Global Talent Competitiveness Index
2020 का वैश्विक प्रतिभा प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक (Global Talent Competitive Index – GTCI) प्रकाशित हो गया है.
वैश्विक प्रतिभा प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक क्या है?
- यह वार्षिक सूचकांक 2013 से चल रहा है.
- इसमें बताया जाता है कि अलग-अलग देशों में प्रतिभा के लिए स्पर्धा करने की कितनी योग्यता है.
- यह सूचकांक INSEAD बिज़नस स्कूल द्वारा निर्गत किया जाता है. इसमें गूगल और Adecco ग्रुप भी भागीदारी करते हैं.
- इसके अंतर्गत 70 संकेतकों के आधार पर प्रतिभा प्रतिस्पर्धात्मकता का मापन होता है, जैसे – नौकरी पर रखने की सुलभता, कमाई में लैंगिक अंतराल, प्रतिष्ठानों में प्रशिक्षण आदि.
उद्देश्य
- इस सूचकांक को जारी करने का उद्देश्य प्रतिभा के लिए विभिन्न देशों की प्रतिस्पर्धा की क्षमता का मापन करना है.
- यह रिपोर्ट नीति-निर्माताओं को एक ऐसा अद्वितीय संसाधन उपलब्ध कराती है, जिससे वह वैश्विक प्रतिभा प्रतिस्पर्धा परिदृश्य को समझ सकें और अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि के लिए रणनीतियां विकसित कर सकें.
भारत का प्रदर्शन
- इस बार भारत को 72वाँ स्थान मिला है. विदित हो कि 2019 में भारत को 80वाँ स्थान मिला था. इस प्रकार भारत का प्रदर्शन थोड़ा-सा सुधरा है.
- औपचारिक शिक्षा के मामले में भारत को 68वाँ स्थान मिला है, अतः देश की शिक्षा व्यवस्था में बहुत कुछ किया जाना शेष है.
- कुछ संकेतकों में भारत का प्रदर्शन अच्छा है, जैसे प्रतिभा में वृद्धि (44वाँ), आजीवन ज्ञानार्जन का स्तर (40वाँ) और वृद्धि के अवसर की सुलभता (39वाँ).
- भारत को सबसे अधिक अंक रोजगार के लिए मिले हैं, किन्तु देश में माध्यमिक स्तर के कौशल की स्थिति अच्छी नहीं है जिस कारण श्रम बाजार की माँग और आपूर्ति में अंतराल देखने को मिलता है.
वैश्विक प्रदर्शन
सूचकांक में प्रथम तीन स्थान पर स्विट्ज़रलैंड, अमेरिका और सिंगापुर आते हैं.
प्रतिवेदन में अंकित मंतव्य
- प्रतिभा चैंपियनों और शेष विश्व के बीच की खाई बढ़ती जा रही है.
- कृत्रिम बुद्धि के विषय में भी विश्व में ऐसी ही खाई देखने को मिलती है. तात्पर्य यह है कि कृत्रिम बुद्धि का वितरण हर जगह समान रूप से नहीं है.
- विकासशील विश्व की आधे से अधिक जनसंख्या के पास मूलभूत डिजिटल कौशल नहीं है.