UPSC Prelims परीक्षा के लिए Economy (अर्थव्यवस्था) का Mock Test Series का पहला भाग दिया जा रहा है. भाषा हिंदी है और सवाल (MCQs) 10 हैं. ये questions Civil Seva Pariksha के समतुल्य हैं इसलिए यदि उत्तर गलत हो जाए तो निराश मत हों.
सवालों के उत्तर व्याख्या सहित नीचे दिए गए हैं. (Question Solve Karen Ya Na Karen Par Explanation Par Nazar Jarur Daudayen)[no_toc]
Mock Test for UPSC Prelims - Economy (अर्थव्यवस्था) Part 1
Question 1 |
- सार्वजनिक क्षेत्रक के बैंकों पर
- निजी वाणिज्यिक बैंकों पर
- सहकारी बैंकों पर
केवल 1 और 2 | |
केवल 2 और 3 | |
केवल 1 और 3 | |
1, 2 और 3 |
Question 2 |
- आर्थिक गलियारा का विकास
- तटीय क्षेत्रों और बंदरगाहों से जुड़ीं सड़कें
- व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सड़कों का अंतर्राष्ट्रीय सम्पर्क
केवल 1 और 2 | |
केवल 1 और 3 | |
केवल 3 | |
1, 2 और 3 |
Question 3 |
- ग्रीन बॉन्ड किसी संस्था द्वारा नवीकरणीय और संधारणीय ऊर्जा परियोजनाओं का वित्तपोषण करने के लिए निवेशकों से धन जुटाने के लिए जारी किया गया ऋण उपकरण होता है.
- भारत में ग्रीन बॉन्डों का निर्गमन और उन्हें सूचीबद्ध करना, भारतीय प्रतिभूति एवं नियंत्रण बोर्ड (SEBI) के विनियमों से अभिशासित होता है.
केवल 1 | |
केवल 2 | |
1 और 2 दोनों | |
न तो 1, न ही 2 |
Question 4 |
- यह निम्न कर या शून्य कर वाले स्थानों पर लाभ को कृत्रिम रूप से स्थानांतरित करने के लिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा अपनाई जाने वाली कर परिहार (Tax Avoidance) रणनीतियों को संदर्भित करता है.
- OECD ने BEPS पर एक कार्य योजना का विकास किया है.
केवल 1 | |
केवल 2 | |
1 और 2 दोनों | |
न तो 1, न ही 2 |
Question 5 |
- यह IMF के अधीन एक गैर-लाभकारी फाउंडेशन है.
- इसका उद्देश्य व्यापार, राजनीतिक, शैक्षणिक और समाज के अन्य क्षेत्रों के नेतृत्वकर्ताओं को संग्लन करके विश्व की स्थिति में सुधार लाना और वैश्विक एजेंडे को आकार देना है.
केवल 1 | |
केवल 2 | |
1 और 2 दोनों | |
न तो 1, न ही 2 |
Question 6 |
- पी-नोट्स अप्रवासी भारतीयों (NRIs) को जारी नहीं किये जा सकते हैं.
- पी-नोट धारक को अन्तर्निहित प्रतिभूति के सम्बन्ध में मतदान अधिकार प्राप्त होता है.
केवल 1 | |
केवल 2 | |
1 और 2 दोनों | |
न तो 1, न ही 2 |
Question 7 |
- यह बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के तहत स्थापित किये गये हैं.
- इन्हें शेयर बाजार में सूचीबद्ध नहीं किया जा सकता.
केवल 1 | |
केवल 2 | |
1 और 2 दोनों | |
न तो 1, न ही 2 |
Question 8 |
- यह योजना निर्यातक को शुल्क के भुगतान पर होने वाली हानि की क्षतिपूर्ति हेतु प्रोत्साहन प्रदान करती है.
- यह योजना विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZ) पर लागू नहीं होती है.
- इसे वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा लागू किया गया है.
