UPSC 2019 के इंटरव्यू में मेरे साथ यह हुआ…

Sansar LochanInterviews

मेरा नाम अंकित सिंह है. मुझसे जो प्रश्न UPSC के INTERVIEW में पूछे गए उसे संसार लोचन वेबसाइट पर आप लोगों से साझा किया जा रहा है.

मेरा साक्षात्कार हिंदी में था. मैं सुबह-सुबह व्यायाम करके ठीक 10 बजे प्रातः घर से निकला. भगवान् से प्राथना की कि आज का दिन मेरा अच्छा कर देना, फिर कुछ नहीं मांगूगा. मैंने झटपट मैट्रो पकड़ा. नर्वस इतना हो गया था कि मेट्रो का कार्ड ले जाना ही भूल गया. खैर, दिल्ली मैट्रो में टोकन की भी सुविधा है. मैंने टोकन लिया और मैट्रो पकड़ ली.

दिन की शुरुआत अच्छी नहीं हुई. मैं गलत मेट्रो स्टेशन में उतर गया. वह तो अच्छा हुआ कि मेरे पास ओला का ऐप था जिसमें पैसे नहीं थे पर पोस्टपेड की सुविधा थी. मैंने UPSC भवन धौलपुर हाउस शाहजहां रोड का मैप डाला और ओला से चल पड़ा.

बाहर का नजारा इतना मस्त था कि देखते ही बनता था. चारों तरफ पेड़ों की हरियाली और इलाका बेहद अमीरों वाला था. जब कार रुकी तो मैंने ड्राईवर से पूछा कि UPSC भवन तो आया ही नहीं. आपने कहाँ रोक दिया है?

ड्राईवर ने कहा अरे भाई! थोड़े ही दूर में है. आप चलकर जा सकते हो, गाड़ी रोकने की सुविधा नहीं है इधर. खैर मैंने बहस करना ठीक नहीं समझा और ठन्डे दिमाग से चल पड़ा.

IAS इंटरव्यू के पहले दिल का धड़कना और नर्वसनेस

जैसे-जैसे भवन के निकट पहुँच रहा था, कलेजा जैसे मुंह पर आ रहा था. दिल धड़क-धड़क कर पागल हो रहा था. सोच रहा था कि यार इतनी मेहनत करके यहाँ तक पहुँचा हूँ. क्या होगा आज? नहीं चाह कर भी ये सारे गंदे सवाल दिमाग में आ रहे थे जिन्हें मैं लाना नहीं चाह रहा था.

फिर संसार सर के क्लास दिमाग में आने लगे जिनमें उन्होंने कहा था कि भाई नर्वस तो होगे ही. तुम कोई सुपरमैन नहीं हो जो कूल ड्यूड बन के इंटरव्यू दे दोगे. सब नर्वस रहेंगे. है ही ऐसी चीज ऐसी ससुरी! फिर मैं सर की बात सोचकर मन ही मन मुस्कुराने लगा.

जब मैंने बिल्डिंग में पूछताछ करके प्रवेश किया तो देखा सारे कौए बन कर खड़े हैं. काला कोट, नीली शर्ट. कुछ लड़कियां भी थीं जो अपना अलग ग्रुप बनाए हुई थीं.

मैंने ग्रे रंग का कोट पहना था और गले में डार्क बौटल ग्रीन टाई थी. नीचे काला फुल-पैंट था. मुझे देखकर एक लड़का बोला – “वाह यार बड़े हैंडसम लग रहे हो. मे आई नो योर नेम?” शायद वह कूल बनने की कोशिश में लगा था. खैर मैंने भी मन को हल्का करने के लिए इधर-उधर की बात की. फिर हमारी बात-चीत और लोगों से भी होने लगी.

इंटरव्यू रूम के अन्दर का माहौल

कुछ देर बाद मेरा नाम पुकारा गया. बाहर एक गार्ड खड़ा था. उसने कन्फर्म किया कि आपका नाम ही अंकित है? मैंने बोला हाँ!

फिर बोर्ड का निर्धारण हुआ कि किसे कौन-से बोर्ड मिलेंगे. मुझे PK जोशी बोर्ड मिला. कुछ घंटों बाद मेरा नाम फिर से पुकारा गया.

