G8 देशों के 24/7 नेटवर्क के बारे में जानकारी

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आपराधिक मामलों में विदेशों से कानूनी सहायता लेने की प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने संशोधित दिशा-निर्देश निर्गत किये हैं. इसके अतिरिक्त उसने इन विषयों पर भी मार्गनिर्देश दिए हैं – लेटर्स रोगेट्री (letters rogatory) के लिए प्रारूप-निर्माण एवं प्रक्रिया,  सूचनाओं को गंतव्य तक पहुँचाने तथा पारस्परिक कानूनी सहायता (mutual legal assistance) हेतु अनुरोध, सूचनाएँ तथा अन्य न्यायिक प्रलेख.

नए दिशा-निर्देश क्या हैं?

  • विदेश के सर्वर में होस्ट किये हुए किसी व्यक्ति के ई-मेल खाते के बारे में सूचना माँगने से पहले अन्वेषण एजेंसियों को यह सिद्ध करना होगा कि यह खाता किसी अपराध से जुड़ा हुआ है.
  • व्यक्तिगत समेत सभी प्रकार के डाटा को कानूनी रूप से और न्यायपूर्वक ही प्राप्त किया जाएगा. जिस देश से सूचना के लिए अनुरोध किया गया है उसको यह भी बताना होगा कि डाटा कब तक चाहिए.
  • विदेश से जो डाटा मिलेगा उसको उसी अवधि तक अपने पास रखना होगा जब तक डाटा लेने का उद्देश्य पूरा हो जाए. तत्पश्चात् डाटा सम्बन्धित देश को या तो वापस कर दिया जायेगा अथवा अवधि के पूरे होने पर डिलीट कर दिया जायेगा.
  • साइबर अपराधों और डिजिटल साक्ष्य से जुड़े अपराधों की पड़ताल के लिए डाटा को सुरक्षित रखना अतीव आवश्यक होगा.
  • किसी भी डाटा को तत्क्षण सुरक्षित रखने के लिए अनुरोध करने हेतु G8 देशों के 24/7 नेटवर्क का उपयोग किया जा सकता है.

G8 देशों का 24/7 नेटवर्क क्या है?

यह एक ऐसा नेटवर्क है जिससे कानून प्रवर्तन एजेंसियाँ किसी डिजिटल डाटा को उसके नष्ट होने के पहले अविलम्ब सुरक्षित रखने के लिए अनुरोध करती हैं. यह एक नया तंत्र है जो प्रतिभागी सरकारों अथवा अन्य स्वायत्त कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सम्पर्क की सुविधा प्रदान करता है.

साइबर अपराध के मामलों में अविलम्ब सहायता के लिए यह एक बिना किसी मध्यस्थता के काम करने वाला नेटवर्क है.

Tags : Revised guidelines to streamline the process of seeking legal assistance from foreign countries in criminal matters, About G-8 24/7 Network in Hindi.

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