केवल 1 | |
केवल 1 और 3 | |
केवल 2 और 3 | |
1, 2 और 3 |
Question 9 |
- यह एक ऐसा तंत्र है जो विदेशी निवेशकों को निवेश सम्बन्धी विवादों का समाधान करने हेतु इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल तक पहुँच का अधिकार प्रदान करता है.
- भारत की मॉडल द्विपक्षीय निवेश संधि ISDS के लिए प्रावधानों को सम्मिलित नहीं करती है.
केवल 1 | |
केवल 2 | |
1 और 2 दोनों | |
न तो 1, न ही 2 |
Question 10 |
उत्पाद की कीमत में कमी करने हेतु उत्पादन में वृद्धि करने को | |
बिक्री में वृद्धि करने के लिए उत्पाद की कीमत में कमी करने को | |
उपभोक्ताओं के एक समूह पर कम कीमत आरोपित करने के क्रम में उपभोक्ताओं के एक निश्चित समूह पर उच्च कीमत आरोपित करने को | |
निर्धारित व्यय में कटौती करने के लिए कर्मचारियों की मजदूरी कम करने को |
Economy Mock Test Series 1 MCQ – व्याख्या (Explanation)
Q1. A – त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (PCA) फ्रेमवर्क
त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (PCA) फ्रेमवर्क के एक भाग के रूप में, RBI ने तीन मापदंडों अर्थात् जोखिम भारित आस्तियों की तुलना में पूँजी का अनुपात (CRAR), सकल गैर-निष्पादित आस्तियों (NPA) और आस्तियों पर प्रतिफल (RoA) के संदर्भ में कुछ विनियामकीय त्वरित प्रतिक्रिया बिंदु (trigger points) निर्दिष्ट किये हैं. इनका प्रयोजन बैंकों द्वारा इन trigger points का उल्लंघन करने की स्थिति में कुछ निश्चित संरचित एवं विवेकाधीन गतिविधियों को आरम्भ किया जाना है. PCI framework केवल वाणिज्यिक बैंकों (सार्वजनिक एवं निजी दोनों प्रकार के) पर लागू होता है. यह सहकारी बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) और वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली पर विस्तारित नहीं होता है.
Q2. D – भारतमाला परियोजना
भारतमाला परियोजना के 6 अवयव हैं –
- आर्थिक गलियारों का विकास
- इंटर-कॉरिडोर एवं फीडर रोड्स
- राष्ट्रीय गलियारों की दक्षता में सुधार
- सीमा और अंतर्राष्ट्रीय सम्पर्क सड़कें
- तटीय और बंदरगाह सम्पर्क सड़कें
- एक्सप्रेस-वे
Q3. C – ग्रीन बॉन्ड
भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (SEBI) के अनुसार, यदि किसी ऋण प्रतिभूति के माध्यम से जुटाया गया धन पवन, सौर, जैव-ऊर्जा या पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकी का उपयोग करने वाले अन्य स्रोतों सहित नवीकरणीय एवं संधारणीय ऊर्जा के लिए प्रयोग किया जाता है तो उसे ग्रीन बॉन्ड माना जायेगा.
ऋण उपकरणों हेतु ग्रीन बॉन्ड के निर्गमन और सूचीबद्धता की प्रक्रिया SEBI विनियमनों द्वारा प्रशासित की जायेगी किन्तु ग्रीन बॉन्ड के जारीकर्ता को वृद्धि संबंधी प्रकटीकरण (incremental disclosures) करने होंगे.
Q4. C – बेस इरोजन एंड प्रॉफिट शेयरिंग (BEPS)
कथन 1 सही है : बेस इरोजन एंड प्रॉफिट शिफ्टिंग (BEPS) का तात्पर्य कंपनियों द्वारा अपनाई जाने वाली उन कर नियोजन रणनीतियों से है जिनका उपयोग कंपनियों के द्वारा किसी एक अधिकार क्षेत्र में लाभ प्राप्ति के बाद कर सम्बन्धी नियमों में विद्यमान चूकों तथा विसंगतियों का लाभ उठा कर उसे सीमा पार स्थानान्तिरत करने के लिए, निम्न कर दर का लाभ उठाने के लिए तथा जिस देश से आय अर्जित की गई है उसे कर न देने के लिए किया जाता है.
