मानव विकास को मानव विकास सूचकांक (Human Development Index, HDI) के रूप में मापा जाता है. इसे मानव विकास की आधारभूत उपलब्धियों पर निर्धारित एक साधारण समिश्र सूचक (composite indicator) के रूप में मापा जाता है और विभिन्न देशों द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा तथा संसाधनों तक पहुँच के क्षेत्र में की गई उन्नति के आधार पर उन्हें श्रेणी (rank) प्रदान करता है. यह श्रेणी 0 से 1 के बीच के स्कोर पर आधारित होता है, जो एक देश, मानव विकास के महत्त्वपूर्ण सूचकों में अपने रिकॉर्ड से प्राप्त करता है. मानव विकास सूचकांक UNDP (United Nation Development Programme) द्वारा नापा जाता है. UNDP का headquarter न्यूयॉर्क में है. इसकी स्थापना 1965 को हुई थी. चलिए जानते हैं मानव विकास सूचकांक क्या होता है और इसको मापने के लिए किन पैमानों (measures) का प्रयोग किया जाता है?
स्वास्थ्य
स्वास्थ्य के सूचक को निश्चित करने के लिए जन्म के समय जीवन-प्रत्याशा को चुना गया है. इसका अर्थ यह है कि लोगों को लम्बा एवं स्वास्थ्य जीवन व्यतीत करने का अवसर मिलता है. जितनी उच्च जीवन-प्रत्याशा होगी, उतनी ही अधिक विकास का सूचकांक (HDI) होगा.
शिक्षा
यहाँ पर शिक्षा का अभिप्राय प्रौढ़ साक्षरता दर तथा सकल नामांकन अनुपात से है. इसका अर्थ यह है कि पढ़ और लिख सकने वाले वयस्कों की संख्या तथा विद्यालयों में नामांकित बच्चों की संख्या अधिक होने से सूचकांक (index) में वृद्धि होती है.
संसाधनों तक पहुँच
संसाधनों तक पहुँच को करी शक्ति (अमेरिकी डॉलर में) के सन्दर्भ में मापा जाता है.
सूचकांक निर्मित करने के लिए प्रत्येक सूचक के लिए सर्वप्रथम न्यूनतम तथा अधिकतम मान निश्चित कर लेते हैं:
जन्म के समय जीवन प्रत्याशा: 25 वर्ष और 85 वर्ष
सामान्य साक्षरता दर: 0 प्रतिशत और 100 प्रतिशत
प्रतिव्यक्ति वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (PPP)
$100 अमेरिकी डॉलर और $40, 000 अमेरिकी डॉलर. इनमें से प्रत्येक आयाम को 1/3 भारिता (weights) दी जाती है. मानव विकास सूचकांक (Human Development Index) इन सभी आयामों को दिए गए weights का कुल योग होता है. स्कोर, 1 के जितना निकट होता है, मानव विकास का स्तर उतना ही अधिक होता है. इस प्रकार 0.983 का स्कोर अति उच्च स्तर का, जबकि 0.268 मानव विकास का अत्यंत निम्न स्तर माना जायेगा.
मानव विकास सूचकांक 2019 से जुड़े मुख्य तथ्य
- मानव विकास सूचकांक में नॉर्वे पहला स्थान पर रहा.
- उसके बाद स्विटजरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड और जर्मनी का स्थान रहा.
- रिपोर्ट के अनुसार, 1990-2018 में दक्षिण एशिया मानव विकास की प्रगति में सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र रहा, जिसके बाद पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र में 43% की वृद्धि हुई.
- वैश्विक स्तर पर, 1.3 अरब लोग गरीब हैं.
- इन गरीबों में से लगभग 661 मिलियन लोग एशिया और प्रशांत क्षेत्र में रहते हैं.
- दक्षिण एशिया में दुनिया के 41% लोग गरीब हैं.
भारत का प्रदर्शन
- इस सूचकांक में भारत ने एक पायदान का सुधार करते हुए 129वाँ स्थान हासिल किया है.
- पिछले वर्ष 189 अर्थव्यवस्थाओं में भारत का स्थान 2018 में 130वाँ रहा था जबकि 2017 में 131वाँ स्थान था.
भारत के पड़ोसी देशों का प्रदर्शन
- श्रीलंका = 71
- चीन = 85
- भूटान = 134
- बांग्लादेश = 135
- म्यांमार = 145
- नेपाल = 147
- पाकिस्तान = 152
- अफगानिस्तान = 170
प्राप्तियाँ और कमियाँ (Attainment and Shortfalls)
मानव विकास सूचकांक (HDI) मानव विकास में प्राप्तियों एवं कमियों को मापता है.
प्राप्तियाँ (Attainments):
प्राप्तियाँ मानव विकास के प्रमुख क्षत्रों में की नई उन्नति की सूचक हैं. ये सर्वाधिक विश्वनीय माप नहीं है, क्योंकि ये वितरण (distribution) के सम्बन्ध में कोई सूचना नहीं देती.
कमियाँ (Shortfalls):
मानव गरीबी सूचकांक, मानव विकास सूचकांक (Human Development Index) से सम्बंधित है और मानव विकास में कमियों को मापता है. इनमें कई पक्षों को सम्मिलित किया जाता है, जैसे – 40 वर्ष कम आयु तक जीवित न रह पाने की संभाव्यता (feasibility), प्रौढ़ निरक्षरता दर (adult illiteracy rate), स्वच्छ जल तक पहुँच न रखने वाले लोगों की संख्या और अल्प्भार वाले छोटे बच्चों की संख्या (number of underweight children) आदि. मानव विकास सूचकांक इन पैमानों (measures) द्वारा संयुक्त अवलोकन कर के किसी देश में मानव विकास की स्थिति का यथार्थ चित्र प्रस्तुत करता है. – – – विश्व भूगोल से सम्बंधित सभी पोस्ट यहाँ इकठ्ठा किये जा रहे हैं: – Word Geography in Hindi – – –