UPSC Prelims परीक्षा के लिए Polity (राज्यव्यवस्था) का Mock Test Series का सातवाँ भाग दिया जा रहा है. भाषा हिंदी है और सवाल (MCQs) 10 हैं. ये questions Civil Seva Pariksha के समतुल्य हैं इसलिए यदि उत्तर गलत हो जाए तो निराश मत हों.
[mtouchquiz 109]सवालों के उत्तर व्याख्या सहित नीचे दिए गए हैं. (Question Solve Karen Ya Na Karen Par Explanation Par Nazar Jarur Daudayen)[no_toc]
Polity Mock Test Series 7 MCQ – व्याख्या (Explanation)
Q1. D – मूल अधिकार
मूल अधिकार व्यस्थापिका, कार्यपालिका और सरकार द्वारा स्थापित अन्य किसी भी प्राधिकरण की कार्रवाई के विरुद्ध व्यक्ति को संरक्षण प्रदान करता है. कोई भी कानून या कार्यवाई मूल अधिकारों का उल्लंघन नहीं कर सकती है. यदि विधायिका या कार्यपालिका के किसी अधिनियम द्वारा व्यक्ति को मूल अधिकार से वंचित किया है या उसके अधिकारों को सीमित किया है तो यह अवैध घोषित कर दिया जायेगा. इसलिए कथन 1 सही नहीं है.
न्यायालय निजी व्यक्तियों या संस्थाओं के विरुद्ध मूल अधिकारों को प्रवर्तित कर सकते हैं. सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों को मूल अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए निर्देश, आदेश या रिट जारी करने की शक्ति प्राप्त है. इनके द्वारा पीड़ितों को मुआवजा और दोषियों को सजा की व्यवस्था की जाती है. इसलिए कथन 2 सही नहीं है.
Q2. C – संविधान के अंतर्गत लोगों की मूल पहचान
संविधान लोगों की मूल पहचान को व्यक्त करता है. इसका आशय है कि लोग सामूहिक सत्ता के रूप में केवल मूल संविधान के माध्यम से अस्तित्व में आते हैं. यह सामूहिक नियमों के संग्रह को स्वीकार करता है जो यह वर्णित करता है कि किस पर कैसे शासन किया जाना चाहिए और कौन शासन करेगा, जिसमें एक सामूहिक पहचान का निर्माण हो सके. संविधान लागू होने से पूर्व एक व्यक्ति विभिन्न पहचान रखता था. लेकिन कुछ मौलिक मानदंडों और सिद्धांतों पर सहमति होने पर किसी की मूल राजनैतिक पहचान का निर्माण होता है. दूसरा, संवैधानिक मानदंड पर व्यापक ढाँचा है जिसके अंतर्गत कोई व्यक्तिगत आकांक्षाओं, लक्ष्यों और स्वतंत्रताओं को प्राप्त कर सकता है. संविधान प्राधिकार सम्बन्धी सीमाएँ आरोपित करता है जो यह वर्णित करता है कि कोई व्यक्ति कर सकता है और क्या नहीं. यह मूलभूत मूल्यों को परिभाषित करता है जिनका उल्लंघन नहीं किया जा सकता. इस प्रकार संविधान हमें नैतिक पहचान प्रदान करता है. तीसरा और अंतिम, यह भी स्थिति हो सकती है कि अनेक बुनियादी राजनैतिक और नैतिक मूल्यों को अब विभिन्न संवैधानिक परम्पराओं में साझा किया जा सकता है.
Q3. D – संविधान के कार्य
संविधान के कार्यों में सम्मिलित हैं –
- समाज के सदस्यों के बीच न्यूनतम आपसी समन्वय स्थापित करने के लिए मूलभूत नियमों का एक समुच्चय उपलब्ध कराता है. इसलिए कथन 1 सही है.
- यह निर्दिष्ट करता है कि समाज में निर्णय लेने की शक्ति किसके पास हो. यह भी निर्दिष्ट करता है कि सरकार का गठन किस प्रकार होगा. इसलिए कथन 3 सही है.
- सरकार अपने नागरिकों पर क्या लागू कर सकती है, इसकी सीमाएँ भी निर्धारित करता है. ये सीमाएँ इस संदर्भ में मौलिक हैं कि सरकार उनका उल्लंघन नहीं कर सकती.
- सरकार को समाज की आकांक्षाओं को पूरा करने और एक न्यायसंगत समाज के निर्माण की परिस्थतियों को निर्मित करने में सक्षम बनाता है. इसलिए कथन 2 सही है.
Q4. B -संविधान में अल्पसंख्यकों के सांस्कृतिक एवं शैक्षिक अधिकार
संविधान में अल्पसंख्यकों के सांस्कृतिक एवं शैक्षिक अधिकारों का स्पष्ट उल्लेख किया गया है :
- किसी भी वर्ग के नागरिकों को जिनकी अपनी विशिष्ट भाषा या संस्कृति है, उसे संरक्षित करने का अधिकार है. इसलिए कथन 1 सही है.
- सरकार के अंतर्गत आने वाले संस्थान या सरकारी सहायता प्राप्त करने वाले किसी भी शैक्षिक संस्थान में किसी भी नागरिक को धर्म या भाषा के आधार पर वंचित नहीं किया जा सकता.
