Mock Test Series for UPSC Prelims – इतिहास (History+Culture) Part 1

LochanMT History

UPSC Prelims 2024 परीक्षा के लिए कला एवं इतिहास (History+Culture) का Mock Test Series का पहला भाग दिया जा रहा है. भाषा हिंदी है और सवाल (MCQs) 10 हैं. ये questions Civil Seva Pariksha के समतुल्य हैं इसलिए यदि उत्तर गलत हो जाए तो निराश मत हों.

सवालों के उत्तर व्याख्या सहित नीचे दिए गए हैं. (Question Solve Karen Ya Na Karen Par Explanation Par Nazar Jarur Daudayen)[no_toc]

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History+Culture Mock Test Series 1 MCQ – व्याख्या (Explanation)

Q1.  A – अखिल भारतीय किसान सभा

कथन 1 सही है : अखिल भारतीय किसान कांग्रेस/सभा की स्थापना अप्रैल 1936 में लखनऊ में की गई थी. स्वामी सहजानंद सरस्वती को इसका प्रथम अध्यक्ष एवं एन.जी.रंगा को इसका प्रथम महासचिव नियुक्त किया गया था. साथ ही एक किसान घोषणापत्र जारी किया गया था तथा इंदु याज्ञनिक के अधीन एक आवधिक पत्रिका की शुरुआत की गई थी.

कथन 2 सही नहीं है : 1936 में अखिल भारतीय किसान सभा और कांग्रेस ने फैजपुर में अपने सत्र का आयोजन किया था. 1937 के प्रांतीय चुनावों के लिए कांग्रेस का घोषणापत्र (विशेष रूप से कृषि नीति) अखिल भारतीय किसान सभा के एजेंडे से अत्यधिक प्रभावित था.

Q2.  C – बक्सर के युद्ध में पढ़ें >> Buxar War

1765 ई. में रॉबर्ट क्लाइव ने अवध के नवाब तथा शाह आलम द्वितीय के साथ इलाहबाद की संधि की. एक सहायक सेना तथा सुरक्षा की गारंटी के साथ नवाब को अवध वापस लौटा दिया गया. शाह आलम द्वितीय (मुग़ल शासक) को इलाहबाद तथा कड़ा क्षेत्र देने के बदले कम्पनी को बंगाल, बिहार तथा उड़ीसा में दीवानी या राजस्व सम्बन्धी अधिकारों का शाही आदेश प्राप्त हो गया.

पूर्व में यह क्षेत्र नवाब के अधीन था, अतः अब वहाँ दोहरी सरकार की स्थापना हो गई थी. नवाब के पास न्यायिक तथा पुलिस के प्रशासन के अधिकार थे, जबकि कंपनी के पास राजस्व सम्बन्धी अधिकार थे.

Q3.  D – न्यायिक सुधार

वारेन हेस्टिंग्स के शासन काल में हुए सुधार (1772-1785) – सिविल मुकदमों की सुनवाई हेतु जिलों में जिला दीवानी अदालतों की स्थापना की गई. आपराधिक  मुकदमों की सुनवाई हेतु जिला फौजदारी अदालतों का गठन किया गया तथा इन्हें एक भारतीय अधिकारी के अधीन रखा गया. इसकी सहायता काजियों एवं मुफ्तियों द्वारा की जाती थी.

विलियम बैंटिक (1828-1833) के शासन काल में हुए सुधार : चार्ट सर्किट न्यायालयों को समाप्त कर दिया गया तथा उनके कार्य एवं अधिकार राजस्व तथा सर्किट आयुक्त के अधीन तहसीलदारों को हस्तांरित कर दिए गये. उत्तरी प्रान्तों के लोगों की सुविधा के लिए इलाहबाद में सदर दीवानी अदालत तथा सदर निजामत अदालतों की स्थापना की गई. अब तक न्यायालयों की आधिकारिक भाषा फ़ारसी थी. अब याचिकाकर्ताओं के पास फ़ारसी या स्थानीय भाषा में से किसी एक के उपयोग का विकल्प उपलब्ध था, जबकि सर्वोच्च न्यायालय में फ़ारसी का स्थान अंग्रेजी भाषा ने ले लिया था.

