Government Data 2017-2018 : सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय

Sansar LochanGovt. Data, Kalua and Tulsi

Tulsi and Kalua Discussing about Latest Data of Ministry of Road Transport and Highways – 2017-2018

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय

भारतमाला परियोजना

  1. मल्टी मॉडल समेकन के साथ राजमार्ग क्षेत्र के लिए विकास के लिए 5,35,000 करोड़ रु. का नया कार्यक्रम.
  2. देशभर में दुर्घटना की आशंका वाले 779 स्थलों की पहचान कर उन्हें दुरुस्त किया जा रहा है.
  3. राष्ट्रीय राजमार्ग अब 27 किलोमीटर प्रतिदिन की रफ़्तार से बनाए जा रहे हैं.
  4. मंत्रालय ने पिछले चार वर्षों में 51,073 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण के लिए काम आवंटित किया है.
  5. वर्ष 2018 में 16,000 k.m. राष्ट्रीय राजमार्ग बनाया गया है जोकि भारत में एक वर्ष में अब तक हुए निर्माण में सर्वाधिक है.
  6. भारतमाला कार्यक्रम पूरा होने के बाद मौजूदा 300 जिलों की तुलना में देश के सभी 550 जिले राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़ जाएँगे. मौजूदा 40% की तुलना में लगभग 70-80% प्रतिशत माल ढुलाई राष्ट्रीय राजमार्गों से होगी.
  7. कार्यक्रम के तहत नए गलियारों का चयन इस ढंग से किया गया है कि यात्रा के समय में 20-25% कटौती हो. इसके अतिरिक्त 32,853 करोड़ रुपये के खर्च से 35 मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क भी बनाए जाएँगे.
  8. स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत आयोजित स्वच्छता पखवाड़े में शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के 371 टोल प्लाजा में शौचालयों का निर्माण किया गया है.

सेतु भारतम परियोजना

  1. रेलवे ओवर ब्रिज/अंडर पासों के निर्माण से 2019 तक सभी राष्ट्रीय राजमार्गों को रेलवे लेवल क्रासिंग से मुक्त कर सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करना.
  2. 20,800 करोड़ रु. की धनराशि से रेलवे ओवर-ब्रिजों/अंडर-ब्रिजों का निर्माण करना.

सागरमाला परियोजना

  • 8 करोड़ रु. से अधिक के बुनियादी ढाँचा निवेश के साथ 500 से अधिक परियोजनाएँ शामिल.
  • सागरमाला में 19 राज्यों और संघशासित प्रदेशों में विभिन्न परियोजनाएँ शामिल हैं.
  • सागरमाला से संचालन खर्च के रूप में सालाना 35,000 करोड़ से 40,000 करोड़ रूपये की बचत होने की संभावना है. इससे निर्यात में भी 110 अरब अमेरिकी डॉलर की बढ़ोतरी होगी.
  • बड़े बंदरगाहों के इर्द-गिर्द विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZ) और तटीय आर्थिक क्षेत्रों के गठन पर जोर दिया जा रहा है.
  • जेएनपीटी (जवाहर लाल नेहरु पोर्ट ट्रस्ट) में बहु-कौशल प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया गया है जिसमें सालाना 1,500 लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा.
  • वर्ष 2013-14 के सिर्फ 95 क्रूज जलपोत की तुलना में 2016-17 में 166 क्रूज जलपोत भारत आये और इनकी संख्या में कई गुना वृद्धि होने की संभावना है.
  • मछुआरों की आजीविका में सुधार के लिए नौ समुद्र-तटीय राज्यों में 26 मत्स्य आखेट बंदरगाह परियोजनाएँ शुरू करने की योजना है.

बंदरगाह से सम्बंधित परियोजना

  1. अप्रैल से दिसम्बर, 2017 के दौरान प्रमुख बंदरगाहों के कार्यक्षमता से सम्बद्ध मानदंड चिन्हित किये गये हैं. जहाज से माल उतारने और लादने का कार्य 73 घंटे की तुलना में 65 घंटे में सम्पन्न.
  2. प्रमुख बंदरगाहों के ऑपरेटिंग सरप्लस में 2017 की तुलना में 2018 में 11 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई.

