UPSC Prelims परीक्षा के लिए Economy (अर्थव्यवस्था) का Mock Test Series का दूसरा भाग दिया जा रहा है. भाषा हिंदी है और सवाल (MCQs) 10 हैं. ये questions Civil Seva Pariksha के समतुल्य हैं इसलिए यदि उत्तर गलत हो जाए तो निराश मत हों.
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Mock Test Series for UPSC Prelims – Economy (अर्थव्यवस्था) Part 2
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Question 1 of 5
1. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों में से कौन “ब्रैकेट क्रीप” (Bracket Creep) का सर्वोत्कृष्ट वर्णन करता है?
Correct
कर व्यवस्था में, ब्रैकेट क्रीप की स्थिति तब उत्पन्न होती है जब मुद्रास्फीति से आय में बढ़ोतरी होती है तथा आय अपेक्षाकृत उच्च कर दायरे के अंतर्गत आती है. यह एक स्थिति है जिसमें किसी व्यक्ति का कर दायित्व समय के साथ-साथ अपेक्षाकृत निम्न कर दायरे से अपेक्षाकृत उच्च में क्रमिक परिवर्तन के कारण बढ़ जाता है.
Incorrect
कर व्यवस्था में, ब्रैकेट क्रीप की स्थिति तब उत्पन्न होती है जब मुद्रास्फीति से आय में बढ़ोतरी होती है तथा आय अपेक्षाकृत उच्च कर दायरे के अंतर्गत आती है. यह एक स्थिति है जिसमें किसी व्यक्ति का कर दायित्व समय के साथ-साथ अपेक्षाकृत निम्न कर दायरे से अपेक्षाकृत उच्च में क्रमिक परिवर्तन के कारण बढ़ जाता है.
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Question 2 of 5
2. Question
1 pointsभारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
- वाणिज्यिक उधार बाह्य ऋण का सबसे बड़ा घटक है.
- बाह्य ऋणों का अधिकांश भाग अल्पकालिक ऋणों के रूप में होता है.
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
37.1% की हिस्सेदारी के साथ वाणिज्यिक उधारियाँ बाह्य ऋणों का सबसे बड़ा घटक है, इसके बाद अप्रवासी भारतीयों (NRI) की जमाएँ (23.9%) और अल्पकालिक व्यापार ऋणों (19.9%) का स्थान आता है. इसलिए कथन 1 सही है.
सितम्बर 2018 के अंत में विदेशी भंडार में अल्पकालिक ऋण (मूल परिपक्वता के आधार पर) का भाग बढ़कर 26.1% हो गया (मार्च 2018 के अंत में यह 24.1% था). इसलिए कथन 2 गलत है.
Incorrect
37.1% की हिस्सेदारी के साथ वाणिज्यिक उधारियाँ बाह्य ऋणों का सबसे बड़ा घटक है, इसके बाद अप्रवासी भारतीयों (NRI) की जमाएँ (23.9%) और अल्पकालिक व्यापार ऋणों (19.9%) का स्थान आता है. इसलिए कथन 1 सही है.
सितम्बर 2018 के अंत में विदेशी भंडार में अल्पकालिक ऋण (मूल परिपक्वता के आधार पर) का भाग बढ़कर 26.1% हो गया (मार्च 2018 के अंत में यह 24.1% था). इसलिए कथन 2 गलत है.
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Question 3 of 5
3. Question
1 pointsउत्पादक मूल्य सूचकांक (PPI) के सन्दर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- यह वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन स्थान से अन्यत्र स्थानांतरित होने या उत्पादन प्रक्रिया में प्रवेश करने के परिणामस्वरूप उनके मूल्य में होने वाले औसत परिवर्तन का मापन करता है.
- मूल्य परिवर्तन के मापन के लिए आरोपित अप्रत्यक्ष करों और वितरण लागत, दोनों को सम्मिलित किया जाता है.
उपर्युक्त कथनों में कौन सही है/हैं?
Correct
PPI वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन स्थान से अन्यत्र स्थानांतरित होने या उत्पादन प्रक्रिया में प्रवेश करने के परिणामस्वरूप उनके मूल्य में होने वाले औसत परिवर्तन का मापन करता है. इसलिए कथन 1 सही है.
PPI उत्पादक द्वारा प्राप्त की जाने वाली कीमतों में औसत परिवर्तन का मापन करता है और अप्रत्यक्ष करों को इसमें सम्मिलित नहीं किया जाता है. इसलिए कथन 2 सही नहीं है.
Incorrect
PPI वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन स्थान से अन्यत्र स्थानांतरित होने या उत्पादन प्रक्रिया में प्रवेश करने के परिणामस्वरूप उनके मूल्य में होने वाले औसत परिवर्तन का मापन करता है. इसलिए कथन 1 सही है.
