भारत अन्तरिक्ष में इंडियन डाटा रिले सैटेलाइट सिस्टम (Indian Data Relay Satellite System – IDRSS) प्रणाली के अंतर्गत उपग्रहों की एक नई शृंखला अन्तरिक्ष में स्थापित करने जा रहा है और इस प्रकार अन्तरिक्ष में स्थित भारत की संपदाओं के अनुसरण और संचार का एक नया युग आरम्भ होने जा रहा है.
इंडियन डाटा रिले सैटेलाइट सिस्टम (IDRSS) क्या है?
इंडियन डाटा रिले सैटेलाइट सिस्टम एक उपग्रह शृंखला है जो भारत के अन्य उपग्रहों का अनुसरण करेगा अर्थात् उन पर नज़र रखेगा, उनसे सूचना प्राप्त करेगा एवं साथ ही उनको सूचना भेजेगा.
ये उपग्रह दो-दो हजार किलोग्राम के होंगे और इनका प्रक्षेपण GSLV राकेट से किया जाएगा. ये अन्तरिक्ष में भू-स्थिर परिक्रमा पथ पर धरती से 36,000 किलोमीटर दूर अवस्थित रहेंगे जहाँ से वे पृथ्वी के एक-तिहाई भाग पर नज़र रख सकते हैं. ऐसे तीन उपग्रहों से पूरी पृथ्वी का सर्वेक्षण संभव होता है.
महत्ता
भविष्य में IDRSS इसरो (ISRO) के लिए बड़े काम की वस्तु सिद्ध होगी क्योंकि अभी आगे चलकर इसरो ढेर सारे अन्तरिक्षीय काम करने जा रहा है, जैसे – अन्तरिक्ष में डॉकिंग करना और अन्तरिक्ष केंद्र स्थापित करना एवं साथ ही ISRO चाँद, मंगल और शुक्र की ओर भी अन्तरिक्षयान भेजने वाला है.
IDRSS का सबसे पहला लाभ गगनयान 2022 अभियान के अन्तरिक्षयात्रियों को मिलेगा क्योंकि वे इसकी सहायता से अपनी यात्रा के दौरान धरती पर स्थित अभियान नियंत्रण कक्ष से लगातार सम्पर्क में रह सकते हैं.
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