कई महीने पहले मैंने Comment of the Week सेक्शन की शुरुआत की थी जिसमें मैं अच्छे कमेंट को सेलेक्ट करके उसका उत्तर पोस्ट पर डालता था. ये कमेंट वैसे होते थे जो दूसरों के भी काम आ सकें. पर इस सेक्शन को मैंने बंद कर दिया था क्योंकि कई अन्य काम भी ब्लॉग पर रहते थे जिसमें मैं व्यस्त हो गया था, पर अब सोचता हूँ कि इस सेक्शन को जिन्दा रखना जरुरी हो गया है.
कल-परसों कमेंट आया महेंद्र मोदी जी का, जिन्होंने पूछा –
सर,
मेरी बेसिक गणित बहुत ही कमजोर है। मैं ग्रामीण क्षेत्र से सम्बन्ध रखता हूँ और मेरी अकादमिक शिक्षा ग्रामीण क्षेत्र के उस राजकीय विद्यालय में हुई जहाँ गणित,विज्ञान और अंग्रेजी जैसे विषयों के योग्य शिक्षकों की हमेशा कमी रही और परिणाम यह रहा कि हम इन विषयों में कमजोर रह गए। हालाँकि कक्षा 10 में अंग्रेजी कमजोर होने की वजह से अंग्रेजी में पूरक परीक्षा देनी पड़ी थी, जहाँ 10th मुख्य परीक्षा में मेरे 80 में से सिर्फ 9 अंक आये थे और ओवर आल 100 में से 26 अंक आये थे वही मात्र 25 दिन की ट्यूशन लेकर पूरक परीक्षा में यह आंकड़ा मैंने 78 तक पहुंचा दिया था।फ़िलहाल मैं आर्ट्स स्ट्रीम से ग्रेजुएट हूँ मगर यह गणित हमेशा से मेरे सामने एक विकट मुद्दा रहा है।मैं अपनी गणित किस प्रकार से सुधार सकता हूँ?
कृपया श्रीमान जी मदद कीजिये!
उत्तर
महेंद्र जी, आपने इतना लम्बा चौड़ा कमेंट लिखा तो इसका जवाब देना मेरे लिए अनिवार्य हो गया था. जहाँ तक मेरे टीचिंग अनुभव का प्रश्न है मुझसे कई छात्रों ने गणित को लेकर यही सवाल पूछा है और मेरा उत्तर हर बार एक ही रहता है. मैं गणित का शिक्षक नहीं हूँ फिर भी यदि मैं वैज्ञानिक तरीके से सोचूँ तो मुझे लगता है कि मैथ्स अच्छा होना या अच्छा नहीं होना….यह हमारे ब्रेन के बनावट पर निर्भर है. हमारे मस्तिष्क का बायाँ भाग यह निर्धारित करता है कि हमारा गणित अच्छा है या नहीं. [no_toc]
सुनकर आपको अजीब लग रहा होगा पर मैंने कई अध्ययनों के बाद यह पाया कि गणित का अच्छा या न होना यह हमारे किस्मत में पहले से ही लिखा होता है. आपने गौर किया होगा कि कोई मवाली या सड़क छाप इंसान, जो हमेशा गुटखा दाँतों के अन्दर दबा कर रखता है, भी चुटकियों में जोड़, घटाव और गुणा कर देता है. वह ऐसा इंसान होता है जिसने कभी भी किताबों का मुँह तक नहीं देखा हो.
तो फिर किस्मत में छोड़ देना चाहिए?
पर हर कुछ किस्मत में छोड़ देना अच्छा नहीं होता. कई लोग जन्मजात शरीर से लाचार पैदा होते हैं पर वे मेहनत करके वैसे कारनामे कर डालते हैं जो स्वस्थ इंसान भी नहीं कर सकता. इसलिए मैथ्स को अच्छा करना भी हमारे हाथ में है. पर यह याद रखें कि गणित में अच्छा होने के लिए आपको दूसरे लोगों की तुलना में कई गुणा अधिक मेहनत करना पड़ सकता है.
जहाँ तक रहा परीक्षा का प्रश्न तो हर परीक्षा में मैथ्स का लेवल अलग-अलग होता है. जैसे यदि बैंकिंग, SSC, MBA आदि परीक्षाओं की बात करें तो उनमें मैथ्स का लेवल काफी tough होता है. बैंकिंग परीक्षा में ही यदि SBI परीक्षा की बात करें तो उसमें गणित से पूछे गये सवाल अन्य बैंकों की तुलना में काफी tough होते हैं.
