Most ancient type of molecule in our universe
वैज्ञानिकों ने हाल ही में पहली बार अन्तरिक्ष में हीलियम हाइड्राइड आयन (HeH+) नामक अणु की खोज की है जिसे हमारे ब्रह्माण्ड का प्राचीनतम प्रकार का अणु माना जाता है.- इस अणु की खोज ग्रह निहारिका NGC 7027 के आवरण के अन्दर की गई. इसमें सोफिया नामक अन्तरिक्ष में स्थित वेधशाला GREAT spectrometer की सहायता ली गई.
- प्रारम्भिक ब्रह्माण्ड के इतिहास में HeH+ का बड़ा महत्त्व है, परन्तु अभी तक इसका पता नहीं लग पाया था क्योंकि यह अन्तरिक्ष की निहारिकाओं में छुपा हुआ था, जो बाह्य अन्तरिक्ष के गैस के बादलों और धूल की बनी होती हैं.
HeH+ कैसे बना?
- हीलियम हाइड्राइड आयन (HeH+) वह पहला अणु है जो 14 बिलियन वर्ष पहले तब बना जब ब्रह्मांड का तापमान कम होते-होते 4000 Kelvin के नीचे आ गया था जिस कारण बिग बैंग के समय उत्पन्न हल्के तत्त्व (हाइड्रोजन, हीलियम, ड्यूटेरियम तथा लिथियम के कुछ अंश) आपस में जुड़ने लगे थे. उस समय आयनीकृत हाइड्रोजन और न्यूट्रल हीलियम के परमाणुओं ने आपस में प्रतिक्रिया की जिससे HeH+ की उत्पत्ति हुई.
- सबसे पहले हीलियम मुक्त इलेक्ट्रोनों से जा जुड़ा जिससे पहले-पहले न्यूट्रल परमाणु का जन्म हुआ. उस समय हाइड्रोजन अभी भी आयनीकृत था अथवा शुद्ध प्रोटोन के रूप में विद्यमान था. जब हीलियम के परमाणु इन प्रोटोनों से जुड़े तो हीलियम हाइड्राइड आयन (HeH+) की उत्पत्ति हुई जो ब्रह्मांड का पहला अणुबंध था.
- जैसे-जैसे यह बंधन आगे बढ़ा HeH+ उस समय के न्यूट्रल हाइड्रोजन के साथ प्रतिक्रिया करता चला गया और आणविक हाइड्रोजन के निर्माण का पहला मार्ग खोल दिया. यह घटना आधुनिक ब्रह्मांड के आरम्भ का संकेत थी.
खोज का महत्त्व
खगोलवेत्ताओं को बहुत दिनों से तारों के बीच फैले विशाल अन्तरिक्ष में HeH+ के अस्तित्व का कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिल रहा था. अब यह साक्ष्य मिल जाने से खगोलशास्त्र में एक क्रांति आ गई है. HeH+ का पता लग जाना दिखलाता है कि प्रकृति में अणुओं को बनाने की प्रवृत्ति कितनी नाटकीय और सुन्दर है.