हम आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey 2020-21) के विषय में मुख्य बिंदु आपको इसी पेज पर प्रस्तुत करेंगे.

अभी कुछ देर में ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक सर्वेक्षण का पूरा ब्यौरा संसद में प्रस्तुत कर देंगी. उसी के अनुसार इस पोस्ट को भी अपडेट कर दिया जाएगा. आप इस पेज को अपने ब्राउज़र में Bookmark कर लें ताकि बार-बार इसे खोल कर बिना किसी झंझट के देख सकें. आर्थिक सर्वेक्षण परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही महत्त्वपूर्ण होता है. विदित हो कि प्रति वर्ष बजट से पूर्व आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया जाता है. इस सर्वे की रिपोर्ट को सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) के नेतृत्व में एक टीम द्वारा तैयार किया जाता है.

आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21

  1. सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार करने और लागत का 1.5 गुना एमएसपी (MSP) देने का फैसला किया.
  2. छोटे और सीमांत किसानों की मदद के लिए, सरकार ने लगभग 1.13 लाख करोड़ रुपये सीधे उनके खातों में स्थानांतरित किए हैं. इसके अतिरिक्त, किसानों को फसल बीमा योजना से भी बहुत लाभ हुआ है.
  3. आज सिंचाई के साधनों में काफी सुधार हुआ है. अब, पारंपरिक सिंचाई विधियों के साथ, सरकार किसानों को सिंचाई के नए तरीके प्रदान करने के लिए भी काम कर रही है.
  4. सरकार ने वित्त वर्ष 2022 (अप्रैल 2021 से मार्च 2022) के सकल घरेलू उत्पाद में 11 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है.
  5. कोरोनोवायरस लॉकडाउन द्वारा पस्त हुई अर्थव्यवस्था, 2021-22 वित्तीय वर्ष में एक दृढ़ सुधार देखने की उम्मीद है. अप्रैल-जून में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 23.8 प्रतिशत और दूसरी तिमाही में 7.5 प्रतिशत दर्ज किया गया. अर्थव्यवस्था में वी-आकार वाली सुधार देखी जा सकती है. (V आकार वाली अर्थव्यवस्था क्या होती है? यह आर्टिकल पढ़ें > Click here)
  6. आर्थिक सर्वेक्षण 2021 में चालू वित्त वर्ष के लिए 7.7 प्रतिशत के संकुचन का अनुमान है.
  7. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने 2019-20 में 4.2 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में 2020-21 में वास्तविक जीडीपी में 7.7 प्रतिशत की कमी का अनुमान लगाया है. यह 1960-61 के बाद से भारत की जीडीपी में चौथा संकुचन है. 1965-66 और 1971-72 में संकुचन युद्धों और सूखे के कारण हुआ, जबकि 1979-80 का संकुचन सूखा और राजनीतिक अस्थिरता से जुड़ा था. इन सभी वर्षों में एक सामान्य कारक कृषि उत्पादन में गिरावट थी. वर्ष 2021-21 में, इसके विपरीत, प्रचुर मात्रा में मौनसून देखा गया जिसके फलस्वरूप कृषि क्षेत्र फला-फूला. इस वर्ष के संकुचन का कारण (महामारी) बहुत ही दुर्लभ है.
  8. आर्थिक सर्वेक्षण 2021 में वर्णित विवरणों के अनुसार व्यावसायिक गतिविधियों के अधिक तीव्रता से सामान्य होने, त्यौहारों में बढ़ने वाली तथा थमी हुई माँगों का अधिक होना तथा नीतिगत समर्थन के कारण उत्तरार्ध में आर्थिक स्थिति प्रत्याशित से अधिक तेज दर से सुधरने की आशा है. 

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