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खेरवार आन्दोलन किसके नेतृत्व में लड़ा गया?
[A] टाना भगत
[B] निलाम्बर-पिताम्बर
[C] भोगला सोरेन
[D] भगीरथ मांझी
[B] निलाम्बर-पिताम्बर
[C] जे. हॉफमैन
[D] भगीरथ मांझी
[B] युवागृह
[C] एक पर्व
[D] एक प्रकार की जनजातीय कला
[B] पट्टडी कोया
[C] दौंसन
[D] डोकलो शोहोर
[B] 1942-43, स्वर्णरेखा नदी पर
[C] 1957-58, बराकर नदी पर
[D] 1979-80, सोन नदी पर
[B] सीमेंट
[C] लौह
[D] इस्पात
[B] बेदिया
[C] बिरहोर
[D] सराक
[B] भकता परब
[C] टुसू परब
[D] हल पुन्ह्या
[B] चैत्र
[C] कार्तिक
[D] भाद्रपद
[B] निलाम्बर-पिताम्बर
[C] भोगला सोरेन
[D] भगीरथ मांझी
D) भगीरथ मांझी. भगीरथ मांझी झारखण्ड क्षेत्र में आंदलनों के प्रणेता तिलका मांझी के पुत्र थे। तिलका मांझी को मांझी विद्रोह के बाद फांसी दे दी गई थी जिसके बाद भगीरथ मांझी ने इसका नेतृत्व किया। उन्होंने खेरवार आंदोलन में भी नेतृत्व किया। भगीरथ मांझी का जन्म गोड्डा के तलड़िहा में खरवार जनजाति में हुवा था. इन्हें बाबाजी के नाम से जाना जाता था. इन्होंने1874 में खरवार आंदोलन को प्रारंभ किया था।आंदोलन के दौरान भगीरथ मांझी ने खुद को बोंसी गांव का राजा घोषित किया।
“इन्साइक्लोपीडिया मुंडारिका” के लेखक कौन हैं?
[A] टाना भगत[B] निलाम्बर-पिताम्बर
[C] जे. हॉफमैन
[D] भगीरथ मांझी
C) जे. हॉफमैन. हौफमैन ने , इन्साइक्लोपीडिया मुंडारिका लिखा, जो 1930 में प्रकाशित हुआ। जब 1940 में रामगढ़ में कांग्रेस का महाधिवेशन हुआ तो उसकी स्मारिका में 1940 में जीसी.सोंधी का अंग्रेजी में लिखा लेख ‘बिरसा भगवान्’ प्रकाशित हुआ था। इसी साल बिरसा पर जयपाल सिंह मुंडा का लेख ‘बिरसा की जय या क्षय’, बिहार हेरेल्ड, पटना अंग्रेजी दैनिक में निकला। इन लेखों से पता चलता है कि बिरसा का आंदोलन उस समय कितना प्रभावी रहा था। उनके आंदोलन की धमक खूंटी की पहाडिय़ों से दूर-दूर तक पहुंच गई थी।
“घोटुल” क्या है?
[A] विदाई गीत[B] युवागृह
[C] एक पर्व
[D] एक प्रकार की जनजातीय कला
B) युवागृह. गाँव के युवाओं का निवास स्थान है। कबीले के हर अविवाहित लड़के और लड़की को इसका सदस्य बनना पड़ता है। घोटुल की सदस्यता मात्र मन-बहलाव का साधन नहीं है बल्कि धार्मिक आस्थाओं से जुड़ी एक सामाजिक परम्परा है। इस परम्परा को कड़े नियमों द्वारा नियन्त्रित किया जाता है। यहाँ लड़कों को चेलिक और लड़कियों को मुटियारी कहा जाता है। लड़कों का नेता सरदार है तो लड़कियों की नेता बैलोसा है।
खड़िया समाज का राजा क्या कहलाता है?
