UPSC Prelims परीक्षा के लिए Economy (अर्थव्यवस्था) का Mock Test Series का तीसरा भाग दिया जा रहा है. भाषा हिंदी है और सवाल (MCQs) 10 हैं. ये questions Civil Seva Pariksha के समतुल्य हैं इसलिए यदि उत्तर गलत हो जाए तो निराश मत हों.
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Mock Test Series for UPSC Prelims – Economy (अर्थव्यवस्था) Part 3
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Question 1 of 5
1. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से कौन-सा भारत सरकार द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों (G-Secs) की पुनर्खरीद का लाभ नहीं है?
Correct
2013-14 से सरकारी प्रतिभूतियों की पुनर्खरीद/अदला-बदली केंद्र सरकार के नकद और ऋण प्रबंधन कार्यों की एक नियमित विशेषता रही है. ये उपकरण केंद्र सरकार के ऋण प्रबंधन उद्देश्यों के अनुरूप ऋण प्रोफाइल और नकदी प्रवाह का प्रबंधन करने में सहायता करते हैं. इस प्रक्रिया में, किसी भी वर्ष में रिडेम्पशन प्रेशर/पुनर्भुगतान के एकत्रण को सुचारू रूप में व्यवस्थित किया जाता है और साथ ही G-Secs के द्वितीयक बाजार की तरलता में भी सुधार किया जाता है.
जहाँ पुनर्खरीद परिचालन का उद्देश्य अगले वर्ष के रिडेम्पशन प्रेशर को कम करना है, वहीं अदला-बदली सम्बन्धी परिचालन (conversion operations) बकाया G-Secs की परिपक्वता तिथि को आगे बढ़ाने में भी सहायता करते हैं. पुनर्खरीद परिचालनों की मात्रा केंद्र सरकार के खाते में उस वर्ष के अन्तरा-वार्षिक नकद अधिशेष की उपलब्धता पर निर्भर करती है.
प्रतिभूतियों के अदला-बदला सम्बन्धी परिचालनों में नकदी का बाह्य निर्गमन लघुअवधि की प्रतिभूतियों को दीर्घावधि की प्रतिभूतियों में परिवर्तित किये जाते समय उपलब्ध छूट (यदि कोई हो) पर निर्भर करता है और यह केंद्र सरकार के सकल राजकोषीय घाटे में वृद्धि करता है. इसलिए विकल्प D सही उत्तर है.
Incorrect
2013-14 से सरकारी प्रतिभूतियों की पुनर्खरीद/अदला-बदली केंद्र सरकार के नकद और ऋण प्रबंधन कार्यों की एक नियमित विशेषता रही है. ये उपकरण केंद्र सरकार के ऋण प्रबंधन उद्देश्यों के अनुरूप ऋण प्रोफाइल और नकदी प्रवाह का प्रबंधन करने में सहायता करते हैं. इस प्रक्रिया में, किसी भी वर्ष में रिडेम्पशन प्रेशर/पुनर्भुगतान के एकत्रण को सुचारू रूप में व्यवस्थित किया जाता है और साथ ही G-Secs के द्वितीयक बाजार की तरलता में भी सुधार किया जाता है.
जहाँ पुनर्खरीद परिचालन का उद्देश्य अगले वर्ष के रिडेम्पशन प्रेशर को कम करना है, वहीं अदला-बदली सम्बन्धी परिचालन (conversion operations) बकाया G-Secs की परिपक्वता तिथि को आगे बढ़ाने में भी सहायता करते हैं. पुनर्खरीद परिचालनों की मात्रा केंद्र सरकार के खाते में उस वर्ष के अन्तरा-वार्षिक नकद अधिशेष की उपलब्धता पर निर्भर करती है.
प्रतिभूतियों के अदला-बदला सम्बन्धी परिचालनों में नकदी का बाह्य निर्गमन लघुअवधि की प्रतिभूतियों को दीर्घावधि की प्रतिभूतियों में परिवर्तित किये जाते समय उपलब्ध छूट (यदि कोई हो) पर निर्भर करता है और यह केंद्र सरकार के सकल राजकोषीय घाटे में वृद्धि करता है. इसलिए विकल्प D सही उत्तर है.
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Question 2 of 5
2. Question
1 pointsRBI की बाजार स्थिरीकरण योजना (MSS) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
- अर्थव्यवस्था में उच्च तरलता की स्थिति में MSS का उपयोग किया जाता है.
- इसमें RBI द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों की बिक्री शामिल है.
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
कथन 1 और 2 दोनों सही हैं. RBI की बाजार स्थिरीकरण योजना (Market Stabilization Scheme : MSS) एक मौद्रिक नीति सम्बन्धी हस्तक्षेप है. इसका उपयोग RBI द्वारा अर्थव्यवस्था में सरकारी प्रतिभूतियों का विक्रय कर तरलता (या मुद्रा आपूर्ति) की निकासी हेतु किया जाता है. MSS को अप्रैल 2004 में प्रारम्भ किया गया था.
अर्थव्यवस्था में उच्च तरलता की स्थिति में MSS का उपयोग किया जाता है. जारी की गई प्रतिभूतियां सरकारी बांड होती हैं और उन्हें बाजार स्थिरीकरण बांड (MSBs) कहा जाता है. MSS की प्रक्रिया के दौरान, सरकार अपने बांड या प्रतिभूतियों (MSBs) को RBI के पास उधार रूप में जमा करती है.
