Export policy
भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय ने निर्यात नीति (export policy) के लिए एक व्यापक प्रारूप तैयार किया है जिसमें उत्पादवार नियम (product-specific rules) वर्णित किये गये हैं जिससे कि निर्यातकों के लिए यह रेडी रेकनर का काम कर सके.
प्रारूप निर्यात नीति, 2019 के मुख्य तथ्य (Highlights of the Draft Export Policy, 2019)
- इस प्रारूप का उद्देश्य प्रत्येक उत्पाद के लिए निर्यात मानदंड तय करना है.
- यह प्रारूप सभी ITC (HS) टैरिफ कोडों के लिए व्यापक निर्यात नीति का प्रावधान करता है. इन कोडों में वे वस्तुएँ भी होंगी जो निर्यात के लिए “स्वतंत्र” होती हैं और वर्तमान में लागू नीति में इनका अस्तित्व नहीं है. यह प्रारूप निर्यात पर भागीदार सरकारी एजेंसियों के द्वारा थोपी गईं शर्तों, प्रतिबंधों पर भी प्रकाश डालता है.
- नई नीति निर्यातकों को किसी विशेष उत्पाद पर लागू होने वाले मानदंडों को जानने में सहायता करेगी और वस्तु विशेष के लिए नीतिगत शर्तों को समझने में उन्हें आसानी होगी.
- प्रारूप को देखने से पता चलता है कि इसका मुख्य ध्यान मानदंडों को एक जगह लाना है, न कि देश की वर्तमान निर्यात नीति में परिवर्तन लाना है. इसमें विभिन्न सरकारी एजेंसियों के द्वारा थोपे गये गैर शुल्कीय नियमों को भी स्थान दिया गया है.
ITC (HS) कोड क्या है?
- ITC (HS) कोड भारतीय व्यापार विशदीकरण (Clarification) के नाम से अधिक जाने जाते हैं. ये कोड कोडिंग के हार्मोनाइज्ड सिस्टम (HS) पर आधारित होते हैं. इन कोडों को आयात-निर्यात कारोबार के लिए अपनाया था. राष्ट्रीय व्यापार की अपेक्षाओं के अनुकूल, भारतीय चुंगी एक आठ अंकों वाले ITC (HS) कोड का प्रयोग करती है.
- ITC (HS) कोड में परिवर्तन अथवा नए कोड बनाने और जोड़ने के लिए सक्षम निकाय DGFT अर्थात् विदेश व्यापार महानिदेशालय (Directorate General of Foreign Trade) होता है.
Tags : Key features, need, challenges and significance of the Highlights of the Draft Export Policy, 2019. What is ITC (HS) Code? The Hindu
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