UPSC Prelims परीक्षा के लिए Polity (राज्यव्यवस्था) का Mock Test Series का पाँचवा भाग दिया जा रहा है. भाषा हिंदी है और सवाल 10 हैं.
[mtouchquiz 100]सवालों के उत्तर व्याख्या सहित नीचे दिए गए हैं. (Question Solve Karen Ya Na Karen Par Explanation Par Nazar Jarur Daudayen)
व्याख्या (Explanation)
Q1. D —नीति आयोग
- नीति आयोग (नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर ट्रांस्फोर्मिंग इंडिया) का गठन केन्द्रीय मंत्रिमंडल के एक प्रस्ताव द्वारा 1 जनवरी, 2015 को हुआ था. नीति आयोग निर्देशात्मक और नीतिगति दोनों प्रकार के इनपुट प्रदान करने वाला भारत सरकार का प्रमुख नीतिगत “थिंक टैंक” है. भारत सरकार के लिए रणनीतिक एवं दीर्घकालिक नीतियों और कार्यक्रमों को डिजाइन के साथ-साथ नीति आयोग केंद्र और राज्यों को तकनीकी परामर्श भी प्रदान करता है.
- भारत सरकार ने अपने सुधार एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए, 1950 में स्थापित योजना आयोग को प्रतिस्थापित कर नीति आयोग का गठन किया है. इसका गठन भारत के लोगों की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं को बेहतर तरीके से पूरा करने के उद्देश्य से किया गया है.
- एक महत्त्वपूर्ण सुधारात्मक परिवर्तन के रूप में, नीति आयोग राष्ट्रीय हित में एक साथ मिलकर कार्य हेतु राज्यों को सुसंगठित करने के लिए सर्वोत्कृष्ट प्लेटफार्म प्रदान करता है. इस प्रकार यह भारत में सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने में सहायक है.
- प्रधानमन्त्री नीति आयोग का अध्यक्ष होता है.
- नीति आयोग को राज्यों को केन्द्रीय निधि का आवंटन करने की शक्ति प्राप्त नहीं है. यह कार्य अब वित्त मंत्रालय द्वारा किया जायेगा.
Q2. D — भारतीय संविधान
भारतीय संविधान की मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं –
- भारतीय संविधान उदार व्यक्तिवादी विचारों को ना केवल सशक्त स्वरूप प्रदान करता है अपितु इसे नए रूप में परिभाषित भी किया गया है. यह एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है क्योंकि यह जिस समाज के लिए हैं वहाँ सामुदायिक मूल्य व्यक्तिगत स्वायत्तता के प्रति प्रायः उदासीन या उसके प्रतिकूल हैं.
- संविधान व्यक्तिगत स्वतंत्रताओं से समझौता किये बिना सामाजिक न्याय के सिद्धांत को परिपुष्ट करता है. जाति-आधारित सकारात्मक कार्यवाही कार्यक्रम के प्रति संवैधानिक प्रतिबद्धिता यह प्रदर्शित करती है कि भारत अन्य राष्ट्रों की तुलना में संविधान निर्माण के दौरान कितना अधिक सजग था.
- अंतर-साम्प्रदायिक संघर्षों की पृष्ठभूमि के बावजूद, संविधान विभिन्न समूहों के अधिकारों (विशेषरूप से सांस्कृतिक अभिव्यक्ति का अधिकार) के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं को परिपुष्ट करता है. जर्मनी या फ्रांस के विपरीत भारत में अनेक भाषीय और धार्मिक समुदाय हैं. यह सुनश्चित करना आवश्यक था कि कोई भी समुदाय व्यवस्था का लाभ उठाकर किसी अन्य समुदाय पर हावी न हो. इन सब कारणों से हमारे संविधान के लिए समुदाय आधारित अधिकारों को मान्यता प्रदान अनिवार्य हो गया.
Q3. C — मार्शल लॉ
- मार्शल लॉ की अवधारण ब्रिटिश कॉमन लॉ से ग्रहण की गई है. हालाँकि “मार्शल लॉ” पद या अभिव्यक्ति को भारत संविधान में कहीं भी परिभाषित नहीं किया गया है. इसलिए, कथन 1 सही नहीं है.
- मार्शल लॉ राष्ट्रिपति आपात से भिन्न होने के कारण केवल मूल अधिकारों को प्रभावित करता है न कि केंद्र-राज्य संबंधों को. मार्शल लॉ के लागू होने के दौरान, सैन्य प्राधिकारियों को सभी आवश्यक कदम उठाने की असमान्य शक्तियाँ प्राप्त हो जाती हैं. वे नागरिकों के अधिकारों पर प्रतिबंध लगा सकते हैं एवं उनको दण्डित कर सकते हैं. यहाँ तक कि वे उन्हें मृत्युदंड भी दे सकते हैं. इसलिए, कथन 2 सही नहीं है.
- यह उस स्थिति को प्रदर्शित करता है, जहाँ नागरिक प्रशासन को सैन्य प्राधिकारियों द्वारा अपने ही नियमों के अनुसार संचालित किया जाता है. अर्थात् इस स्थिति में सामान्य कानून और सरकार निलंबन की अवस्था में रहते हैं. इसे देश के कुछ विशेष भागों में लगाया जाता है. इसलिए, कथन 3 सही है.
