Biography: जीवन परिचय
नाम: देवानंद यादव (Devanand Yadav)
पिता का नाम एवं पेशा: श्री गुट्टाराम यादव
जन्म तिथि: 5 जून, 1985
शैक्षणिक योग्यता: Educational Qualification
मैट्रिक: राजकीय श्री धूलेश्वर संस्कृत विद्यालय मनोहरपुर, जयपुर (राज.), मा.शिबोर्ड, अजमेर
इंटरमीडिएट: (वरिष्ठोपाध्याय)- राजकीय श्री धूलेश्वर संस्कृत विद्यालय मनोहरपुर, जयपुर (राज.), मा. शिबोर्ड अजमेर (71%)
स्नातक: राजकीय श्री धूलेश्वर संस्कृत कॉलेज (राज.) 67%
परास्नातक: राजकीय श्री धूलेश्वर आचार्य संस्कृत कॉलेज मनोहरपुर, जयपुर (राज.) 63%
पूर्व चयन: वरिष्ठ-अध्यापक (संस्कृत) वर्ष 2011, संस्कृत शिक्षा विभाग, राजस्ठान सरकार.
अभिरुचियाँ: योग और खेल-कूद
आदर्श व्यक्ति: महात्मा गांधी
दृढ़ संकल्प/Determination
Q. किस तरह और कब आपको सिविल सेवाओं की गरिमा एवं महत्त्व का अनुभव हुआ?
10वीं में योग्यता सूचि में 9वां स्थान प्राप्त करने पर इस बारे में सोचा, परन्तु कॉलेज में छात्रसंघ अध्यक्ष रहते हुए राजनीतिक षड्यंत्रों का शिकार होने पर, मेरे मन में भारत माता के विकास के लिए कुछ करने का जज्बा पैदा हुआ.
Q. वह क्षण कब आया जब आपने सिविल सेवाओं (Civil Services) में करियर की संभावना तलाशने का फैसला किया?
परास्नातक करने के बाद, जुलाई 2009 से मैंने सिविल सेवाओं के लिए तैयारी शुरू कर दी.
प्रभाव/Influence
Q. परिणाम जानने से पूर्व टॉपर (topper) के बारे में क्या सोचते थे? आप किस टॉपर (topper) से विशेष प्रभावित हुए?
मैं सोचता था कि टॉपर (topper) अलौकिक प्रतिभा के धनी होते होंगे परन्तु IAS परीक्षा पास करने के बाद मैं कह सकता हूँ कि सही दिशा में किया गया प्रयास एवं मुख्य परीक्षा में सही विषयों का चयन ही उच्च स्थान दिला सकता है. मैं सबसे ज्यादा श्री गोविन्द जायसवाल (IAS) जिसके पिताजी रिक्शा चालाक थे तथा श्री सदानंद (IPS) जिन्होंने संस्कृत साहित्य में BPSC में 312/400 तथा IAS में 375/600 अंक प्राप्त किये थे, से प्रभावित हुआ. मैंने सदानंद जी से व्यक्तिगत मार्गदर्शन भी प्राप्त किया.
Q. सिविल सेवा केवल यही एक लक्ष्य था या किसी और करियर विकल्प के लिए साथ-साथ में तैयारी कर रहे थे?
सिविल सेवा ही मेरा एकमात्र लक्ष्य था परन्तु किसान परिवा से सम्बंधित होने के कारण मैंने बी.एड. कर रखी थी तथा अगस्त 2011 से वरिष्ठ अध्यापक (संस्कृत) के पद पर कार्यरत था.
वैकल्पिक विषय/Optional Subjects
Q. आपके एच्छिक विषय (optional subjects) क्या थे? इनके चयन का आधार क्या था?
मेरे एच्छिक विषय दर्शनशास्त्र (Philosophy) एवं संस्कृत साहित्य (Literature of Sanskrit Language) थे. इनके चयन का आधार रुचिकर विषय होना, साथ ही परीक्षा की दृष्टि से उपयोगी एवं सार्थक होना था.
Q. नेगेटिव मार्किंग में क्या ध्यान रखा?
नेगेटिव मार्किंग में उन्हीं प्रश्नों को हल करना चाहिए जब आपको उत्तर का निश्चित पता हो या कोई दो में से एक विकल्प हो.