इसलिए भला इसी में है कि इन परीक्षाओं की तैयारी में आप अपनी एनर्जी और टाइम मत गवाएँ. हाँ, यदि आपके पास पर्याप्त समय है, जैसे 2-3 साल …तो आप इन परीक्षाओं की भी तैयारी कर सकते हैं. पर मेरी सलाह यही है कि आप सिविल सर्विसेज या लेक्चररशिप इत्यादि की तैयारी करें जहाँ मैथ्स सरल है और इसकी तैयारी चंद किताबों और थोड़ी-बहुत प्रैक्टिस से की जा सकती है.
NET की परीक्षा में पूछे गए मैथ्स के सवाल काफी सरल होते हैं. UPSC CSAT में भी कोई अधिक कठिन गणित नहीं पूछा जाता. हाँ, पर पढ़ाई सही ढंग से नहीं की जाए या मेहनत कम हो तो इन परीक्षाओं में भी पूछे गए गणित हमारे लिए कठिन प्रतीत हो सकते हैं.
गणित सरल कब लगने लगता है?
गणित सरल तब लगता है जब हम रोज़ एक घंटे इसकी प्रैक्टिस करें. गणित एक कला है जिसको धीरे-धीरे develop करना पड़ता है. आप पेंटिंग सीखते हो, गायन सीखते हो, रियाज करते हो तो धीरे-धीरे अनुभव होने लगता है कि हमने ऐसी कई चीजें अनजाने में ही सीख लीं हैं जो हमारे पेंटिंग को अच्छा बना रही हैं या गायन में आपने ऐसी जगह मुर्कियाँ लेनी सीख ली हैं जो हर गाने में अनजाने में ही हम प्रयोग कर रहे हैं और गाना सुनने में भी कर्णप्रिय लग रहा है.
सब प्रैक्टिस का खेल है. मैथ्स में तो खासकर कहाँ लघुत्तम समापवर्त्य तथा महत्तम समापवर्तक (Least Common Multiple and Highest Common Factor) का प्रयोग करना है…यह practice से ही संभव है. आप कभी नहीं जानोगे कि निम्नलिखित सवाल का आप मात्र LCM निकाल के उत्तर दे सकते हो –
छः घंटिया शुरुआत में एक साथ बजती हैं. यदि ये घंटिया 2, 4, 6, 8, 10 और 12 सेकंड के अन्तराल से बजें तो 30 मिनट में वे कितनी बार एक साथ बजेंगी?
अब यह प्रश्न पढ़कर non-mathematics background के लोगों के दिमाग में सर्वप्रथम घंटियाँ बजेंगी. उसके बाद सवाल में दी गई घंटी के बारे में वे सोचेंगे. या तो वे यह प्रश्न पढ़कर skip कर जायेंगे या ऐसी विधि से बनाने का प्रयत्न करेंगे जिसका न तो कोई सर है न पाँव.
हो सकता है वे 30 मिनट का सेकंड निकालने बैठ जाएँ –
जैसे 30 mnt x 60 seconds = 1800 seconds
और फिर पता नहीं क्या-क्या करेंगे….
यदि आपने मैथ्स की प्रैक्टिस की होती…खूब सारे मैथ्स इसी तरह के बनाए होते….किताबों में solutions बार-बार देखा होता …तो ऐसी नौबत नहीं आती. कौन-सी चीज कब apply करनी है, यह केवल practice से ही संभव है. Practice का कोई विकल्प नहीं है. यदि आप प्रैक्टिस करने से भागते हो तो मैथ्स भी आपसे उतनी ही दूर भागेगी.
इसलिए, सबसे पहले यह जानना जरुरी है कि इन चीजों का प्रयोग कब होता है? क्यों होता है? Mathematics सिखने के लिए कोई भी Tips/Tricks और Shortcuts वाली रद्दी किताबें मत पढ़ें. उनसे कुछ नहीं होने वाला है. पहले अपना आधार मजबूत करें तब जाकर ये सब पढ़ें.
फिर कैसे गणित को अच्छा करूँ?
मेरा अनुभव है कि गणित को अच्छा करने के लिए दो विकल्प चुनने चाहिए –
1. अच्छे गुरु को पकड़ लें – यदि संभव हो तो tuition आदि करें. किसी शिक्षक के घर जा कर personally coaching करें या उन्हें ही अपने घर बुला लें. भीड़ में पढ़ने से बचें. भीड़ में कई बच्चों के मैथ्स पहले से ही अच्छे होते हैं इसलिए classes की speed सर के ऊपर से जाती है और आपको कोई फायदा नहीं होता.