Q4. A — अनुच्छेद 1
“भारत का राज्य क्षेत्र”, “भारतीय संघ या यूनियन ऑफ़ इंडिया” की तुलना में एक व्यापक अभिव्यक्ति है. जहाँ भारतीय संघ में केवल राज्य सम्मिलत हैं वहीं भारत के राज्य क्षेत्र में केवल राज्य ही नहीं बल्कि केंद्रशासित प्रदेश एवं वे क्षेत्र जिन्हें भविष्य में भारत सरकार द्वारा अधिगृहित किया जा सकता, शामिल हैं.
Q5. B —प्रस्तावना
- उच्चतम न्यायालय के वर्तमान मत के अनुसार प्रस्तावना संविधान का अभिन्न अंग है.
- हालाँकि, इस सन्दर्भ में दो बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए :-
- प्रस्तावना न तो विधायिका की शक्ति का स्रोत है और न ही विधायिका की शक्ति पर प्रतिबंध
- यह इसके प्रावधान न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं.
Q6. D — संविधान सभा की समितियाँ और अध्यक्ष
संविधान सभा की प्रमुख समितियाँ —
- संघ शक्ति समिति – नेहरु
- संघीय संविधान समिति – नेहरु
- प्रक्रिया नियम समिति – राजेन्द्र प्रसाद
- राज्यों के लिए समिति (राज्यों के लिए समझौता समिति) – नेहरु
- संचालित समिति – राजेन्द्र प्रसाद
- प्रांतीय संविधान समिति – सरदार पटेल
- प्रारूप समिति – अम्बेडकर
- मूल अधिकारों, अल्पसंख्यकों एवं जनजातीय तथा बहिष्कृत क्षेत्रों के लिए सलाहकार समिति – सरदार पटेल
उप-समितियाँ
- मौलिक अधिकारी उप-समिति – जे.बी. कृपलानी
- अल्पसंख्यक उप-समिति – एच. सी. मुखर्जी
- असम को छोड़कर उत्तर-पूर्व सीमांत जनजातीय क्षेत्र और आंशिक रूप से छोड़े गये क्षेत्र के लिए उप-समिति – गोपीनाथ बारदोई
- छोड़े गये और आंशिक रूप से छोड़े गये असमी क्षेत्रों के लिए उप-समिति (असम को छोड़कर) – ए.वी. ठक्कर.
Q7. D —भारतीय लेखा परीक्षा और लेख विभाग
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा विभाग का प्रमुख है. यह सार्वजनिक कोष का संरक्षक है तथा केंद्र और राज्य दोनों ही स्तरों पर देश की सम्पूर्ण वित्तीय व्यवस्था को नियंत्रित करता है. इसका कर्तव्य वित्तीय प्रशासन के क्षेत्र में भारतीय संविधान और संसदीय कानूनों को परिपुष्ट करना है.
Q8. C — भारतीय संसदीय प्रणाली
भारत में संसदीय सरकार की विशेषताएँ हैं –
- नाममात्र की कार्यपालिका तथा वास्तविक कार्यपालिका दोनों की उपस्थिति
- बहुमत प्राप्त दल का शासन
- कार्यपालिका का विधायिका के प्रति सामूहिक उत्तरदायित्व
- विधायिका में मंत्रियों की सदस्यता
- प्रधानमन्त्री या मुख्यमंत्री का नेतृत्व
- निम्न सदन का विघटन (लोकसभा या विधानसभा)
ब्रिटिश और भारत दोनों की संसदीय प्रणाली के बीच कुछ अंतर विद्यमान हैं. उदाहरण के लिए भारतीय संसद, ब्रिटिश संसद की भाँति एक सम्प्रभु संस्था नहीं है. इसके अतिरिक्त, भारतीय राष्ट्रप्रमुख एक निर्वाचित प्रधान (गणराज्य) होता है, जबकि ब्रिटिश राष्ट्रप्रमुख एक वंशानुगत प्रधान (राजतंत्र) होता है.
Q9. A — वित्त आयोग
कथन 1 सही है. वित्त आयोग का गठन राष्ट्रपति द्वारा प्रत्येक पाँचवे वर्ष या यदि वे आवश्यक समझें तो उससे पहले भी किया जा सकता है.
कथन 2 सही नहीं है. वित्त आयोग में एक अध्यक्ष और चार सदस्य शामिल होते हैं जिनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है. वे इस पद पर राष्ट्रपति द्वारा अपने आदेश में उल्लिखित अवधि तक रह सकते हैं. वे पुनर्नियुक्ति के पात्र होते हैं.
कथन 3 सही है. आयोग अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपता है. राष्ट्रपति इसकी सिफारिशों पर की गई कार्यवाही को अपने व्याख्यात्मक ज्ञापन के साथ संसद के दोनों सदनों के समक्ष प्रस्तुत करता है.
Q10. B — भारत में नागरिकता
कथन 1 सही नहीं है. भारत में पदस्थ विदेशी राजनयिक एवं शत्रु देश के बच्चों को जन्म से भारत की नागरिकता का अर्जन करने का अधिकार नहीं है.
कथन 2 सही है. आठवीं अनुसूची में निर्दिष्ट भाषाओं में से किसी एक भाषा का पर्याप्त ज्ञान, देशीयकरण द्वारा नागरिकता प्राप्त करने के लिए निर्धारित कई योग्यताओं में से एक है.
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