लॉर्ड रिपन का सम्बन्ध इल्बर्ट बिल पारित करने (1883) से है, जिसके अनुसार भारतीय न्यायाधीश भी एक यूरोपीय अभियुक्त की सुनवाई कर सकता था.

Q4.  D – दक्षिण भारत में गाँधी का सत्याग्रह

दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गाँधी द्वारा निष्क्रिय प्रतिरोध या सत्याग्रह का आयोजन निम्नलिखित संदर्भ में किया गया था –

  • दक्षिण अफ्रीका में एक नए कानून ने वहाँ रहने वाले भारतीयों के लिए फिंगरप्रिंट लगे पंजीकरण प्रमाण को प्रत्येक समय अपने साथ रखना अनिवार्य कर दिया था. इसके विरुद्ध अभियान चलाने के लिए गांधीजी ने Passive Resistance Association का गठन किया. अत: कथन 3 सही है.
  • इमीग्रेशन रेगुलेशन एक्ट, 1913 के माध्यम से दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के आप्रवासन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था जिसे भारतीयों ने एक प्रांत को पारकर दूसरे तक जाकर तथा लाइसेंस प्रस्तुत करने से इनकार करके चुनौती दी थी. अतः कथन 1 सही है.
  • भारतीयों पर तीन पौंड का पोल टैक्स लगाया गया था.
  • सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश ने इस संघर्ष की आग में ईंधन का काम किया, जिसके अनुसार वे सभी विवाह अमान्य घोषित कर दिए गये जो ईसाई संस्कारों एवं विवाह-रजिस्ट्रार के अनुसार नहीं हुए थे. इसलिए कथन 2 सही है.

Q5.  B – चाबी विवाद

कथन 1 सही नहीं है : अकालियों द्वारा अक्टूबर 1921 में तोशाखाना की चाबियों से सम्बंधित विवाद एक बड़ी जीत प्राप्त की गई. सरकार ने स्वर्ण मंदिर के तोशखाना की चाबियाँ लेने का प्रयास किया. अकालियों ने तुरंत प्रतिक्रिया व्यक्त की एवं विशाल विरोधी सभाओं का आयोजन किया, हजारों की संख्या में अकाली जत्था अमृतसर पहुँच गया. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) ने भारत में प्रिंस ऑफ़ वेल्स के आगमन के दिन सिखों को हड़ताल में सम्मिलित होने का परामर्श दिया था.

कथन 2 और 3 सही हैं : सरकार ने पलटवार करते हुए SGPC के बाबा खडग सिंह व मास्टर तारा सिंह जैसे प्रमुख उग्रवादी राष्ट्रवादी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया. परन्तु आन्दोलन शांत होने की अपेक्षा, दूर-दूर तक ग्रामीण क्षेत्रों और यहाँ तक कि सेना तक फैलने लगा. देश के बाकी हिस्सों में असहयोग आन्दोलन चरम अवस्था में था. ऐसे में सरकार ने पुनः कभी धार्मिक मुद्दे पर सिखों का विरोध न करने का निर्णय लिया. सरकार ने इस विवाद में गिरफ्तार किए गए सभी लोगों को रिहा कर दिया एवं तोशखाना की चाबियाँ SGPC के प्रमुख बाबा खड़क सिंह को लौटा दी.

Q6.  D – जहाँगीर

  • उसके द्वारा निर्मित प्रथम कानून, बारह आदेश था. इन आदेशों के द्वारा गैर-इस्लामी करों को समाप्त कर दिया.
  • उसने गैर-इस्लामी दंड पर भी प्रतिबंध लगा दिया जैसे दोषसिद्ध अपराधी के कान या नाक काटकर अंग-भंग करना.
  • बादशाह के रूप में जहाँगीर का प्रथम कार्य “न्याय की जंजीर” की स्थापना का आदेश देना था.

Q7.  A – इंडियन नेशनल कांफ्रेंस

सुरेन्द्रनाथ बनर्जी और आनंदमोहन बोस ने 1883 और 1885 में इंडियन नेशनल कांफ्रेंस के सत्रों का आयोजन किया था.

कथन 2 सही नहीं है : एम.जी. रानाडे और रघुनाथ राव द्वारा स्थापित इंडियन सोशल कांफ्रेंस ने सामाजिक मुद्दों पर ध्यान दिया और इसे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का सामजिक सुधार प्रकोष्ठ कहा जाता था.