2. कुछ किताबें हैं – मैं नीचे कुछ किताबों की लिस्ट दे रहा हूँ. यदि आपको कोई टीचर पढ़ाने वाला नहीं मिल रहा हो तो अकेले इन किताबों से प्रैक्टिस करें. पर याद रहे कि यह सब बहुत time-taking है. हिम्मत हारने से आपको कुछ नहीं मिलेगा. विष का प्याला समझ कर कम से कम 10 सवाल रोज हल करें. फिर आप मुझे याद रखोगे कि किसी ने बताया था तो मैं आज इस मुकाम पर हूँ.
Maths Books for Non-Mathematical Brain
नीचे जो मैं किताबों की लिस्ट दे रहा हूँ, ये किताबें बिल्कुल non-mathematical brains के लिए हैं जिनको Maths की ABCD भी नहीं आती है. हर चीज की शुरुआत base से करनी चाहिए. जब तक घर की नींव मजबूत नहीं होगी, घर का कभी-भी गिर जाने का जोखिम बना रहता है.
NCERT Class 7, Class 8, Class 9, Class 10.
संख्या सिद्धांत (Number Theory)
Class 7 = Chapter 2, Chapter 9
Class 10 = Chapter 1
Basic Concept (BODMAS रुल, रूट, वर्ग इत्यादि)
Class 8 = Chapter 1, Chapter 12
Class 9 = Chapter 1
रैखिक समीकरण (Linear equation)
Class 9 = Chapter 4
Class 10 = Chapter 10, Chapter 3
वर्ग समीकरण (quadratic equation), बहुपद इत्यादि (SSC के लिए बहुत जरुरी)
Class 8 = Chapter 14
Class 9 = Chapter 2
Class 10 = Chapter 4
अनुपात इत्यादि
Class 8 = Chapter 13
कोण, पक्ष, द्विभाजक, वृत्त
Class 8 = Chapter 3, Chapter 11
Class 9 = Chapter 9, Chapter 12, Chapter 13
Class 10 = Chapter 13
प्रतिशत (जनसंख्या में कितना % वृद्धि/गिरावट)
Class 8 = Chapter 8
बाकी के portion आप इस किताब से पढ़ सकते हैं – संख्यात्मक अभियोग्यता (Click here)
ये सारी किताबें आपको SSC CGL की तैयारी में भी मदद करेंगी. पर याद रहे ये सारे किताब आपके basics को मजबूत करेंगी. ऐसा मत सोचियेगा कि ये सारी चीजें UPSC के CSAT में तो पूछी नहीं जाती तो मैं क्यों पढूँ? पर अंततः आपको ये सभी concept की जरुरत सभी परीक्षाओं में हर हालत में पड़ेने वाली है.
NIOS की ये किताबें
नीचे एक लिंक दे रहा हूँ. उसमें NIOS (National Institute of Open Schooling) की दो किताबें हैं जो बहुत ही गजब की हैं. उनका PDF आप download कर सकते हो.
Youtube Videos
वैसे तो YouTube में आजकल बहुत कुछ सीखने को मिल जाता है पर यहाँ भी भेंड़-बकरी की तरह लोग पढ़ाने आ रहे हैं, ऐसे में कौन अच्छा और फायदेमंद है यह चयन करना मुश्किल हो जाता है. मैंने हाल ही में Khan Academy के कुछ videos देखे, हिंदी में थे तो मुझे अच्छे लगे. काफी कुछ सीखने को मिल सकता है.
फिर भी आप अपने विवेक से काम करें, जिससे फायदा हो, उन्हीं को देखें.
काम की बात
काम की बात यह है कि किसी भी क्षेत्र में सफलता आसानी से नहीं मिलती है, यह सब जानते हैं. मैंने जो ब्रेन वाली कही उसे पकड़ कर मत बैठ जाएँ, यह सोचकर कि अब तो मेरा कुछ होगा ही नहीं. वह तो मैंने केवल एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण आपके समक्ष रखा. वह भी इसीलिए क्योंकि आप जानें कि आपको अन्य लोगों की तुलना में mathematics में master होने के लिए दुगुनी मेहनत करनी है.
Previous Year CSAT Papers से खूब करें प्रैक्टिस
नीचे पिछले वर्ष GS PAPER 2 यानी CSAT Papers के pdf download link दे रहा हूँ. Pattern को समझने की कोशिश करें और उसी तरह के सवालों को दिन-रात हल करें.
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