[संसार मंथन] मुख्य परीक्षा लेखन अभ्यास – Eco-Bio-Tech GS Paper 3/Part 14

Sansar LochanGS Paper 3, Sansar Manthan

Topics – भारतीय किसानों की समस्याएँ, स्वामीनाथन समिति रिपोर्ट

1st Question – भारतीय किसानों की समस्याएँ

सामान्य अध्ययन पेपर – 3

भारतीय किसानों को किन समस्याओं से जूझना पड़ता है? भारत में कृषि सुधार से सम्बन्धित सरकारी पहलों के नाम गिनाएँ. (250 words)

यह सवाल क्यों?

यह सवाल UPSC GS Paper 3 के सिलेबस से प्रत्यक्ष रूप में लिया गया है –

मुख्य फसलें, देश के विभिन्न भागों में फसलों का प्रतिरूप, सिंचाई के विभिन्न प्रकार एवं सिंचाई प्रणाली, कृषि उत्पाद का भंडारण…

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उत्तर :-

OECD और ICRIER के एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार भारत में पिछले दो दशकों से खेती लगातार घाटे का सौदा साबित हो रही है. रिपोर्ट के अनुसार दो दशकों में किसानों की परिस्थिति लगातार ख़राब होती गई है. अध्ययन में शामिल किये गये 26 देशों में भारत के अलावा यूक्रेन और वियतनाम ही हैं जिनकी परिस्थिति बिल्कुल हमारी जैसी है. अध्ययन में कहा गया है कि 2014-16 के दौरान इन तीनों देशों का कृषि राजस्व ऋणात्मक रहा है.

भारतीय किसानों की समस्याएँ

भूमि पर अधिकार : भारत में कृषि भूमि के असमान वितरण की समस्या है. भूमि का विशाल हिस्सा बड़े किसानों, महाजनों और साहूकारों के पास है जबकि छोटे किसानों के पास बहुत कम भूमि क्षेत्र है.

फसल का उचित मूल्य न होना : किसानों की एक बड़ी समस्या है कि उन्हें उनकी फसल का उचित दाम कई बार नहीं मिल पाता. कम पढ़े-लिखे किसान अक्सर औने-पौने दाम पर अपना उत्पाद बेचने के लिए विवश हो जाते हैं.

असमान वितरण : अच्छी फसल के लिए उच्च कोटि का बीज होना आवश्यक है. भारत में सही वितरण तन्त्र के न होने से अच्छे बीज किसानों को उपलब्ध नहीं हो पाते.

सिंचाई व्यवस्था : देश में कई हिस्सों में सिंचाई व्यवस्था में उन्नत तकनीकों का उपयोग नहीं होता है. अतः आज भी भारतीय कृषि मानसून पर निर्भर है. किसान कृषि क्षेत्र में पारम्परिक तरीकों का प्रयोग करते हैं.

मिट्टी का क्षरण : मानवीय कारणों और कभी-कभी प्राकृतिक कारणों से भी हवा और जल दूषित हो जाते हैं जिससे मिट्टी की गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है.

भण्डारण सुविधाओं का अभाव : भारत के ग्रामीण इलाकों में अच्छे भण्डारण सुविधाओं का अभाव है और इसके चलते सैंकड़ों टन अनाज नष्ट हो जाते हैं. ऐसे में कई बार किसान औने-पौने में अपने फसलों का सौदा करने के लिए मजबूर हो जाते हैं.

परिवहन की असुविधा: भारतीय कृषि की तरक्की में एक बड़ी बाधा अच्छी परिवहन व्यवस्था की कमी है. आज भी देश के कई गाँव ऐसे हैं जो शहरों और बाजारों से सड़कों से नहीं जुड़े हुए हैं. ऐसे में किसान कई बार स्थानीय बाजारों में कम मूल्य पर सामान बेच देते हैं.

सरकार ने कृषि विकास के क्षेत्र में अनेक कदम उठाये हैं, जिसमें कुछ निम्न हैं –

  1. प्रधानमन्त्री कृषि विकास योजना
  2. मृदा स्वस्थ कार्ड योजना
  3. प्रधानमन्त्री कृषि सिंचाई योजना
  4. नीम कोटेड यूरिया
  5. प्रधानमन्त्री फसल बीमा योजना
  6. इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM)
  7. राष्ट्रीय कृषि विज्ञान केंद्र (KVK)
  8. श्वेत क्रांति के अंतर्गत राष्ट्रीय गोकुल मिशन, पशु संजीवनी, एडवांस्ड ब्रीडिंग तकनीक, ई-पशुधन हाट.

2nd Question – स्वामीनाथन समिति रिपोर्ट

सामान्य अध्ययन पेपर – 3

स्वामीनाथन समिति रिपोर्ट (2006) में दिए गये सुझावों का संक्षेप में उल्लेख करें. (250 words)

उत्तर :-

ज्ञातव्य है कि देश में हरित क्रांति के जनक प्रोफेसर एम.एस. स्वामीनाथ की अध्यक्षता में 18 नवम्बर, 2004 को “राष्ट्रीय किसान आयोग” का गठन किया गया था. स्वामीनाथन समिति कृषि क्षेत्र में गठित अब तक की सबसे प्रभावशाली समिति है जिसने अपने रिपोर्ट (2006) में निम्नलिखित सुझाव दिए हैं –

  1. फसल उत्पादन मूल्य से 50% अधिक कीमत कृषकों को मिले.
  2. किसानों को अच्छी किस्म के बीज कम कीमतों में मुहैया कराई जाए.
  3. गाँवों में किसानों की मदद के लिए विलेज नॉलेज सेंटर या ज्ञान चौपाल निर्मित किया जाए.
  4. महिला किसानों के लिए KCC (किसान क्रेडिट कार्ड) निर्गत किये जाएँ.
  5. किसानों के लिए कृषि जोखिम फंड बनाया जाए जिससे प्राकृतिक आपदाओं के आने पर किसानों को त्वरित मदद मिल सके.
  6. सरप्लस एवं प्रयोग में नहीं रहे भूमि के टुकड़ों का वितरण किया जाये.
  7. खेतीहर भूमि और वनभूमि को गैर-कृषि उद्देश्यों के लिए कॉर्पोरेट क्षेत्रों को आवंटित नहीं किया जाए.
  8. फसल बीमा की सुविधा सम्पूर्ण देश में हर फसल के लिए मिले.
  9. खेती के लिए कर्ज की व्यवस्था हर जरूरतमंद किसानों तक पहुँचे.
  10. सरकार की मदद से किसानों को दिए जाने वाले कर्ज पर ब्याज दर अल्प करके 4% किया जाए.
  11. कर्ज की वसूली में राहत, प्राकृतिक आपदा या संकट से जूझ रहे इलाकों में ब्याज से राहत हालात सामान्य होने तक जारी रहे.
  12. लगातार प्राकृतिक आपदाओं की परिस्थिति में किसान को सहायता पहुँचाने के लिए एक एग्रीकल्चर रिस्क फण्ड का गठन किया जाये.

“संसार मंथन” कॉलम का ध्येय है आपको सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में सवालों के उत्तर किस प्रकार लिखे जाएँ, उससे अवगत कराना. इस कॉलम के सारे आर्टिकल को इस पेज में संकलित किया जा रहा है >> Sansar Manthan

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