- सभी अल्पसंख्यकों को अपनी पसंद के शैक्षिक संस्थानों की स्थापना करने और उनके प्रशासन का अधिकार है. इसलिए कथन 3 सही है.
- धार्मिक स्वतंत्रता के अंतर्गत अपने धर्म को स्वीकारने, पालन करने और प्रचार करने का अधिकार उल्लिखित है. इसलिए कथन 2 सही नहीं है.
Q5. B – CAG
कथन 1 सही नहीं है. भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) राष्ट्रपति को तीन लेखा परीक्षा प्रतिवेदन प्रस्तुत करता है – विनियोग लेखाओं पर लेखा परीक्षा रिपोर्ट, वित्त लेखाओं पर लेखा रिपोर्ट तथा सार्वजनिक उपक्रमों पर लेखा परीक्षा रिपोर्ट. राष्ट्रपति इन प्रतिवेदनों को संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखते हैं. इसके बाद लोक लेखा समिति उनकी जाँच करती है तथा इसके निष्कर्षों को संसद में प्रस्तुत करती है. यह संसद के लोक लेखा समिति के मार्गदर्शक, मित्र और दार्शनिक के रूप में कार्य करता है.
कथन 2 सही है. CAG का भारत की संचित निधि से धन की निकासी पर कोई नियंत्रण नहीं है और अनेक विभाग कैग के प्राधिकार के बिना चेक जारी कर धन की निकासी कर सकते हैं. कैग की भूमिका व्यय के बाद केवल लेखा परीक्षा करने की है.
Q6. A – मूल अधिकार
मौलिक अधिकार राजनैतिक लोकतंत्र के विचार को बढ़ावा देते हैं. ये कार्यपालिका की निरंकुशता और विधायिका के मनमाने कानूनों पर नियंत्रण कायम करते हैं.
यद्यपि, मौलिक अधिकार निरपेक्ष नहीं हैं और उन पर युक्तियुक्त प्रतिबंध लगाया जा सकता है. इसके अलावा, वे उलन्घनीय भी नहीं है और संविधान संशोधन अधिनियम के माध्यम से संसद द्वारा उनमें संशोधन या निरस्त किया जा सकता है. अनुच्छेद 20 और 21 द्वारा प्रदत्त अधिकारों को छोड़कर राष्ट्रीय आपात के दौरान उन्हें निलम्बित भी किया जा सकता है.
Q7. C – संविधान के भाग IV A अंतर्गत मूल कर्तव्य
- विल्कप 1 और 2 मूल कर्तव्य में सम्मिलित हैं.
- विकल्प 3 और 4 राज्य के नीति निदेशक तत्त्वों का भाग हैं.
Q8. C – न्यायिक समीक्षा के सिद्धांत
कथन 1 सही है : न्यायिक समीक्षा के सिद्धांत की अवधारणा संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से ली गई है.
कथन 2 सही है : अनुच्छेद 13 घोषित करता है कि मौलिक अधिकारों से असंगत या उनका अल्पीकरण करने वाली सभी विधियाँ शून्य होंगी. दूसरे शब्दों में, यह स्पष्ट रूप से न्यायिक समीक्षा के सिद्धांत का समर्थन करता है. यह शक्ति सर्वोच्च न्यायालय (अनुच्छेद 32) और उच्च न्यायालयों (अनुच्छेद 226) को प्राप्त है जो किसी विधि को मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होने के आधार पर असंवैधानिक और अवैध घोषित कर सकते हैं.
Q9. B -राज्यों का पुनर्गठन
कथन 1 सही नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संसद की शक्ति राज्यों का क्षेत्र घटाने तक (अनुच्छेद 3 के अंतर्गत) सीमित है और इसके अंतर्गत भारतीय भूभाग को अन्य देश को प्रदान करने की शक्ति शामिल नहीं है. इसलिए, केवल अनुच्छेद 368 के अंतर्गत संविधान में संशोधन करके ही किसी भारतीय भूभाग को एक विदेशी राज्य को प्रदान किया जा सकता है. इस तरह 9वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम (1960) के प्रभावी होने पर उक्त क्षेत्र को पाकिस्तान को स्थानांतरित कर दिया गया.
कथन 2 सही है. दूसरी ओर, 1969 में सर्वोच्च न्यायालय ने व्यवस्था दी कि भारत और अन्य देश के बीच सीमा निर्धारण विवाद को हल करने के लिए संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता नहीं है. यह कार्य कार्यपालिका द्वारा किया जा सकता है. इसमें भारतीय क्षेत्र की विदेशी को सौंपना सम्मिलित नहीं है.
Q10. A – 86वाँ संवैधानिक संशोधन
86वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम के द्वारा निम्नलिखित उपबंध जोड़े गये हैं :
अनुच्छेद 51-A(k) : माता-पिता या संरक्षक छह से चौदह वर्ष के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेंगे.
अनुच्छेद 45 : छह वर्ष की आयु पूरी करने तक सभी बच्चों को देखभाल और शिक्षा प्रदान करना.
अनुच्छेद 21-A : अनुच्छेद 21 A घोषित करता है कि राज्य छह से चौदह वर्ष की आयु के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करेगा.
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