UPSC IAS Interview 2019 – मुझसे ये प्रश्न पूछे गये

अब वह समय आ गया था जहाँ करो या मरो की स्थिति थी. मैं कांफिडेंट हो कर अन्दर आने की अनुमति मांगी. अन्दर उनकी अनुमति से ही बैठा.

उन्होंने पहले मुझे कुछ हल्के सवालों से रिलैक्स किया. मैंने भी सरलता से हंसते हुए उत्तर दिया.

1.तो आप इंदौर से हैं?
2. इंदौर की कुछ खासियत बताएँ.
3. आपने स्नातक अर्थशास्त्र से किया और वैकल्पिक विषय कुछ और है, ऐसा क्यों?
4. अर्थशास्त्र से सवाल पूछे गये.
5. हिंदी साहित्य से सवाल पूछे गये.
6. मध्य प्रदेश की नदियों के बारे में पूछा गया. कुछ नदियाँ बंगाल की खाड़ी में क्यों नहीं गिरती हैं?
7. अमेरिका की नीति क्या है भारत के लिए? आपको क्या लगता है ट्रम्प भारत के हित में सोचता है या अमेरिका ही उसके लिए सर्वोपरि है?
8. भारतीय अर्थव्यवस्था की ताजा स्थिति क्या है और क्यों है?
9. यदि आप दिल्ली में प्रशासनिक अधिकारी के रूप में कार्य रहे होते तो शाहीन बाग़ की स्थिति को कैसे सँभालते? नागरिकता कानून का विरोध करने के लिए लोगों का सडकों पर उतरना कहाँ तक उचित है?
10. दंगों के पीछे कारण क्या होता है? राजनीति से जुड़ा है या हमारी मानसिकता ही ऐसी है?
11. वैकल्पिक विषय से सवाल पूछे गये.
12. लव जिहाद से आप कहाँ तक सहमत हैं? क्या यह सच में हो रहा है? इसको कैसे रोकना चाहिए?
13. जम्मू-कश्मीर के एक केंद्र शाषित प्रदेश बनने के बाद क्या बदलाव आ सकते हैं?
14. कोरोना वायरस का नाम कोरोना क्यों है? ‘पेशेंट ज़ीरो’ या ‘इंडेक्स केस’ से आप क्या समझते हैं?
15. टिकटोक करना क्या देश की नई पीढ़ी के लिए उचित है? आपकी क्या राय है?
16. यदि भारत पाम तेल का आयात बिलकुल बंद कर दे, तो भारत के पास और क्या विकल्प हो सकते हैं?
17. इजरायल इतना छोटा-सा देश होने के बावजूद भी आज तक अपने अस्तित्व को कैसे बचाए रखा है? जबकि वह दुश्मनों से घिरा है.
18. DAF से प्रश्न पूछे गये. आपने IAS को पहले नंबर पर रखा है, ऐसा क्यों? IFS क्यों नहीं?

कुछ और प्रश्न जिसमें मैं थोड़ा लड़खड़ा गया , वे थे – ब्रेक्सिट क्या है? भारत पर इसका प्रभाव पड़ेगा या नहीं? यूरोप, EU और शेनगेन में क्या अंतर है? प्रॉक्सी युद्ध से आप क्या समझते हो?

साक्षात्कार (interview) लगभग 40 मिनट तक चला. प्रश्नों का सिलसिला ख़त्म होने के बाद मैंने राहत का अनुभव किया. जैसे सर से बोझ उतर गया है. मेरा प्रदर्शन न तो खराब रहा, न तो बहुत अच्छा.

मैंने इंटरव्यू रूम से निकलते ही संसार सर को कॉल लगाया. वह व्यस्त थे इसलिए कम बात हो पाई पर मेरा मन और हल्का हो गया जब उन्होंने आश्वासन दिया कि कर्म कर दिया, अब फल खाने कोचिंग आ जाओ. यहाँ केले और संतरे खराब हो रहे हैं. सर की बात सुनकर मैं जोर से हँस पड़ा और पीछे मुड़कर UPSC भवन को प्रणाम करके ऑटो लिया और निकल पड़ा.

मेरा माध्यम हिंदी था और मैंने संसार लोचन का बहुत आभारी हूँ जिन्होंने मुझे यह दिन दिखाया…

यदि आपके पास प्रश्न हैं तो आप यहाँ कमेंट में मुझसे पूछ सकते हो. एक बार फिर से, मेरा नाम अंकित है!

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