भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार ठप हो जाने के कारण हजारों प्रभावित

Sansar LochanIndia and its neighbours

India-Pakistan trade freeze hits thousands: Report

भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार ठप हो जाने के कारण सीमा पर रहने वाले लोगों पर क्या प्रभाव पड़ा है इसपर प्रकाश डालते हुए एक प्रतिवेदन “उद्योग एवं आर्थिक मूलाधार अनुसंधान ब्यूरो” (Bureau of Research on Industry and Economic Fundamentals – BRIEF) द्वारा प्रकाशित किया गया है जिसका शीर्षक “एकपक्षीय निर्णय, द्विपक्षीय क्षति” / “Unilateral Decisions, Bilateral Losses” है.

पृष्ठभूमि

पुलवामा आक्रमण के पश्चात् वाघा अटारी सीमा तथा नियंत्रण रेखा सलामाबाद-चाखन दा बाग़ मार्ग 2019 में बंद हो गया था. पाकिस्तान को दिया गया सर्वाधिक Most Favoured Nation का दर्जा भी रद्द कर दिया गया था. उधर, पाकिस्तान ने भी कुछ इसी प्रकार के कदम उठाये, जैसे – हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंध, व्यापारिक रिश्ते को रोकना आदि.

इन निर्णयों का प्रभाव    

  • पंजाब में कम से कम 9,254 परिवार और 50 हजार लोगों पर व्यापरिक प्रतिबंधों का सीधा प्रभाव पड़ा और कश्मीर में भी 900 परिवारों पर प्रभाव देखने को मिला.
  • दोनों देशों को बिलियनों डॉलर की क्षति हुई और सैकड़ों कार्य दिवस नष्ट हुए.
  • पाकिस्तान से पंजाब क्षेत्र में होने वाले आयात पर शुल्क (duty) में 200% की वृद्धि हुई. 2018-19 में द्विपक्षीय व्यापार (bi-lateral trade) 2.56 बिलियन का हुआ था जो अप्रैल अगस्त 2019 में घटकर 547.22 मिलियन रह गया. आयात (imports) भी 500 मिलियन से घटकर 11.45 मिलियन रह गया.
  • इसी प्रकार, नियंत्रण रेखा पर स्थित बारामुला एवं पुंछ के व्यापार केन्द्रों के बंद होने के कारण जम्मू-कश्मीर के लघु व्यापारियों, शिल्पकारी बेचने वालों, ट्रक चलाने वालों, श्रमिकों और होटल स्वामियों का व्यवसाय ठप पड़ गया.

MFN स्टेटस क्या है?

  • मोस्ट फेवर्ड नेशन वह दर्जा है जो एक देश दूसरे देश को देता है और जिसके अनुसार उन दोनों के बीच व्यापार में भेदभाव नहीं किया जाता है.
  • MFN का महत्त्व इसी से पता चलता है कि यह GAT अर्थात् शुल्क एवं व्यापार पर सामान्य समझौता के तहत पहले अनुच्छेद में ही वर्णित किया गया है.
  • विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के तहत कोई सदस्य देश अपने व्यापार भागीदारों के बीच भेदभाव नहीं कर सकता है. यदि किसी एक व्यापार भागीदार को विशेष दर्जा दिया जाता है तो यह दर्जा विश्व व्यापार संगठन के सभी सदस्यों को मिलना चाहिए.

MFN इस सन्दर्भ में कुछ छूट भी देता है जो इस प्रकार हैं –

  • मुक्त व्यापार समझौते करने का अधिकार :-इसका अर्थ है कि सदस्य क्षेत्रीय व्यापार समझौते में शामिल हो सकते हैं अथवा मुक्त व्यापार समझौते कर सकते हैं जिसके अन्दर सदस्य देशों और गैर-सदस्य देशों के बीच भेदभाव होता है.
  • सदस्य विकासशील देशों को विशेष एवं अलग सुविधा दे सकते हैं. ये विशेष सुविधाएँ अलग-अलग हो सकती हैं, जैसे – अधिक बड़ा बाजार तक पहुँच, आयात शुल्क की घटी हुई दर, विकासशील देशों को उनके उत्पादन प्रक्षेत्रों आदि में सब्सिडी देना. इन सभी छूटों के लिए कठोर शर्ते भी लागू की जाती हैं.
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