कथन 2 सही है : BEPS के विरुद्ध प्रथम कार्ययोजना का विकास G-20 समूह के निर्देशानुसार OECD (आर्थिक सहयोग और विकास सन्गठन) द्वारा किया गया था.
Q5. B – वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम
WEF स्विट्ज़रलैंड में स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था है. इसका मुख्यालय जेनवा में है. 2003 से प्रत्येक वर्ष जनवरी में दोवास में केंद्र में स्थित स्थानीय स्विस अल्पाइन स्कूल में इसका ओपन फोरम आयोजित होता है, जो सभी क्षेत्रों के नेतृत्वकर्ताओं का ध्यान आकर्षित करता है. इसके मिशन का उल्लेख “विश्व भर के व्यावसायिक, राजनीतिक, शैक्षिक एवं अन्य क्षेत्रों के अग्रणी नेताओं को एकजुट कर के वैश्विक, क्षेत्रीय एवं औद्योगिक दिशा तय करके विश्व की स्थिति में सुधार के लिए प्रतिबद्धता के रूप में किया गया है. अतः, कथन 1 सही नहीं है एवं 2 सही है. WEF वैश्विक मुद्दों का विस्तृत परीक्षण करने वाली उन सभी रिपोर्टों की एक व्यापक श्रृंखला प्रकाशित करता है, जिन्हें सम्बोधित किया जाना आवश्यक है. यह वैश्विक प्रतिस्पर्धा रिपोर्ट (GCR), वैश्विक जोखिम रिपोर्ट (GRR) एवं वैश्विक लैंगिक अंतराल रिपोर्ट (GGGR) आदि प्रकाशित करता है.
Q6. A – पार्टिसिपेटरी नोट्स (P-Notes)
कथन 1 सही है : पार्टिसिपेटरी नोट्स (P-Notes), सेबी द्वारा पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) द्वारा भारतीय प्रतिभूतियों के बदले में विदेशी क्षेत्राधिकार में जारी किये जाने वाले व्युत्पन्न उपकरण (derivative instrument) हैं. अन्तर्निहित प्रतिभूति (underlying security) के अंतर्गत इक्विटी, ऋण (debt) आदि सम्मिलित हो सकते हैं. सेबी नियम FII द्वारा अप्रवासी भारतीयों को P-Note जारी नहीं किये जा सकते हैं. वे KYC (अपने ग्राहकों को जाने) नियमों के अधीन भी होते हैं.
कथन 2 सही नहीं है : एक P-Note निवेशक अन्तर्निहित भारतीय प्रतिभूति धारित नहीं करता बल्कि प्रतिभूति का धारक FII होता है. अतः पी-नोट धारक को मुख्य प्रतिभूतियों के सम्बन्ध में किसी भी प्रकार के मतदान का अधिकार प्राप्त नहीं होता है.
Q7. D – क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB)
कथन 1 सही नहीं है : क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम, 1976 के तहत क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRBs) की स्थापना सरकार प्रायोजित, क्षेत्र आधारित, ग्रामीण ऋण-प्रदाता संस्थाओं के रूप में की गई थी. ये ग्रामीण क्षेत्रों में अपेक्षाकृत असेवित वर्गों (लघु और सीमान्त किसान, कृषि श्रमिक और सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग) के लिए ऋण उपलब्ध करवाने हेतु स्थापित किये गए थे.
कथन 2 सही नहीं है : RRBs का शेयरधारण पैटर्न तीन प्रायोजित निकायों (केंद्र सरकार, प्रायोजित बैंक और राज्य सरकार) के मध्य क्रमशः 50:35:15 है. प्रारम्भ में, इन बैंकों को अपने स्वामित्व से बाहर धन एकत्र की अनुमति प्राप्त नहीं थी. हालाँकि RRB अधिनियम को 2015 को संशोधन किया गया था, जिससे ऐसे बैंकों को केंद्र, राज्य सरकारों तथा प्रायोजक बैंकों के अतिरिक्त अन्य स्रोतों से धन जुटाने की अनुमति प्राप्त हो गई. इसलिए अब RRBs द्वारा IPOs (Initial Pubic Offering) जारी किये जा सकते हैं और इनके शयरों का शेयर बाजार में क्रय-विक्रय किया जा सकता है.
