उदारीकृत विप्रेषण योजना – Liberalised Remittance Scheme (LRS) in Hindi

Sansar LochanGovt. Schemes (Hindi)

भारतीय रिज़र्व बैंक ने हाल ही में, उदारीकृत धन-प्रेषण योजना (Liberalised Remmittance Scheme – LRS) योजना के लिए रिपोर्टिंग मानक को सख्त बना दिया है.

Sansar DCA Bites

  • LRS का full-form है – Liberalised Remittance Scheme
  • रिज़र्व बैंक ने उदारीकृत धन-प्रेषण योजना (Liberalised Remittance Scheme – LRS) के लिए रिपोर्टिंग मानदंडों को कठिन बना दिया है.
  • अब बैंकों को LRS के अंतर्गत उनके द्वारा की गई दैनिक लेन-देन की जानकारियों को अपलोड करने की आवश्यकता होगी.
  • LRS के अंतर्गत सभी भारतीय निवासी हर वित्तीय वर्ष में $250,000 विदेशों में प्रेषित कर सकते हैं.
  • अनुमति: विदेशों में रहने वाले रिश्तेदारों की देखभाल, उन्हें उपहार देने, विदेशी शिक्षा, यात्रा, चिकित्सा-उपचार और शेयरों और संपत्ति की खरीद के लिए धन प्रेषण की अनुमति है. लेनदेन करने के लिए कोई व्यक्ति विदेशी बैंकों के साथ विदेशी मुद्रा खाता खोल सकता है. .
  • अनुमति नहीं: किन्तु इन मामलों में धन-प्रेषण की अनुमति नहीं दी जाएगी – विदेशी मुद्रा बाजारों में ट्रेडिंग करना, विदेशी एक्सचेंज में मार्जिन धन जमा करना, विदेशी मुद्रा की खरीद करना, भारतीय कंपनियों द्वारा विदेश में निर्गत परिवर्तनीय बांड जमा करना.

आइये संक्षेप में जानते हैं LRS scheme के बारे में.

Important Info
विदित हो कि हम लोग जल्द से जल्द 2018 की सभी योजनाओं को Yojana 2018 पेज पर संकलित कर रहे हैं. 2019 की Prelims परीक्षा में इन योजनाओं के बारे में आपसे पूछा जा सकता है.

LRS Scheme

  • यह योजना RBI द्वारा निवासी भारतीयों (अल्पवयस्कों सहित) के लिए अभिकल्पित एक ऐसी योजना है जिसके माध्यम से उन्हें चालू और पूँजी खाता प्रयोजनों या दोनों के संयोजन के लिए 250,000 डॉलर तक प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष मुक्त रूप से भेजने की सुविधा प्रदान की जाती है.
  • विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) 1999 के तहत इस योजना के लिए विनियमनों का निर्धारण किया गया है.
  • उदारीकृत धन-प्रेषण योजना के अंतर्गत, विदेश में रहने वाले रिश्तेदारों के भरण-पोषण, उपहार और दान के अतिरिक्त, विदेशी शिक्षा यात्रा, चिकित्सा उपचार के लिए धन-प्रेषण किये जा सकते हैं. शेयर और सम्पत्ति की खरीद के लिए भी धन-प्रेषण किया जाता है.

 

धन-प्रेषण पर प्रतिबंध

नीचे दिए गये प्रयोजनों के लिए धन-प्रेषण की अनुमति नहीं है –

  • FATF (Financial Action Task Force) द्वारा “असहयोगी” के रूप में चिन्हित देशों को.
  • आतंकी गतिविधियों में संग्लन संस्थाओं को.
  • विदेशी मुद्रा बाजारों में व्यापार करने के लिए, विदेश स्थित भारतीय कंपनियों द्वारा निर्गत foreign currency convertible bonds की खरीद के लिए.

मुख्य बिंदु

वर्तमान स्थिति –

  • LRS के लेनदेन को विप्रेषक द्वारा की गई घोषणा के आधार पर प्राधिकृत डीलर (AD) बैंक द्वारा अनुमति प्रदान की जाती है.
  • लेकिन, प्राधिकृत डीलर बैंक के लिए यह निगरानी/सुनिश्चित करना कठिन होता है कि किसी विप्रेषक ने दूसरे प्राधिकृत डीलर बैंक तक पहुँच स्थापित कर निर्धारित सीमा का उल्लंघन नहीं किया है.

परिवर्तित स्थिति

  • बैंकों को उनके द्वारा LRS के अंतर्गत किये गए प्रत्येक दैनिक लेन-देन की जानकारी अपलोड करना आवश्यक होगा.
  • इस कदम का उद्देश्य LRS की उच्चतम सीमाओं की निगरानी एवं अनुपालन में सुधार करना है.

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सभी योजनाओं की लिस्ट इस पेज से जोड़ी जा रही है – > Govt Schemes in Hindi

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