Incorrect
कथन 1 और 2 दोनों सही हैं. RBI की बाजार स्थिरीकरण योजना (Market Stabilization Scheme : MSS) एक मौद्रिक नीति सम्बन्धी हस्तक्षेप है. इसका उपयोग RBI द्वारा अर्थव्यवस्था में सरकारी प्रतिभूतियों का विक्रय कर तरलता (या मुद्रा आपूर्ति) की निकासी हेतु किया जाता है. MSS को अप्रैल 2004 में प्रारम्भ किया गया था.
अर्थव्यवस्था में उच्च तरलता की स्थिति में MSS का उपयोग किया जाता है. जारी की गई प्रतिभूतियां सरकारी बांड होती हैं और उन्हें बाजार स्थिरीकरण बांड (MSBs) कहा जाता है. MSS की प्रक्रिया के दौरान, सरकार अपने बांड या प्रतिभूतियों (MSBs) को RBI के पास उधार रूप में जमा करती है.
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Question 3 of 5
3. Question
1 pointsनिम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए :
परमाणु ऊर्जा विदेशी सहयोग 1. जैतापुर फ़्रांस 2. तारापुर संयुक्त राज्य अमेरिका 3. कुडनकुलम रूस उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुलेमित है/हैं?
Correct
जैतपुर महाराष्ट्र में है. तारापुर महाराष्ट्र के ठाणे जिले में बोईसर के पास स्थित है. कुडनकुलम तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में स्थित है.
Incorrect
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Question 4 of 5
4. Question
1 pointsरेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
- RBI द्वारा रेपो दर में वृद्धि करने से व्यवसायों और उद्योगों के लिए ऋण की लागत बढ़ जाती है.
- रेपो दर, रिवर्स रेपो दर से उच्च होती है.
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
Correct
Incorrect
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Question 5 of 5
5. Question
1 pointsयह एक ग्राफ़िक वक्र है जो किसी अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति और बेरोजगारी के मध्य सम्बन्ध को दर्शाता है. वक्र इंगित करता है कि मुद्रास्फीति कम है तो बेरोजगारी अधिक होगी और मुद्रास्फीति अधिक है तो बेरोजगारी कम होगी.
उपर्युक्त परिभाषा निम्नलिखित में से किसे संदर्भित करता है?
Correct
लाफर वक्र >कर दरों और सरकारी आय के बीच संबंध दिखाने के लिए एक ग्राफ प्रस्तुत करना; टैक्स दरों के रूप में आय बढ़ जाती है, जिससे आय में कमी आती है.
कुजनेट वक्र > यह साइमन कुज़्नेत्स की उस प्राक्कल्पना की आरेखीय प्रस्तुति है जिसके अनुसार कोई देश जब विकास करता है तो बाजार की ताकतों द्वारा संचालित आर्थिक असमानता का एक प्राकृतिक चक्र उत्पन्न हो जाता है। आरंभिक चरण में असमानता में वृद्धि दिखायी देती है और फिर एक निश्चित औसत आय के बाद यह कम होने लगती है। यह वक्र यह प्रदर्शित करता है कि जब आर्थिक विकास शुरु होता है तो कुछ लोग ही आय वृद्धि से लाभान्वित होते हैं, इसलिए आर्थिक विकास के साथ-साथ आय के वितरण में विषमता कम होने लगती है जिसके कारण यह उल्टे ‘यू’ (U) आकार का हो जाता है.
लॉरेंज वक्र – लोरेन्ज़ वक्र एक ग्राफ है जो कि समाज में असमानता की डिग्री दर्शाता है, उद्योग, आय और धन के वितरण में.
Incorrect
लाफर वक्र >कर दरों और सरकारी आय के बीच संबंध दिखाने के लिए एक ग्राफ प्रस्तुत करना; टैक्स दरों के रूप में आय बढ़ जाती है, जिससे आय में कमी आती है.
कुजनेट वक्र > यह साइमन कुज़्नेत्स की उस प्राक्कल्पना की आरेखीय प्रस्तुति है जिसके अनुसार कोई देश जब विकास करता है तो बाजार की ताकतों द्वारा संचालित आर्थिक असमानता का एक प्राकृतिक चक्र उत्पन्न हो जाता है। आरंभिक चरण में असमानता में वृद्धि दिखायी देती है और फिर एक निश्चित औसत आय के बाद यह कम होने लगती है। यह वक्र यह प्रदर्शित करता है कि जब आर्थिक विकास शुरु होता है तो कुछ लोग ही आय वृद्धि से लाभान्वित होते हैं, इसलिए आर्थिक विकास के साथ-साथ आय के वितरण में विषमता कम होने लगती है जिसके कारण यह उल्टे ‘यू’ (U) आकार का हो जाता है.
लॉरेंज वक्र – लोरेन्ज़ वक्र एक ग्राफ है जो कि समाज में असमानता की डिग्री दर्शाता है, उद्योग, आय और धन के वितरण में.
Topics :-
- सरकारी प्रतिभूतियों (G-Secs) की पुनर्खरीद
- बाजार स्थिरीकरण योजना (MSS)
- परमाणु ऊर्जा और विदेशी सहयोग
- रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट
- ग्राफ़िक वक्र