PPI उत्पादक द्वारा प्राप्त की जाने वाली कीमतों में औसत परिवर्तन का मापन करता है और अप्रत्यक्ष करों को इसमें सम्मिलित नहीं किया जाता है. इसलिए कथन 2 सही नहीं है.
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Question 4 of 5
4. Question
1 pointsप्रायः चर्चा में रहने वाला “ट्यूलिप मेनिया” सम्बंधित है –
Correct
ट्यूलिप मेनिया (Tulip mania) का उपयोग किसी “इकनोमिक बबल” (किसी परिसम्पत्ति के वास्तविक मूल्य में अनापेक्षित बढ़ोतरी) का वर्णन करने के लिए एक रूपक के रूप में किया जाता है. किसी वस्तु के सम्बन्ध में सकारात्मक दृष्टिकोण उत्पन्न होने के कारण लोग बड़ी मात्रा में उस विशिष्ट परिसंपत्ति में निवेश करना आरम्भ कर देते हैं. इसके परिणामस्वरूप उस परिसंपत्ति की कीमतों में अत्यधिक वृद्धि हो जाती है. कीमतों के उच्चतम स्तर पर पहुँचने के बाद परिसंपत्तियों की व्यापक बिक्री के कारण कीमतें तेजी से गिरने लगती हैं जिसके परिणामस्वरूप परिसंपत्ति धारक दिवालिया हो जाते हैं. इन परिसंपत्तियों को रूपक के तौर पर “ट्यूलिप” कहा जाता है.
Incorrect
ट्यूलिप मेनिया (Tulip mania) का उपयोग किसी “इकनोमिक बबल” (किसी परिसम्पत्ति के वास्तविक मूल्य में अनापेक्षित बढ़ोतरी) का वर्णन करने के लिए एक रूपक के रूप में किया जाता है. किसी वस्तु के सम्बन्ध में सकारात्मक दृष्टिकोण उत्पन्न होने के कारण लोग बड़ी मात्रा में उस विशिष्ट परिसंपत्ति में निवेश करना आरम्भ कर देते हैं. इसके परिणामस्वरूप उस परिसंपत्ति की कीमतों में अत्यधिक वृद्धि हो जाती है. कीमतों के उच्चतम स्तर पर पहुँचने के बाद परिसंपत्तियों की व्यापक बिक्री के कारण कीमतें तेजी से गिरने लगती हैं जिसके परिणामस्वरूप परिसंपत्ति धारक दिवालिया हो जाते हैं. इन परिसंपत्तियों को रूपक के तौर पर “ट्यूलिप” कहा जाता है.
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Question 5 of 5
5. Question
1 pointsभारत में बैंकों की गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) की बड़ी मात्रा का निम्नलिखित में से क्या परिणाम होगा?
Correct
NPA किसी ऐसे ऋण या पट्टे (लीज) को संदर्भित करता है जिसके स्वीकृत मूलधन और ब्याज भुगतान की प्राप्ति न हो पा रही हो. ऋण बैंक के लिए एक परिसंपत्ति होती है क्योंकि ब्याज भुगतान और मूलधन का पुनर्भुगतान नकदी प्रवाह की निरंतरता बनाए रखते हैं. RBI के अनुसार भारत में Bad Loans ने मौद्रिक नीति के संचरण को बाधित किया है क्योंकि बैंक अपनी ऋण दरों में वृद्धि करने और निवल ब्याज मार्जिन (NIM) की सुरक्षा करने में असमर्थ रहे हैं. जब सकल अनुपात उच्च था और इसमें वृद्धि हो रही थी तो बैंक प्रतिस्पर्द्धी वातावरण में अपने NIM की सुरक्षा करने में असमर्थ थे.
Incorrect
NPA किसी ऐसे ऋण या पट्टे (लीज) को संदर्भित करता है जिसके स्वीकृत मूलधन और ब्याज भुगतान की प्राप्ति न हो पा रही हो. ऋण बैंक के लिए एक परिसंपत्ति होती है क्योंकि ब्याज भुगतान और मूलधन का पुनर्भुगतान नकदी प्रवाह की निरंतरता बनाए रखते हैं. RBI के अनुसार भारत में Bad Loans ने मौद्रिक नीति के संचरण को बाधित किया है क्योंकि बैंक अपनी ऋण दरों में वृद्धि करने और निवल ब्याज मार्जिन (NIM) की सुरक्षा करने में असमर्थ रहे हैं. जब सकल अनुपात उच्च था और इसमें वृद्धि हो रही थी तो बैंक प्रतिस्पर्द्धी वातावरण में अपने NIM की सुरक्षा करने में असमर्थ थे.
Topics :-
- “ब्रैकेट क्रीप” (Bracket Creep)
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- उत्पादक मूल्य सूचकांक (PPI)
- ट्यूलिप मेनिया
- गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA)