Line of Control
भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने हाल ही में आदेश दिया है कि जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) के आर-पार होने वाले व्यापार को स्थगित कर दिया जाए. वास्तव में सरकार को सूचना मिल रही थी कि इस व्यापार का दुरुपयोग पाकिस्तान के कुछ लोग अवैध हथियार, नारकोटिक पदार्थ और जाली नोट आदि भारत में प्रवेश कराने के लिए कर रहे थे.नियंत्रण रेखा के आर-पार व्यापार
- इस व्यापार का उद्देश्य है सामान्य उपयोग की वस्तुओं का व्यापार जिससे नियंत्रण रेखा के दोनों ओर रहने वाले स्थानीय लोगों को लाभ पहुँचे.
- यह व्यापार नियंत्रण रेखा पर दो स्थानों से होकर होता है. पहला स्थान बारामूला जिले के अन्दर उरी के पास स्थित सलामाबाद और दूसरा स्थान पुंछ जिले का चक्कन-दा-बाग़ है.
- यह व्यापार सप्ताह में चार दिन होता है.
- यह व्यापार वस्तु-विनियम प्रणाली से होता है और इसपर शून्य चुंगी लगती है.
सीमा नियंत्रण रेखा पर व्यापार रोका क्यों गया?
- इस व्यापार का बड़े पैमाने पर दुरूपयोग हो रहा था. पता चला था कि इस व्यापार के माध्यम से कई विदेशी देशों और अन्य क्षेत्रों से भी माल आने लगा था.
- राष्ट्र-विरोधी लोग इस मार्ग का दुरूपयोग हवाला का धन, नशीली दवाओं और हथियारों को भारत में लाने के लिए कर रहे थे.
- ज्ञात हुआ कि इस व्यापार में संलग्न कई लोग प्रतिबंधित आतंकी संगठनों और अलगाववादी संस्थाओं से जुड़े हुए थे.
- इस व्यापार का लाभ उठाकर भारत के कुछ लोग पाकिस्तान चले गये और वहाँ जाकर सैन्य संगठनों में शामिल हो गये. उन्होंने वहाँ जाकर व्यापारिक प्रतिष्ठान स्थापित किये, परन्तु व्यापार पर सैन्य संगठनों का ही नियंत्रण होता था.
LoC क्या है?
- पहले नियंत्रण रेखा (LoC) को युद्ध-विराम रेखा कहा जाता था. आगे चलकर 3 जुलाई, 1972 को हुए शिमला समझौते के पश्चात् उसका नाम बदलकर नियंत्रण रेखा कर दिया गया.
- नियंत्रण रेखा की एक ओर जम्मू है जो भारत द्वारा नियंत्रित जम्मू-कश्मीर का अंग है तो दूसरी ओर पाकिस्तान के आधिपत्य वाला कश्मीर और गिलगित-बल्तिस्तान है. इस रेखा का सबसे उत्तरी बिंदु NJ9842 कहा जाता है.
- चीन द्वारा नियंत्रित कश्मीर के अक्साई चीन नामक हिस्से और भारत के नियंत्रण वाले जम्मू-कश्मीर राज्य के बीच में एक और युद्ध-विराम रेखा है.
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