जल परिवहन

  1. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय राष्ट्रीय मार्ग घोषित 111 जलमार्गों को नौवहन के लिए विकसित कर रहा है.
  2. गंगा, ब्रह्मपुत्र, बराक, कृष्णा, महानदी, अम्बा, नर्मदा इत्यादि नदियों पर 10 जलमार्गों के लिए काम प्रारम्भ हो गया है.
  3. गंगा पर विश्व बैंक की सहायता से 5,369 करोड़ रुपये की जलमार्ग विकास परियोजना तेज रफ़्तार से आगे बढ़ रही है.
  4. ब्रह्मपुत्र नदी पर रो-रो सेवा धुबरी और हतिसिंगीमारी के मध्य चल रही है. इन दोनों शहरों के बीच पिछले छह महीनों में 36,000 यात्रियों और 450 ट्रकों का परिवहन रो-रो के जरिये हुआ है. इससे सड़क यात्रा भी 230 किलोमीटर कम हुई है.
  5. बराक नदी पर राष्ट्रीय जलमार्ग – 16 के जरिये बांग्लादेश के लिए अंतर्राष्ट्रीय माल ढुलाई भी होती है.

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DATA 2017-2018 : राज्यवार क्रम से सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय 

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश राज्य में, 2014 तक राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 7,643 k.m. थी. 2018 में, यह लंबाई बढ़कर इन प्रिंसिपल राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 13,339 k.m. हुई.
  • 5,696 k.m. के NH बने.
  • NH निर्माण के लिए ₹ 1,20,000 करोड़ निर्धारित किये गये.
  • 3,168 k.m. के लिए ₹ 35,000 करोड़ के डीपीआर तैयार किए जा रहें हैं.

उत्तराखंड

उत्तराखंड, जिसे देवभूमि कहा जाता है, धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का एक अद्वितीय संयोजन है. यहाँ पर्यटन लोगों को आकर्षित करता है. राज्य में सड़क कनेक्टिविटी के सुधार के लिए सभी मौसम स्थितियों के अनुरूप सड़कों का एक नेटवर्क मजबूत और सुरक्षित किया जा रहा है.
  • 2018 में, केवल 4 वर्षों में 2,509 की आकृति 3,492 k.m. तक पहुंच गई है.
  • दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और दिल्ली-सहारनपुर राजमार्ग के पूरा होने के बाद उत्तराखंड पहुंचना आसान होगा.
  • राज्य में 61 परियोजनाओं पर काम प्रगति पर है.

बिहार सड़क के साथ जल परिवहन में विकास

बिहार दुनिया भर के आध्यात्मिक पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय स्थल है. दुनिया भर के पर्यटक आज बौद्ध सर्किट के माध्यम से यात्रा कर सकते हैं.
  • पिछले 4 वर्षों में राष्ट्रिय राजमार्गों की लम्बाई दोगुनी हो गई है.
  • पिछले 4 वर्षों में सड़क परियोजनाओं की अवार्डेड लंबाई में 37.3% की वृद्धि हुई.
  • 4 वर्षों में 1,146 k.m. राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया है.

छत्तीसगढ़ 24X7 सड़क संपर्क

2014 से छत्तीसगढ़ में सड़क बुनियादी ढांचे के विकास में तेज़ी से प्रगति देखी गई है.
  • छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 3,508.4 k.m. पहुंच गई है.
  • पिछले 4 वर्षों में ₹ 9,070.20 करोड़ की संभावित लागत वाले NH अवार्ड किए गए है.
  • सामाजिक-आर्थिक प्रगति एक नई गति है.

दिल्ली मास्टर प्लान

दिल्ली मास्टर प्लान में यूईआर 2 का प्रस्ताव दिया गया है.
  • सड़कों का ऐसा तंत्र विकसित किया गया, जिससे थमे हुए यातायात को रफ़्तार मिल सके.
  • समय और ईधन में बचत के साथ दिल्ली की प्रदूषण समस्या को हल करने का भी प्रयास किया गया है.
  • दिल्ली में नए सड़क निर्माण के लिए ₹ 60,500 करोड़ का निवेश किया जा रहा है.

गुजरात बना विकास का सेतु

भरूच ब्रिज जैसे नए राष्ट्रीय राजमार्ग इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण ने 2014-18 तक पड़ोसी राज्यों के साथ सामाजिक-आर्थिक संबंधों को मजबूत किया है.
  • गुजरात में NH की लम्बाई 7,873 k.m. पहुंच गई है.
  • ₹ 1 लाख करोड़ के निवेश के साथ परियोजनाएँ प्रारम्भ की जाएंगी.
  • सामाजिक-आर्थिक प्रगति एक नई गति है.

