पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने देश भर के लिए एक कार्यक्रम बनाया है जिसका पिछले दिनों अनावरण हुआ. इस कार्यक्रम का अनिवारण राष्ट्रीय हरित कोर्ज (National Green Corps – NGC) के पर्यावरण, शिक्षा, जागरूकता एवं प्रशिक्षण (Environment Education Awareness and Training – EEAT) कार्यक्रम के अंतर्गत हुआ. यह कार्यक्रम इकोक्लब (Ecoclubs) के नाम से भी जाना जाता है.
इकोक्लब के उद्देश्य
- पाठशालाओं के बच्चों को पर्यावरण के विषय में जानकारी देना.
- पर्यावरण के संरक्षण के लिए उन बच्चों में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से निरीक्षण, प्रयोग, संरक्षण, अभिलेखन, विश्लेषण और तर्कबुद्धि की क्षमताएं सृजित करना.
- सामुदायिक गतिविधियों के माध्यम से पर्यावरण एवं उसके संरक्षण की दिशा में उचित मनोवृत्ति उत्पन्न करना.
- स्थलों पर ले जाकर और वहाँ प्रदर्शन करके बच्चों में पर्यावरण और विकास से सम्बंधित समस्याओं के प्रति संवेदना पैदा करना.
- बच्चों में तार्किक और स्वतंत्र विचार को बढ़ावा देना जिससे कि वे वैज्ञानिक जिज्ञासा की भावना के साथ उपयुक्त चयन करने में समर्थ हो सकें.
- बच्चों को पर्यावरण संरक्षण से सम्बंधित परियोजनाओं में सम्मिलित कर उनके मस्तिष्क को उत्प्रेरणा देना.
Ecoclub की कार्यपद्धति
- इस योजना में सम्बंधित पाठशालाओं से उन 50-60 छात्रों के इको क्लब होते हैं जिनकी पर्यावरण में रूचि होती है.
- प्रत्येक इको क्लब पर एक प्रभारी शिक्षक होता है जो उसी पाठशाला से चुना जाता है.
- जिला-स्तर पर एक कार्यान्वयन एवं अनुश्रवण समिति होती है जो प्रभारी शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण का प्रबंध करने के साथ-साथ समय-समय पर योजना की निगरानी किया करती है.
- राज्य-स्तर पर भी एक संचालन समिति होती है जो योजना के विषय में आवश्यक मार्गनिर्देश देने का काम करती है.
- राज्य में एक नाभिक एजेंसी (nodal agency) होती है जो उस राज्य में योजना के कार्यान्वयन का समन्वयन करने के साथ-साथ प्रशिक्षक शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण जैसी सम्बंधित गतिविधियों का आयोजन करती है.
- सबसे ऊपर राष्ट्र के स्तर पर इस योजना के लिए एक संचालन समिति होती है जो सभी स्तरों पर इस योजना को निर्देशित करती है तथा लिंकेज का प्रबंध भी करती है.