लगते हैं. उसने व्यापार के लिए पाकिस्तान से संधि कर के चाइना-पाकिस्तान कॉरिडोर बनाया जो बलूचिस्तान (Balochistan) से हो कर गुजरता है.
Gwadar-Kashgar Economic Corridor
इस कॉरिडोर के जरिये, रोड, रेल और पाइपलाइन (road, rail links as well as pipelines) गुजरेंगी जिससे चाइना प्रत्यक्ष रूप से पश्चिमी एशिया से अरेबियन सी होते हुए oil import कर सकता है.
पर बलूचिस्तानी अलगाववादी इस मार्ग में बाधा पहुँचायेंगे इसलिए पाकिस्तान के अमीर/पंजाबी वर्ग बलूचिस्तान (Balochistan) को दबा कर उन्हें नेस्तनाबूद कर देना चाहता है.
Pakistan को India से क्या चिढ़ है?
भारत ने policy बनाई हुई है कि वह अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा. शायद इसलिए भारत ने कभी भी पब्लिक प्लेटफार्म पर बलूचों और पाकिस्तान का मुद्दा नहीं उठाया. पर दूसरी तरफ पाकिस्तान का यह कहना है कि बलूचिस्तान और पाकिस्तान (Pakistan) के सीमावर्ती कबायली इलाकों में राजनीतिक हिंसा में भारत का हाथ है. उसका आरोप है कि भारत न केवल बलूचिस्तान में आतंकियों को भड़का रहा है, अपितु उन्हें हथियार देकर मदद भी कर रहा है. हाल ही में जब एक आतंकवादी ने बलूचिस्तान की राजधानी में 50 लोगों को मौत के घाट उतार दिया तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत के RAW(Research and Analysis Wing) पर यह कुकृत्य करने का आरोप लगाया. हमेशा की तरह पाकिस्तान (Pakistan) के पास एक बार फिर भारत के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला. सच्चाई यही है कि धूल भरी आँधी, हिंसक सेना, बंजर जमीन और खूंखार लड़ाकू कबीले ही बलूचिस्तान की असली तस्वीर हैं.
बलूचिस्तानी भारत (India) से यह आशा रखते हैं कि वह इस मामले में दख़ल दे. उनकी धारणा है कि जिस प्रकार भारत ने बांग्लादेशियों को पाकिस्तान (Pakistan) के अत्याचारों से मुक्त किया उसी प्रकार वह बलूचिस्तानियों को भी मुक्त होने में सहायता करेगा. इसलिए 15 अगस्त के भाषण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा इस सम्बन्ध में की गई टिपण्णी से हर बलोच खुश है. किन्तु पाकिस्तान इसे उसके आतंरिक मामले में हस्तक्षेप के रूप में देख रहा है.