Q8. D – पोर्टफोलियो प्रणाली 

कार्यकारी और विधाई उद्देश्यों के लिए गवर्नर जनरल की परिषद् की संरचना में अति आवश्यक परिवर्तन करने के लिए ब्रिटिश संसद द्वारा 1 अगस्त, 1861 को इंडियन कौंसिल एक्ट, 1861 पारित किया गया था.

इस अधिनियम की सबसे महत्त्वपूर्ण विशेषता भारतीय को कानून निर्माण से संबद्ध करना था. इसने भारत के वायसराय की कार्यकारी परिषद् को पोर्टफोलियो प्रणाली का अनुसरण करने वाले कैबिनेट में बदल दिया. इस कैबिनेट में छह “साधारण सदस्य” थे, जिनमें से प्रत्येक के पास कलकत्ता सरकार में एक अलग विभाग : गृह, राजस्व, सैन्य, कानून, वित्त और (1874 के पश्चात्) लोक निर्माण का कार्यभार था.

Q9. C – संगराई नृत्य

  • बंगाली पंचाग वर्ष के चैत्र के महीने (अप्रैल में) के दौरान संगराई त्यौहार के अवसर पर मोग जनजाति समुदाय द्वारा “संगराई नृत्य” किया जाता है.
  • मोग त्रिपुरा की 19 जनजातियों में से एक है.
  • सामान्यतः मोग समुदाय के लोग और विशेष रूप से युवा नववर्ष का स्वागत करने के लिए इस दिन उत्सव मनाते हैं.

Q10. B – प्रजा मंडल आन्दोलन

कथन 1 सही नहीं है : प्रजामंडल भारतीय रियासतों में राष्ट्रवादी लोगों का संगठन था. 1920 के दशक में असहयोग और खिलाफत आन्दोलन के दौरान रियासती राज्यों में स्थानीय लोगों पर शक्तिशाली प्रभाव पड़ा और राज्य के लोगों के कई स्थानीय संगठन अस्तित्व में आये और इन संगठनों को प्रजामंडल या स्टेट्स पीपुल्स कांफ्रेंस कहा जाता था. मैसूर, हैदराबाद, बड़ौदा, काठियावाड़ की रियासतों, दक्कन की रियासतों, जामनगर, इंदौर, नवानगर, जयपुर, कश्मीर, राजकोट, पटियाला, मैसूर, त्रावणकोर और उड़ीसा राज्यों में इनका गठन किया गया था. 1920 में नागपुर अधिवेशन में पहली बार कांग्रेस ने रियासतों में लोगों के आन्दोलन के प्रति अपनी नीति स्थापित की. इसने राजाओं से अपने राज्यों में पूर्ण उत्तरदायी सरकार हेतु प्रदान करने का आह्वान किया. हालाँकि, यह स्पष्ट किया गया कि यद्यपि रियासतों के लोग कांग्रेस के सदस्य के रूप में अपने आपको नामांकित करवा सकते थे, लेकिन वे कांग्रेस के नाम पर राज्य में राजनीतिक गतिविधि आरम्भ नहीं कर सकते थे. वे स्थानीय प्रजामंडल के सदस्यों के रूप में अपनी व्यक्तिगत क्षमता से राजनीतिक गतिविधयाँ संचालित कर सकते थे. कांग्रेस की रियासतों में अहस्तक्षेप की यह नीति 1938 तक जारी रही.

कथन 2 सही है : प्रजामंडल के लोगों ने सामंतवाद और उपनिवेशवाद के विरुद्ध संघर्ष किए. प्रजामंडल आन्दोलन के लोगों ने अपने अधिकारों के लिए अपने सामंती राजाओं और ब्रिटिश प्रशासन से एक साथ संघर्ष किया. प्रजामंडल आन्दोलन की मुख्य माँग लोकतांत्रिक अधिकार थे जैसे कि उत्तरदायी सरकार और नागरिकता का अधिकार. प्रजामंडल आन्दोलन के लोगों ने रियासतों में भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन के रचनात्मक कार्यक्रमों को लागू किया. उन्होंने विद्यालयों की स्थापना की, खादी का उपयोग किया, कुटीर उद्योग को प्रोत्साहित किया और अस्पृश्यता के विरुद्ध आन्दोलन आरम्भ किया.

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