पिछले दिनों ईरान में होरमुज़ शान्ति वार्ता संपन्न हुई. इस वार्ता में ओमान और भारत समेत प्रमुख क्षेत्रीय देशों के अतिरिक्त अफगानिस्तान और चीन ने भी प्रतिभागिता की.
होरमुज़ शान्ति वार्ता क्या है?
- यह एक पहल है जिसका नेतृत्व ईरान कर रहा है.
- इसका उद्देश्य होरमुज़ जलडमरूमध्य के विषय में सर्वमान्य निर्णय लेना है. ज्ञातव्य है कि इसी जलडमरूमध्य से होकर बहुत मात्रा में तेल की आपूर्ति होती है.
होरमुज़ जलडमरूमध्य क्या है?
- यह एक जलमार्ग है जो ईरान और ओमान को अलग करता तथा फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी और अरब सागर से जोड़ता है.
- इसके उत्तर में ईरान, दक्षिण में संयुक्त अरब अमीरात और मुसंदम (ओमान का एक एन्क्लेव) हैं.
- यह जलडमरूमध्य अपने सबसे संकरे स्थान में 33 किलोमीटर चौड़ा है. परन्तु दोनों दिशाओं में जलयानों के चलने का मार्ग मात्र 3 किलोमीटर ही चौड़ा है.
इस जलडमरूमध्य का महत्त्व
- होरमुज़ जलडमरूमध्य विश्व के वैसे रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण स्थलों में से एक है जो आवाजाही को प्रभावित करने की शक्ति रखते हैं.
- भारत जो आयात करता है उसमें से 2/3 खनिज तेल और आधा तरलीकृत प्राकृतिक गैस यहीं से होकर गुजरता है.
- इस जलडमरूमध्य से होकर प्रतिदिन 18 मिलियन बैरल तेल गुजरता है जो कि वैश्विक तेल व्यापार का 1/3 भाग है.
- विश्व के LNG गैस के व्यापार का 1/3 भाग भी इसी जलडमरूमध्य से होकर गुजरता है.
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