NCERT किताबों से कुछ सवाल हम MCQ (multiple choice questions) के रूप में इकठ्ठा कर रहे हैं. अभी तो हमने 13 सवाल इकट्ठे किये हैं. यदि आपको पसंद आये तो कृपया कमेंट करके हमें यह बताएँ कि आपके लिए ये सवाल कितने उपयोगी हैं ताकि हम लोग और भी सवाल या 100 सावालों की पूरी टेस्ट सीरीज आगे के दिनों में launch कर सकें.[no_toc]
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NCERT Based Questions for UPSC Exam Part 7
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Question 1 of 13
1. Question
1 pointsनिम्नलिखित पर विचार कीजिए :
- हॉगबैक स्थलाकृति
- सेंट्रल क्रिस्टलाइन एक्सिस
- असम्बद्ध पर्वत शृंखलाएँ
- सोडा मैदान
उपर्युक्त विशेषताओं में से कौन-सी महान हिमालय में पाई जाती हैं?
Correct
हॉगबैग स्थलाकृति का आशय अत्यधिक झुकी हुई चट्टानों के खंडित किनारों के अपरदन से निर्मित तीव्र ढलवाँ किनारों से युक्त तीक्ष्ण कटक से है. हॉगबैग स्थलाकृति तथा सेन्ट्रल क्रिस्टालाइन एक्सिस (ग्रेनाइट और नीस) महान हिमालय की विशेषताएँ हैं. असम्बद्ध शृंखलाएँ मध्य हिमालय में पाई जाती हैं. सोडा मैदान ट्रांस-हिमालय (लद्दाख) में पाए जाते हैं.
Incorrect
हॉगबैग स्थलाकृति का आशय अत्यधिक झुकी हुई चट्टानों के खंडित किनारों के अपरदन से निर्मित तीव्र ढलवाँ किनारों से युक्त तीक्ष्ण कटक से है. हॉगबैग स्थलाकृति तथा सेन्ट्रल क्रिस्टालाइन एक्सिस (ग्रेनाइट और नीस) महान हिमालय की विशेषताएँ हैं. असम्बद्ध शृंखलाएँ मध्य हिमालय में पाई जाती हैं. सोडा मैदान ट्रांस-हिमालय (लद्दाख) में पाए जाते हैं.
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Question 2 of 13
2. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से कौन-सी कीस्टोन प्रजातियाँ हैं?
- समुद्री ऊदबिलाव
- लाल मैन्ग्रोव
- हाथी
- हमिंग बर्ड
- शार्क
नीचे दिए गये कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए.
Correct
कीस्टोन प्रजातियों से आशय उन प्रजातियों से है जो पर्यावरण को अपनी संख्या की अपेक्षा कहीं अधिक प्रभावित करती हैं. ये प्रजातियाँ अन्य भिन्न प्रजातियों की संख्या को प्रभावित करती हैं. जैस कोई वनस्पतियों के लिए महत्त्वपूर्ण परागणकर्ता है तो कोई दूसरी प्रजाति को भोजन के रूप में ग्रहण कर उनकी आबादी को नियंत्रित करते हैं. कोई किसी का आश्रय स्थल है, जैसे मैन्ग्रोव …
Incorrect
कीस्टोन प्रजातियों से आशय उन प्रजातियों से है जो पर्यावरण को अपनी संख्या की अपेक्षा कहीं अधिक प्रभावित करती हैं. ये प्रजातियाँ अन्य भिन्न प्रजातियों की संख्या को प्रभावित करती हैं. जैस कोई वनस्पतियों के लिए महत्त्वपूर्ण परागणकर्ता है तो कोई दूसरी प्रजाति को भोजन के रूप में ग्रहण कर उनकी आबादी को नियंत्रित करते हैं. कोई किसी का आश्रय स्थल है, जैसे मैन्ग्रोव …
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Question 3 of 13
3. Question
1 pointsनिम्नलिखित द्वीपों और उनके प्रकारों पर विचार कीजिए .
द्वीप प्रकार 1.माजुली नदी द्वीप 2.न्यू मूर अपतटीय रेत 3.बैरेन ज्वालामुखी 4.मिनिकॉय प्रवाल उपर्युक्त युग्मों में से कौन से सही हैं?
Correct
- असम में स्थित माजुली विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप है. यह ब्रह्मपुत्र नदी पर स्थित है.
- गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा क्षेत्र में न्यू मूर एक छोटा-सा निर्जन अपतटीय रेतीला द्वीप है जो बंगाल की खाड़ी में अवस्थित है.
- बैरन द्वीप एक जवालामुखी द्वीप है.
- मिनिकॉय लक्षद्वीप का एक द्वीप है. यह मलिकू एटोल (प्रवाल) पर है, जो लक्षद्वीप का दक्षिणतम एटोल है.
Incorrect
- असम में स्थित माजुली विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप है. यह ब्रह्मपुत्र नदी पर स्थित है.
- गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा क्षेत्र में न्यू मूर एक छोटा-सा निर्जन अपतटीय रेतीला द्वीप है जो बंगाल की खाड़ी में अवस्थित है.
- बैरन द्वीप एक जवालामुखी द्वीप है.
- मिनिकॉय लक्षद्वीप का एक द्वीप है. यह मलिकू एटोल (प्रवाल) पर है, जो लक्षद्वीप का दक्षिणतम एटोल है.
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Question 4 of 13
4. Question
1 pointsभूपर्पटी के सन्दर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?
- यह 200 किमी. तक की मोटाई वाली बाह्य पतली परत है.
- महाद्वीपीय पर्पटी बेसाल्टी चट्टानों से निर्मित है.
- समुद्र अधःस्थल ग्रेनाइट चट्टानों से निर्मित है.
नीचे दिए गये कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनें.
Correct
भूपर्पटी सामान्य रूप से 30-50 km. के बीच की कुल मोटाई वाली बाह्य पतली परत है. इसलिए, कथन 1 सही नहीं है. महाद्वीप हल्के सिलीकेट; सिलिका और एल्यूमिनियम से निर्मित हैं जिन्हें “सियाल (SiAl)” भी कहा जाता है. ये ग्रेनाइट चट्टानों से निर्मित हैं. जबकि महासागरों में भारी सिलीकेट; सिलिका और मैग्नीशियम होते हैं जिन्हें “सीमा (SiMa)” भी कहा जाता है एवं ये बेसाल्टी चट्टानों से निर्मित हैं. इस प्रकार कथन 2 और 3 दोनों सही नहीं हैं.
Incorrect
भूपर्पटी सामान्य रूप से 30-50 km. के बीच की कुल मोटाई वाली बाह्य पतली परत है. इसलिए, कथन 1 सही नहीं है. महाद्वीप हल्के सिलीकेट; सिलिका और एल्यूमिनियम से निर्मित हैं जिन्हें “सियाल (SiAl)” भी कहा जाता है. ये ग्रेनाइट चट्टानों से निर्मित हैं. जबकि महासागरों में भारी सिलीकेट; सिलिका और मैग्नीशियम होते हैं जिन्हें “सीमा (SiMa)” भी कहा जाता है एवं ये बेसाल्टी चट्टानों से निर्मित हैं. इस प्रकार कथन 2 और 3 दोनों सही नहीं हैं.
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Question 5 of 13
5. Question
1 pointsडोलड्रम के सम्बन्ध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- यह परिवर्तनशील पवनों और शांत दशाओं का क्षेत्र है.
- यह पूर्वी और व्यापारिक पवनों के मध्य उच्च दाब पेटी है.
- यहाँ संवहनीय प्रकृति की वर्षा होती है.
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
Correct
उच्च ताप के फलस्वरूप वायु गर्म होकर विषुवतीय क्षेत्र पर ऊपर की ओर उठती है और विषुवतीय निम्न दाब पेटी का निर्माण करती है. जो भूमध्य रेखा से लेकर लगभग 10° उत्तर और दक्षिण तक विस्तृत है. डोलड्रम निम्न वायुमंडलीय दाब वाली विषुवतीय पेटी है जहाँ उत्तर-पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी व्यापारिक पवनें अभिसरण करती हैं. इसलिए कथन 1 सही है और कथन 2 सही नहीं है.
Incorrect
उच्च ताप के फलस्वरूप वायु गर्म होकर विषुवतीय क्षेत्र पर ऊपर की ओर उठती है और विषुवतीय निम्न दाब पेटी का निर्माण करती है. जो भूमध्य रेखा से लेकर लगभग 10° उत्तर और दक्षिण तक विस्तृत है. डोलड्रम निम्न वायुमंडलीय दाब वाली विषुवतीय पेटी है जहाँ उत्तर-पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी व्यापारिक पवनें अभिसरण करती हैं. इसलिए कथन 1 सही है और कथन 2 सही नहीं है.