[A] सरदाना[B] पट्टडी कोया
[C] दौंसन
[D] डोकलो शोहोर
D) डोकलो शोहोर. 1934-35 ईस्वी के आस -पास जब समस्त आदिवासी समाज शिक्षा के विकास के साथ जाग्रत हो रहा था, लगभग इसी समय खड़िया जाति के अग्रणी लोगों के द्वारा भी अपने समाज को संगठित करने,सशक्त बनाने हेतु अखिल भारतीय महासभा का गठन किया गया,जिसे डोकलो के नाम से जाना जाता है।➤खड़िया लोगों में किसी एक गांव के सभी निवासी एक गोत्र के होते हैं।➤गांव के महतो, पाहन, और विशेष रूप से करटाहा करता होते हैं।➤किसी क्षेत्र के खड़िया लोगों की पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था में महतो,पाहन ,और करटाहा आते हैं।➤महतो :- महतो गांव का प्रमुख व्यक्ति होता है। यह परंपरागत पद है।➤पाहन:- पाहन वह व्यक्ति जो गांव के पर्व- त्योहारों में पूजा पाठ करता है, इन्हें कालों के नाम से भी जाना जाता है।➤करटाहा:- प्रत्येक गांव में एक करटाहा होता है।➤यही गांव का नेता संचालक होता है➤जो डोकलो का सभापति जो संपूर्ण खड़िया समाज का राजा होता है ‘डोकलो शोहोर’ कहलाता है।➤डोकलो में सभी क्षेत्र के प्रमुख प्रतिनिधि ,महतो ,पाहन , करटाहा इकठ्ठा होते हैं, इस सभा में ‘ डोकलो शोहोर’ का चुनाव खड़िया जनजाति के लोगों करते हैं।➤इनका कार्यकाल 3 वर्षों के लिए होता है।
मैथन डैम कब एवं किस नदी पर बना?
[A] 1933-34, गंगा नदी पर[B] 1942-43, स्वर्णरेखा नदी पर
[C] 1957-58, बराकर नदी पर
[D] 1979-80, सोन नदी पर
C) 1957-58, बराकर नदी पर. भारतवर्ष के झारखंड प्रदेश में स्थित धनबाद से 52 किमी दूर मैथन बांध दामोदर वैली कारपोरेशन का सबसे बड़ा जलाशय है। इसके आस-पास का सौंदर्य पर्यटकों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। बराकर नदी के ऊपर बने इस बाँध का निर्माण बाढ़ को रोकने के लिए किया गया था।
जपला किस उद्योग का एक प्रमुख केंद्र है?
[A] लकड़ी[B] सीमेंट
[C] लौह
[D] इस्पात
B) सीमेंट. पलामू में अवस्थित है.
राँची-स्थित जैन मंदिर में 1918 में भगवान् महावीर की प्रतिमा स्थापित की गई थी. वह झारखण्ड की किस जनजाति से प्राप्त की गई थी?
[A] बथूड़ी[B] बेदिया
[C] बिरहोर
[D] सराक
D) सराक. निर्ग्रन्थ साधुओं का साथ न मिलने के कारण वे जैन समाज की मूलधारा से कटकर आदिवासी और जनजाति की श्रेणी में आ गए.
किस त्यौहार में अविवाहित युवतियाँ एक लकड़ी/बांस के सुसज्जित चौखटे को रंगीन कागज़ से सजाकर पास की नदी को समर्पित कर आती हैं?
[A] रोहिनी[B] भकता परब
[C] टुसू परब
[D] हल पुन्ह्या
C) टुसू परब. सूर्य के उत्तरायण यानी सूर्य का धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश शुभ माना जाता है। इसी दौरान दिन बड़े होने लगते हैं और प्रमुख पर्व के रुप में मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है। मकर संक्रांति का पर्व पूरे देश में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। इसी क्रम में झारखंड में मकर संक्रांति को टुसू पर्व या मकर पर्व के नाम से मनाया जाता है। झारखंड खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में मकर संक्रांति से करीब एक माह पहले पौष माह से ही टुसू मनी की मिट्टी की मूर्ति बना कर उसकी पूजा शुरू हो जाती है। मकर संक्रांति के दिन इस पर्व का समापन मूर्ति को स्थानीय नदी में प्रवाहित कर किया जाता है। इस दौरान टुसू और चौड़ल (एक पारंपरिक मंडप) सजाने का काम भी होता है। इस काम को केवल कुंवारी लड़कियां ही करती हैं। विसर्जन के लिए नदी पर ले जाने के दौरान स्थानीय लोग टुसू के पारंपरिक गीत गाते और नाचते हुए चलते हैं।
करमा पर्व किस दिन मनाया जाता है?
[A] वैशाख[B] चैत्र
[C] कार्तिक
[D] भाद्रपद
D) भाद्रपद. भाद्रपद शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि को हर साल यह पर्व मनाया जाता है. कहा जाता है कि कर्मा और धर्मा नामक दो भाइयों ने अपनी बहन की रक्षा के लिए जान को दांव पर लगा दिया था. दोनों भाई गरीब थे और उनकी बहन भगवान से हमेशा सुख-समृद्धि की कामना करते हुए तप करती थी।