Global Nutrition Report 2020
2020 का वैश्विक पोषण प्रतिवेदन (Global Nutrition Report) निर्गत हो चुका है. ज्ञातव्य है कि इस प्रतिवेदन से विश्वभर में पोषण के प्रति सरकारों, सहायता प्रदान करने वालों, सिविल सोसाइटियों, संयुक्त राष्ट्र एवं व्यवसाय जगत के 100 हितधारकों की प्रतिबद्धता का अनुगमन किया जाता है.
यह विडियो जरुर देखें >
इसकी परिकल्पना 2013 में सम्पन्न प्रथम वृद्धि के लिए पोषण पहल के शिखर सम्मलेन (Nutrition for Growth Initiative Summit – N4G) में की गई थी.
ग्लोबल न्यूट्रिशन रिपोर्ट में भारत की स्थिति
- भारत उन 88 देशों में से है जो 2025 तक वैश्विक पोषण लक्ष्यों को प्राप्त करने में विफल रह सकते हैं.
- भारत में कुपोषण को लेकर घर के अन्दर विषमता की दर सर्वाधिक है.
- नाइजीरिया और इंडोनेशिया के साथ भारत उन तीन सबसे बुरे देशों में से है जहाँ विभिन्न समुदायों के बीच कुंठित वृद्धि में असामनता देखी जाती है.
- पोषण के चार संकेतक निर्धारित हैं – 5 वर्ष की कम आयु के बच्चों में कुंठित वृद्धि, प्रजनन आयु वाली महिलाओं में रक्ताल्पता, बच्चों का अधिक भारी होना तथा केवल स्तनपान पर बच्चों को रखना. प्रतिवेदन के अनुसार, इन सभी संकेतकों के लक्ष्य तक भारत का पहुँचना संदिग्ध है.
- बच्चों का हल्का होना : 2000 से 2016 के बीच कम भार वाले बच्चों का प्रतिशत लड़कों के मामले में 66% से घटकर 58.1 % तथा लड़कियों के मामले में 54 .2% से घटकर 50.1% हो गया है. परन्तु यह स्थिति उत्साहजनक नहीं है क्योंकि एशिया में कम भार वाले लड़कों और लड़कियों का औसत प्रतिशत क्रमशः 35.6% और 31.8% है.
- उम्र की दृष्टि से कुंठित विकास (Stunting) और लम्बाई की दृष्टि से कम वृद्धि (Wasting) : भारत में पांच वर्ष से कम के 9% बच्चों में उम्र की दृष्टि से वृद्धि कम हो रही है तथा 20 . 8% बच्चे ऐसे हैं जिनमें लम्बाई की दृष्टि से कम वृद्धि हुई है. विदित हो कि इन मामलों में एशिया का औसत क्रमशः 22.7% और 9.4% है.
- रक्ताल्पता : प्रजनन के योग्य आयु वाली भारत की आधी महिलायें रक्ताल्पता से ग्रस्त होती हैं. वहीं दूसरी ओर, मोटापा और अधिक भार की दर बढ़ती जा रही है. यह दर महिलाओं और पुरुषों में क्रमशः 21.6% और 17.8% है.
वैश्विक पोषण लक्ष्य
विश्व स्वास्थ्य सभा ने 2012 में माताओं, शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए पोषण के छह लक्ष्य निर्धारित किये थे जिनको 2025 तक पूरा किया जाएगा.
- सरकारों से अपेक्षा की गई है कि वे पाँच वर्ष से कम के बच्चों में उम्र की दृष्टि से कुंठित वृद्धि को 40% घटा दें तथा 19-49 आयुवर्ग की महिलाओं में रक्ताल्पता 50% कम कर दें.
- इसके अतिरिक्त सरकारों को चाहिए कि जन्म के समय बच्चे के भार में 30% कमी सुनिश्चित करें और बच्चों को आवश्यकता से अधिक भारी नहीं होने दें.
- जन्म के पहले छह महीने तक केवल स्तनपान पर बच्चे को रखने की दर को कम से कम 50% बढ़ाने का लक्ष्य है.
- बचपन में लम्बाई की दृष्टि से कुंठित वृद्धि को 5% से कम पर रखने का लक्ष्य है.
Tags : Global Nutrition Report 2020. Overview of the report and India’s performance.