Q8. B – भारत में वस्तु निर्यात योजना (MEIS)
भारत से वस्तु निर्यात योजना (MEIS) भारत की विदेश व्यापार नीति (2015-20) में प्रस्तुत दो योजनाओं में से एक है (दूसरी योजना भारत से सेवा निर्यात योजना है). इसे भारत से निर्यात योजना के एक भाग के रूप में प्रारम्भ किया गया है. यह भारत में विनिर्मित/उत्पादित अधिसूचित वस्तुओं के निर्यात को बढ़ावा देने का प्रयास करती है. MEIS वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित भारत सरकार की एक प्रमुख निर्यात प्रोत्साहन योजना है. यह योजना निर्यातक को ड्यूटी क्रेडिट स्किप के रूप में प्रोत्साहन प्रदान करती है. जिससे वह ड्यूटी के भुगतान पर होने वाली हानि की क्षतिपूर्ति कर सके. अनेक शुल्क/करों जैसे सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क आदि के भुगतान के लिए स्क्रिप का स्थानान्तरण या उपयोग किया जा सकता है. इसलिए कथन 1 और 3 सही है.
SEZ से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने SEZ में स्थित इकाइयों के लिए दोनों प्रोत्साहन योजनाओं (MEIS और SEIS) के लाभों को बढ़ा दिया है. ऐसा माना जा रहा है कि यह उपाय देश में SEZ के विकास और संवृद्धि के लिए एक नया प्रोत्साहन देगा. इसलिए कथन 2 सही नहीं है.
Q9. A – इन्वेस्टर-स्टेट डिस्प्यूट सेटलमेंट सिस्टम (ISDS)
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) : यह वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत एक निर्यात प्रोत्साहन संगठन है. इसे अपने अनुसूचित उत्पादों के निर्यात के प्रोत्साहन एवं विकास के उत्तरदायित्व का अधिदेश प्रदान किया गया है. यह कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण अधिनियम, 1985 के तहत स्थापित किया गया था. APEDA को निम्नलिखित अनुसूचित उत्पादों के निर्यात प्रोत्साहन एवं विकास के उत्तरदायित्व का अधिदेश प्रदान किया गया है :
- फल, सब्जियाँ एवं उनके उत्पाद
- माँस एवं माँस उत्पाद
- पोल्ट्री और पोल्ट्री उत्पाद
- दुग्ध उत्पाद
- कन्फेक्शनरी (मिठाइयाँ), बिस्कुट एवं बेकरी उत्पाद
- शहद, गुड़ एवं चीनी उत्पाद
- कोको और उसके उत्पाद, सभी प्रकार के चॉकलेट
- एल्कोहल-युक्त और गैर-एल्कोहल पेय पदार्थ
- अनाज और अनाज उत्पाद
- मूंगफली और अखरोट
- आचार, पापड़ और चटनी
- ग्वार गम
- फूलों की कृषि (फ्लोरीकल्चर) और फ्लोरीकल्चर उत्पाद
- हर्बल और औषधीय पौधे
इसके अतिरिक्त, APEDA को चीनी के आयात की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
Q10. C – क्रॉस-सब्सिडाइजेशन
क्रॉस-सब्सिडाइजेशन – यह उपभोक्ताओं के एक समूह पर कम कीमत आरोपित करने के क्रम में उपभोक्ताओं के एक निश्चित समूह पर उच्च कीमत आरोपित करने की पद्धति को संदर्भित करता है अर्थात् प्रथम समूह को कीमत पर सब्सिडी देना. इसका प्रयोग बिजली क्षेत्र में लघु और आवासीय उपभोक्ताओं को सब्सिडी प्रदान करने हेतु वाणिज्यिक या औद्योगिक उपभोक्ताओं पर उच्च कीमत आरोपित करने हेतु किया गया है.
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