हरियाणा

हरियाणा ने राष्ट्रीय राजमार्ग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में तेज़ी देखी है. 2014 में NH की लंबाई 1,659 k.m. से बढ़कर 2018 में 3,531 k.m. हो गई.
  • ₹ 14,000 करोड़ के निवेश के साथ 38 विकास परियोजनाएँ प्रारम्भ की गईं जो की 2019 में पूरा होने के लिए निर्धारित है.
  • कुंडली को गाजियाबाद द्वारा पलवल को जाड़ते हुए, ₹ 11,000 करोड़ की लागत से बनें, 135 k.m. लम्बे, 6 लेन वाले ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे का निर्माण हुआ.

हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश राज्य अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है. पिछले 4 वर्षों में, कनेक्टिविटी, पर्यटन स्थलों और पिछड़े क्षेत्रों में सुधार को प्राथमिकता दी गई है.
  • 16 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएँ पूरी की गई.
  • 639 k.m. लंबाई की, 42 परियोजनाएँ तेज़ी से बढ़ रही हैं.
  • हिमाचल प्रदेश में सड़क विकास के लिए ₹ 40,000 करोड़ का निवेश किया जाएगा.

जम्मू और कश्मीर

जम्मू-कश्मीर में 2014-18 के बीच प्रगति में तेज़ गति देखी गई.
  • NH की लंबाई 2014 में 1,695 k.m. से बढ़कर 2018 में 2,584 k.m. हो गई.
  • NH की संख्या बढ़कर 14 हो गई.
  • राज्य में 969 k.m. से अधिक नए NH घोषित किये गए.
  • 400 k.m. में फैले 4 राज्य राजमार्गों को NH में अपग्रेड किया गया.

झारखंड 

झारखंड खनिज सम्पदा से संपन्न राज्य है. यह राज्य ओडिशा, छत्तीसगढ़ और बिहार तक पहुंचने का मार्ग प्रदान करता है.
  • 4 वर्षों में NH की लम्बाई में 5,389 k.m. वृद्धि हुई.
  • NH की संख्या 23 से बढ़कर 68 हुई.
  • पिछले 4 वर्षों में सड़क परियोजनाओं में ₹ 9,472.01 करोड़ के निवेश के साथ अवार्डेड लागत में 460% की वृद्धि हुई.

मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश में, 4 वर्षों में राष्ट्रीय राजमार्ग में काफी विस्तार हुआ है. शहरों के बीच ट्रैफिक कम करने के लिए बाईपास दिए गए. सड़कों का विस्तार एवं चौड़ीकरण किया गया.

  • 1,652 k.m. राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण 4 वर्षों में किया गया.
  • चंबल एक्सप्रेसवे की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा रही है जो की 300 k.m. फैले, ₹ 5,000 करोड की अनुमानित लागत से बिहौरा होते हुए चंबल नदी के समानांतर चलेगा.

महाराष्ट्र 

महाराष्ट्र ने पिछले 4 वर्षों में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के लिए 3 गुना काम किया है. 2014 से पहले राष्ट्रीय राजमार्गों की लम्बाई 6,249.2 k.m. थी जो की बढ़कर 2018 में 17,749 k.m. हो गयी.

  • सैद्धांतिक रूप से स्वीकृति वाले 5,267 k.m. की सड़कों को 2-लेन पेव्ड शोल्डर विकसित करने का प्रस्ताव है.
  • महाराष्ट्र के निचले इलाके के हाइवे को सुरक्षित और बेहतर बनाने पर ₹ 40,313 करोड़ व्यय किए जा रहे हैं.

राजस्थान

राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 2014 में 7,496 k.m. से बढ़कर 2018 में 14,465 k.m. हो गई.
  • NH की संख्या 2014 में 35 से बढ़कर 2018 में 85 हो गई.
  • ₹ 10,000 करोड़ की लागत से सड़क विकास कार्य सम्पूर्ण हुआ.
  • ₹ 12,000 करोड़ के निवेश से 1,959 k.m. कार्य तीव्रता से किया गया.
  • ₹ 2 लाख करोड़ की परियोजनाओं की योजना निर्मित की गई.

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