हाल ही में, प्रधानमंत्री द्वारा जम्मू एवं कश्मीर में राज्य संचालित NHPC लिमिटेड की किशनगंगा जल बिजली परियोजना (Kishanganga Hydropower Project) का शुभारम्भ किया गया था.
विदित हो कि हम लोग जल्द से जल्द 2018 की सभी योजनाओं को Yojana 2018 पेज पर संकलित कर रहे हैं. 2019 की Prelims परीक्षा में इन योजनाओं के बारे में आपसे पूछा जा सकता है.
किशनगंगा परियोजना से जुड़े कुछ तथ्य
- यह 330 मेगावाट की “रन ऑफ़ द रिवर” जल बिजली परियोजना है जो उत्तरी कश्मीर के बांदीपुरा जिले की गुरेज घाटी में स्थित है.
- किशनगंगा परियोजना के तहत किशनगंगा नदी से जल की दिशा को परिवर्तित कर एक भूमिगत सुरंग के माध्यम से झेलम नदी बेसिन में स्थित बिजली संयंत्र की ओर ले जाया जाएगा और उसके बाद जल को वुलर झील में प्रवाहित किया जाएगा.
- इस परियोजना को 2009 में शुरू किया गया था मगर इसके विरुद्ध 2010 में पाकिस्तान द्वारा हेग स्थित स्थायी मध्यस्थता न्यायालय (Permanent Court of Arbitration) में याचिका दायर की गई थी. इस याचिका में तर्क दिया गया था कि इस परियोजना द्वारा सिन्धु जल समझौते का उल्लंघन करते हुए पाकिस्तान को पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) में नीलम नदी पर उसकी निर्माणाधीन जल बिजली परियोजना के लिए आवश्यक जल की मात्रा से वंचित किया गया है. विदित हो कि किशनगंगा नदी पाकिस्तान में नीलम नदी के रूप में प्रवाहित होती है.
- पाकिस्तान चीन की सहायता से 1,000 MW की नीलम-झेलम जलबिजली परियोजना का निर्माण कर रहा है.
- स्थायी मध्यस्थता न्यायालय ने भारत को परियोजना से सम्बंधित तकनीकी आँकड़े प्रस्तुत करने का आदेश जारी कर बाँध निर्माण कार्य को आगे बढ़ाने की अनुमति प्रदान की, साथ ही सीमा पार न्यूनतम 9 घन मीटर जल के प्रवाह को भी बनाए रखने के लिए कहा.
- किशनगंगा परियोजना से उत्पन्न बिजली का लगभग 12% जम्मू-कश्मीर को “रॉयल्टी” के रूप में तथा 1% “स्थानीय विकास” हेतु प्रदान किया जायेगा, जबकि शेष राष्ट्रीय ग्रिड में स्थानांतरित किया जाएगा.
Indus Waters Treaty
[no_toc]सिन्धु जल समझौता
- इस समझौते पर भारत एवं पाकिस्तान द्वारा 1960 में हस्ताक्षर किये गये थे.
- समझौते के अनुसार, तीन पूर्वी नदियों-रावी, व्यास एवं सतलज पर भारत का जबकि तीन पश्चिमी नदियों-सिन्धु, झेलम और चिनाब पर पाकिस्तान का नियंत्रण होगा.
- यह भारत को सिन्धु नदी के जल का केवल 20% भाग ही सिंचाई, बिजली उत्पादन एवं परिवहन के लिए उपयोग करने की अनुमति प्रदान करता है.
- इस समझौते के बारे में डिटेल में पढ़ने के लिए क्लिक करें >> सिन्धु जल समझौता
Kishanganga Hydropower Project का महत्त्व
- इससे क्षेत्र के विकास को गति मिलने की संभावना व्यक्त की गई है.
- यह परियोजना जम्मू-कश्मीर के क्षेत्र तथा इसके संसाधनों पर भारत के दावे को सुदृढ़ करती है.
- सिन्धु जल समझौते के तहत अपने अधिकारों के लिए भारत के दावे के कारण यह परियोजना एक प्रमुख सामरिक महत्त्व रखती है.
अन्य प्रमुख विवादित परियोजनाएँ
[table id=42 /]Tags: किशनगंगा परियोजना – Jammu-Kashmir Kishanganga Project in Hindi. Problems, challenges and solution के बारे में जानें. Sindhu Water Treaty and other controversial hydropower projects in India, Gktoday, Drishti IAS notes, PIB, Vikaspedia, Wikipedia, launch date/year, full form, download in PDF.
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