ईरान ने अपनी मुद्रा का नाम क्यों बदला?

Sansar LochanIndia and non-SAARC countries

ईरान सरकार ने एक महत्त्वपूर्ण निर्णय लेते हुए अपनी मुद्रा का नाम और मूल्य बदलने का निर्णय लिया है. आपको पता होना चाहिए कि अभी तक ईरान की मुद्रा रियाल थी, जिसे अब बदलकर तोमान कर दिया गया है. सभी प्रकार के इरानी मुद्राओं से 4 शून्य हटा दिए जायेंगे. अब 10,000 रियाल के बराबर एक तोमान होगा.

  • ईरान में करेंसी से 4 शून्य हटाने को लेकर 2008 से ही चर्चा चल रही थी. परन्तु 2018 के पश्चात् यह मांग तीव्रता से बढ़ गई थी, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ 2015 में हुई न्यूक्लियर डील से बाहर निकलने का निर्णय लिया था.
  • इसके पश्चात् अमेरिका ने ईरान पर बड़े पैमाने पर प्रतिबंध लाद दिए थे. इसके चलते ईरानी मुद्रा में 60% तक की गिरावट देखने को मिली थी.
  • ईरानी मुद्रा में कमजोरी और बढ़ी महंगाई के चलते देश में 2017 के अंत में बड़े पैमाने पर हिंसक प्रदर्शन भी हुए थे.
  • ईरान में महँगाई अभी भले ही उच्च स्तर पर चल रही हो परन्तु 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद से देश में महंगाई हमेशा मुश्किल का सबब रही है. एक आंकड़े के अनुसार, विगत चालीस वर्षों में केवल चार बार ऐसा हुआ है जब देश में महँगाई का स्तर दहाई के आँकड़े से कम रहा है.
  • 1980 के दशक में इराक के साथ चले लंबे युद्ध के बाद से ही ईरान की आर्थिक स्थिति दुर्बल हो गई थी. विगत दस वर्षों में आर्थिक स्थिति बद से बदतर परिस्थिति में पहुंच गई है.
  • हाल में वैश्विक महामारी के चलते भी ईरान की मुद्रा पर भारी दबाव बना है.

ईरान में मुद्रा का इतिहास

  • रियाल 1932 से ईरान की औपचारिक मुद्रा रहा है. इससे पहले देश में कजर राजवंश के शासन (1785-1925) के दौरान नेशनल करेंसी तोमन ही थी. इसके बाद पहलवी राजवंश (1925-1979) के प्रारम्भिक वर्षों में भी तोमन ही मुद्रा बनी रही.
  • रियाल और तोमन दोनों ही फारसी शब्द नहीं हैं. रियाल शब्द का उद्गम स्पैनिश-पुर्तगाली से हुआ तो वहीं दूसरी ओर,तोमन तुर्क-मंगोल से निकला हुआ माना जाता है. तुर्क-मंगोली से निकले शब्द तोमन का अर्थ होता है दस हजार.

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