आशा है कि आपने Sansar Ka Eco Series 1 (<<Click to read) पढ़ा होगा. जैसा कि मैंने पिछले पोस्ट में भी बताया, बैंकिंग छात्रों के अनुरोध पर अर्थशास्त्र से सम्बंधित (Economics related terms/glossary) शब्दावली की शुरुआत की है. अर्थशास्त्र शब्दावली (economics glossary) से सिविल सर्विसेज और विशेषतः बैंकिंग विद्यार्थियों को फायदा पहुँचेगा. आज भी मैं कुछ economics-related terms को Hindi में आपसे शेयर करने वाला हूँ जो विभिन्न exams जैसे Civil Services/IAS, PCS exam, Banking – IBPS PO/Clerk, Accounts related exams आदि में पूछे जाते हैं. आज मैं future market और hedging के विषय में आपको बतलाने वाला हूँ और वह भी in Hindi.
आज हम कुछ important terms related to economy की बात करने वाले हैं, और वे हैं –
- Future Market or Forward Market
- Hedging
Future Market or Forward Market
Future market वह बाजार है जहाँ वस्तुओं (commodities), प्रतिभूतियों (securities) अथवा विदेशी मुद्राओं (foreign currencies) की खरीद-बिक्री होती है. वस्तुओं की खरीद-बिक्री तो आज की रेट (current rate) पर की जाती है पर आगे जा कर उन वस्तुओं की या प्रतिभूतियों की या विदेशी मुद्राओं की क्या रेट होगी…वह भविष्य के किसी fix किये date पर छोड़ दिया जाता है. ये रेट शेयर मार्किट की तरह आगे-पीछे रोज-रोज होती रहती है.
मान लीजिये यदि मैंने future market जा कर Rs. 3000 का कूलर खरीद लिया यह सोचकर कि आगे जा कर मंगलवार को इसका दाम Rs. 5000 होने वाला है. आगे जा कर ऐसा हुआ भी. मंगलवार के दिन future market में कूलर का दाम Rs. 5000 हो गया. मेरा Rs. 2000 बच गया. यदि मानिये मंगलवार को उस कूलर का दाम Rs. 2000 हो जाता तो मुझे Rs. 1000 का loss होता. इसी प्रकार के बाजार को future या forward market कहते हैं.
India में future market का सबसे बड़ा उदाहरण National Multi Commodity Exchange of India Ltd. (NMCE) है.
Hedging
ऊपर मैंने कूलर ख़रीदा था. अब सोचिये मैं एक क्रेता नहीं विक्रेता बन जाता हूँ. मैंने सोचा क्यों न future market में कुछ गेम खेल कर प्रॉफिट कमाया जाए! मुझे महसूस हुआ कि कूलर का दाम जिसका current price Rs. 3000 है …उसका दाम मंगलवार के दिन Rs. 5000 होने वाला है. स्वाभाविक रूप से मैं मंगलवार का इंतज़ार करूँगा कि मैं कूलर को Rs. 2000 (5000-3000= Rs. 2000) के लाभ पर बेच सकूँ और ऐसा हुआ भी….
मंगलवार का दिन आ गया…मैंने उस कूलर को Rs. 2000 का प्रॉफिट कमाकर future market में किसी को Rs. 5000 में बेच दिया.
अब मुझे यह game खेलने की लत लग गयी…पैसे जो बन रहे थे….
मैंने मंगलवार के दिन एक नहीं दो-दो कूलर खरीद डाले….उस दिन एक कूलर की कीमत Rs. 4000 थी. पर उसी दिन मुझे उड़ते-उड़ते खबर आई की भैया, कूलर का दाम अगले मंगलवार गिरने वाला है….कूलर का दाम गिरकर Rs. 3000 होने वाला है …यानी मैंने जो दो कूलर आठ हज़ार में खरीदे थे वह मुझे अगले मंगलवार छह हज़ार में बेचने पड़ेंगे. मैं तो लुट गया, बरबाद हो गया…
मेरा दम घुटने लगा, मेरे दिल की धड़कन तेज होने लगी….नींद उड़ गई…खाना-पीना सब त्याग दिया…परेशान रहने लगा…हमेशा सोच में डूबा रहने लगा..
तभी दिमाग में एक आइडिया आया वह भो दो समोसे खाने के बाद. मैंने सोचा क्यों न एक ऐसे बन्दे को पकडूँ जो ऐसी सोच रखता हो कि आगे जा कर दाम घटेगा नहीं बल्कि बढ़ेगा. कोई न कोई ऐसा बन्दा मिल ही जायेगा जो बहुत उत्साही हो. और मुझे ऐसा बंदा मिल भी गया. उसी दिन जिस मेरी मुलाक़ात मंगरू राम से हुई. मंगरू राम की ऐसी सोच है कि कूलर का दाम अगले मंगवार को आसमान छूने वाला है. उसे लगता है कि कूलर का दाम Rs. 4000 से बढ़कर Rs. 5000 होने वाला है.
Derivatives agreement
इसलिए मैंने उससे सौदा किया कि तुम मुझसे आज की रेट (यानी Rs. 4000) से दोनों कूलर अगले मंगलवार (future agreement) को खरीद लेना.
मंगरू राम मुझसे Rs. 8000 (उतने ही दाम में जितने में मैंने कूलर खरीदी थी) में दो कूलर खरीदने के लिए तैयार हो गया और अगले मंगलवार को मैंने दोनों कूलर मंगरू राम को बेच दिया.
पर मेरे लिए दुःख कि बात यह थी कि future market में कूलर का दाम बढ़कर Rs. 6000 हो चुका था. यानी आज मैं यदि अपने दोनों कूलर को Rs. 12000 में किसी और को बेचता तो मुझे Rs. 4000 का फायदा होता जो मंगरू राम के हवाले हो गया. मुझे अफ़सोस तो हुआ पर क्या करता! पर यह भी तो सच है कि यदि price गिर जाती तो मुझे loss भी हो सकता था.
अच्छा हुआ कि मैंने कोई risk नहीं लिया और मैंने मंगरू राम से agreement करा ली. इस agreement को Derivatives agreement कहते हैं. और derivative agreement के जरिये भविष्य के loss से बचना ही Hedging कहलाता है. Hedging या इस सुरक्षात्मक कदम का उद्देश्य लाभ कमाना न होकर अपनी सुरक्षा का बंदोबस्त करना है.
Conclusion
कूलर, मंगलवार और मंगरूराम तो काल्पनिक चीजे हैं जो मैंने अपनी बात को आपको समझाने के लिए कही. वास्तव में future market में मंगरूराम की जगह बड़े-बड़े investors होते हैं. और मंगलवार का दिन ही नहीं…किसी भी दिन वस्तुएँ, प्रतिभूतियाँ खरीदी और बेची जाती हैं…derivative agreement में एक दिन fix कर लिया जाता है और वही fixed दिन यह फैसला करता है कि दोनों dealers में कौन नुकसान में है और कौन फायदे में. ये सौदे केवल वस्तुओं के लिए ही नहीं, अपितु विदेशी मुद्राओं के सन्दर्भ में भी उतने ही सार्थक हैं. आशा है कि hedging का अर्थ अच्छे-से समझ लिया होगा…. Click here for All Economics Articles