भारत सरकार ने कोविड-19 से उत्पन्न आर्थिक स्थिति को देखते हुए 20 लाख करोड़ रु. की आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी. उस पैकेज की तीन किस्तें जारी हो चुकी हैं, अब पुनः चौथी और पाँचवी किस्तों की घोषणा हुई है.
आर्थिक पैकेज की चौथी क़िस्त
इस चौथी क़िस्त में जिन आठ क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया है, वे हैं – कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, नागरिक विमानन, ऊर्जा, सामाजिक अवसंरचना, अन्तरिक्ष एवं आणविक ऊर्जा. इस पैकेज के अंतर्गत निम्नलिखित सुधार किये जा रहे हैं –
- निजी क्षेत्र को अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ISRO की सुविधाओं और अन्य संपदाओं का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी.
- निजी सार्वजनिक भागीदारी (PPP) की पद्धति से चिकित्सकीय आइसोटोप के उत्पादन के लिए अनुसंधान रिएक्टर स्थापित किये जायेंगे.
- PPP पद्धति से ही भोज्य पदार्थों के संरक्षण के लिए विकिरण तकनीक का प्रयोग करने के लिए सुविधाओं का सृजन किया जाएगा.
- निजी क्षेत्र से निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार Viability Gap Funding (VGF) की मात्रा को पूरी परियोजना की लागत के 30% तक बढ़ा देगी.
- नागरिक विमानन को अधिक कुशल बनाने के लिए भारतीय वायु-अन्तरिक्ष के उपयोग पर लगे प्रतिबंधों को ढीला किया जाएगा.
- भारत को वायुयान संधारण, मरम्मत और ओवरहॉल (Maintenance, Repair and Overhaul – MRO) का वैश्विक हब बनाया जाएगा.
- खनिज क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ाने के लिए खनिजों की खोज, खनन एवं उत्पादन की एक समेकित व्यवस्था निर्मित की जायेगी.
- कैप्टिव और गैर-कैप्टिव खदानों का भेद मिटा दिया जाएगा.
- कोयला क्षेत्र में रुपये प्रति टन के आधार पर राजस्व के बँटवारे की वर्तमान व्यवस्था को हटाकर व्यावसायिक खनन की व्यवस्था लाई जायेगी.
- कोल इंडिया लिमिटेड के कोयला खदानों से कोल बेड मीथेन (CBM) निकालने का अधिकार देने के लिए उनकी नीलामी की जायेगी.
- आटोमेटिक रूट के अंतर्गत रक्षा विनिर्माण में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) की सीमा 49% से बढ़ाकर 74% कर दी जायेगी.
- एक अधिसूचना निकाली जायेगी जिसमें उन हथियारों और मंचों की सूची होगी जिनका निर्यात अब प्रतिबंधित हो जाएगा.
- आयुध आपूर्ति में स्वायत्तता और कुशलता बढ़ाने के लिए आयुध कारखाना बोर्ड का निगमीकरण किया जाएगा.
- संघीय क्षेत्रों के ऊर्जा विभागों/सुविधाओं का निजीकरण किया जाएगा.
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