1991 के विपरीत, जब भारत को एक बड़े वित्तीय संकट से बचने के लिए अपने सोने के भंडार पर निर्भर होना पड़ा था, देश कोरोना की वजह से झेल रहे व्यापक आर्थिक मंदी के संकट से निपटने के लिए अपने बढ़ते विदेशी मुद्रा भंडार पर निर्भर हो सकता है.
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि हो रही है और जल्द ही $500 बिलियन का आँकड़ा पा लिया जाएगा. मई के महीने में, विदेशी मुद्रा भंडार $ 12.4 बिलियन बढ़कर 493.48 बिलियन डॉलर (लगभग 37.30 लाख करोड़ रुपये) हो चुका है.
आइये समझते हैं यह कैसे संभव हो पा रहा है? देखें यह विडियो >