Q. आप कौन-से समाचार पात्र-पत्रिकाएँ पढ़ते रहे हैं?
मैंने समाचार पत्रों में द हिन्दू, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर का अध्ययन किया और Civil Services Chronical, योजना, कुरुक्षेत्र आदि पढ़े.
मेंस/Mains
Q. इस परीक्षा में लेखन शैली का क्या महत्त्व है? आपकी क्या रणनीति रही?
हम क्या जानते हैं, इससे अधिक महत्त्वपूर्ण है, हम क्या लिखते हैं. मैंने प्रश्न के अनुसार सरल तथा सहज भाषा में लिखने की कोशिश की तथा यथासंभव उत्तर की रोचकता, संक्षिप्तता एवं तार्किकिता को बनाए रखने का प्रयास किया.
Q. समय प्रबंधन के लिए आपने क्या-क्या किया?
तैयारी के दौरान मैं समय प्रबन्धन का पालन नहीं कर पाया क्योंकि मेरा मानना है कि मात्रात्मक अध्ययन (घंटों की पढ़ाई) की अपेक्षा गुणात्मक अध्ययन व मनन जरुरी है. जब भी अध्ययन किया पूर्ण मनोयोग से किया. हाँ, परीक्षा में उत्तर लिखते समय सभी प्रश्नों को हल करने की कोशिश की.
Q. यह सफलता आपने कितने प्रयासों में प्राप्त की?
यह मेरा दूसरा प्रयास था जिसमें सफलता मिली. इसके पूर्व वर्ष 2010 में मेरी तैयारी समुचित रूप में न होने के कारण प्रारम्भिक परीक्षा में ही असफल हो गया था.
Q. आपने निबंध की तैयारी कैसे की और परीक्षा भवन में इसके चयन और लेखन के लिए क्या रणनीति अपनाई?
निबंध की तैयारी सामान्य अध्ययन व विषयों पर पकड़ पर आधारित होती है. निबंध में मैंने तथ्यों को एवं विश्लेषण को एक तारतम्यता से स्वयं की शैली में लिखा. मैंने निबंध “लघुत्तर राज्यों का सृजन और परिणामी प्रशासनिक, आर्थिक एवं विकासी निहितार्थ” विषय पर लिखा. इसे चुनने का कारण सामान्य अध्ययन में तैयार करना, सम्पादकीय (editorial) पढ़ना एवं चर्चित विषय का होना है.
कोचिंग/Coaching
Q. क्या आपने कोचिंग ली? कोचिंग किस प्रकार उपयोगी रहे?
हाँ, मैंने सामान्य अध्ययन “निर्माण आईएएस/Nirman IAS” के कमलदेव सर, संस्कृत साहित्य हेतु “पाणिनी क्लासेज” तथा दर्शनशास्त्र के लिए “पतंजलि आईएएस/Patanjali IAS” से कोचिंग ली. कोचिंग कम समय में मार्गदर्शन प्रदान करके सहायता देते हैं?]
Q. वैसे छात्र जो तैयारी हेतु कोचिंग की सहायता लेना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगे?
सबसे पहले उस संस्था की विश्वसनियता को पहचानें. आजकल कोचिंग संस्थान कुकुरमुत्ते की तरह खुल रहे हैं. आप चयनित छात्रों से मार्गदशन लेकर स्वविवेक से उनकी गुणवत्ता को पहचाने तब ही कोचिंग ज्वाइन करें.
साक्षात्कार/Interview
Q. साक्षात्कार (Interview) की तैयारी आपने कैसे की?
व्यक्तित्व का निर्माण एक लम्बी एवं सतत प्रक्रिया है. साक्षात्कार (Interview) की तैयारी हेतु मैंने समूह चर्चा (group discussion) और mock interviews में भाग लिया जिसमें कोचिंग संस्थान से मार्गदर्शन और सहयोग मिला. मेरा साक्षात्कार 10 April को द्वितीय पारी में श्री पुरुषोत्तम अग्रवाल जी के बोर्ड में था.
Q. साक्षात्कार में पूछे गए कुछ प्रश्न आपको याद हैं?
हाँ…जैसे:–
- क्या संस्कृत एक मातृभाषा है? यह कहाँ-कहाँ बोली जाती है?
- दर्शनशास्त्र क्या है? पढ़ने से क्या फायदा है?
- 8वीं और 9वीं अनुसूचि के बारे में
- PPP model क्या है? हानि/लाभ
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