“वर्तमान समय में नैतिकता का अभ्यास एक सिविल सेवक को आवश्यक क्यों है?” तर्क प्रस्तुत कीजिए। (GS Paper 4)
“Why is it necessary for a civil servant to practice ethics at present time?” Present the argument.
क्या करें
✅ नैतिकता का इतिहास या पृष्ठभूमि बताते हुए उत्तर की शुरुआत करें
✅ ग्राफिकल प्रस्तुति जरूर दें
क्या न करें
❌ वर्तमान समय में एक सविल सेवक नैतिकता का पालन नहीं करते हैं, इसकी पुष्टि मत कीजिए. क्योंकि प्रश्न में आवश्यकता पूछी गई है न कि इस बात को एक कथन के रूप में प्रस्तुत किया गया है कि “एक सिविक में आज की तिथि में नैतिकता की कमी देखी जाती है.”
उत्तर :
भारत में प्राचीन काल से ही कई लोगों /व्यक्तित्वों द्वारा निकट का अभ्यास किया जाता था, उदाहरणार्थ बुद्ध का अष्टांगिक मार्ग और कलिंग युद्ध के बाद अशोक को प्राप्त यथार्थ का ज्ञान. औद्योगिक क्रांति शुरू होने के पश्चात् नीतिशास्त्र नैतिकता तब और अधिक प्रासंगिक हो गई जब मनुष्य लालची प्रवृत्ति का हो गया और प्रकृति का शोषण व दोहन करने लगा. उपनिवेशवाद, साम्राज्यवाद का दौर प्रारम्भ हो गया तथा समाज में स्पष्ट रूप से देखा जाने लगा कि गरीब और गरीब होता गया और धनीवर्ग और भी धनी होते चले गये. अपराध और भेदभाव समाज में हर जगह होने शुरू गए.
हम भली-भाँति इस बात से परिचित हैं कि एक सिविल सेवक को अपनी सेवा के दौरान विभिन्न महत्त्वपूर्ण परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है और उनका सामना करना पड़ता है. इसलिए, नीतिशास्त्र का अध्ययन करना और उन मूल्यों को प्रशासन में सम्मिलित करना अत्यंत आवश्यक है. समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए, यह न केवल उन्हें निर्णय लेने में सहायता करता है बल्कि उन्हें अवसर भी प्रदान करता है. उच्चतम नैतिक मूल्यों का पालन करना सिविल सेवकों का प्राथमिक उद्देश्य होना चाहिए क्योंकि राज्य मशीनरी उन्हीं के कंधों पर टिकी हुई है. लोकतंत्र में लोगों का तंत्र में विश्वास बनाए रखने हेतु उन्हें आदर्शों को बनाए रखना चाहिए. हम सब जानते हैं कि सिविल सेवा वह स्टील फ्रेम है जिस पर सार्वजनिक प्रशासन का ढाँचा तैयार होता है. यदि इस स्टील फ्रेम को भ्रष्टाचार और अनैतिक मूल्यों का बनाया गया तो कल्याणकारी उपाय, शिकायतों का समाधान एवं नीतियों को लागू करने वाली राज्य मशीनरी बिखर जाएगी.