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Question 6 of 13
6. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से कौन-सी परिस्थितियाँ नदी के मुहाने पर डेल्टा निर्माण के अनुकूल होती हैं?
- मुहाने पर समुद्र का गहरा होना.
- नदी मार्ग में किसी बड़ी झील का न होना.
- नदी के ऊपरी मार्ग में सक्रिय लम्बवत अपरदन.
नीचे दिए गये कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए.
Correct
नदी अपने द्वारा लाये बारीक पदार्थों जो इसमें अभी तक बने हुए होते हैं वे इसके मुहाने पर जमा होकर पंखे के आकार का जलोढ़ क्षेत्र बनाते हैं जिसे डेल्टा कहा जाता है.
Incorrect
नदी अपने द्वारा लाये बारीक पदार्थों जो इसमें अभी तक बने हुए होते हैं वे इसके मुहाने पर जमा होकर पंखे के आकार का जलोढ़ क्षेत्र बनाते हैं जिसे डेल्टा कहा जाता है.
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Question 7 of 13
7. Question
1 pointsहिमालय पर्वतश्रेणी में मुख्यतः निम्नलिखित में से किस प्रकार के वन पाए जाते हैं?
- पर्णपाती वन
- उष्णकटिबंधीय काँटेदार वन
- शीतोष्ण वन
नीचे दिए गये कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनें –
Correct
दक्षिण पश्चिम पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के अर्द्ध शुष्क क्षेत्रों में उष्णकटिबंधीय काँटेदार वन पाए जाते हैं. इसलिए केवल विकल्प 2 सही नहीं है.
Incorrect
दक्षिण पश्चिम पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के अर्द्ध शुष्क क्षेत्रों में उष्णकटिबंधीय काँटेदार वन पाए जाते हैं. इसलिए केवल विकल्प 2 सही नहीं है.
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Question 8 of 13
8. Question
1 points“यह पृथ्वी के भूपर्पटीय संचलन से सापेक्षिक रूप से अबाधित, क्षैतिज रूप से संस्तरित चट्टानों से निर्मित हैं. ये अवनमित क्षेत्र धरातल पर कुछ सर्वाधिक व्यापक प्राकृतिक निम्नभूमियों का निर्माण करते हैं.”
उपर्युक्त कथन निम्नलिखित में से किसका सर्वश्रेष्ठ वर्णन करता है?
Correct
- पेनीप्लेन अपरदन के कारकों द्वारा निर्मित अपरदनात्मक मैदान है. ये लगभग मैदान जैसे होते हैं.
- पेडीप्लेन भी अपरनात्मक मैदान है. शुष्क और अर्द्ध-शुष्क क्षेत्रों में यांत्रिक अपक्षय पहाड़ी ढलानों का कटाव कर इसे मृदुल ढलान वाले पेडिमेंट या पेडीप्लेन के रूप में बदल दिया जाता है.
- संरचनात्मक मैदान विश्व के संरचनात्मक अवनमित क्षेत्र होते हैं, जो पृथ्वी की सतह पर सबसे विस्तृत प्राकृतिक निम्नभूमियों से कुछ का निर्माण करते हैं. ये स्तरित क्षैतिज चट्टानों से निर्मित होते हैं. ऑस्ट्रेलिया की केन्द्रीय निम्न भूमि जैसा बड़ा मैदान संरचनात्मक मैदान का उदाहरण है.
- तटीय मैदान निक्षेपात्मक मैदान होते हैं. तटीय क्षेत्रों में, तरंगे और पवनें प्रायः समुद्र तट की सामग्री, मिट्टी, रेत या बजरी को भूमि की ओर ले जाते हैं और उन्हें तटीय मैदान पर निक्षेपित कर देते हैं.
Incorrect
- पेनीप्लेन अपरदन के कारकों द्वारा निर्मित अपरदनात्मक मैदान है. ये लगभग मैदान जैसे होते हैं.
- पेडीप्लेन भी अपरनात्मक मैदान है. शुष्क और अर्द्ध-शुष्क क्षेत्रों में यांत्रिक अपक्षय पहाड़ी ढलानों का कटाव कर इसे मृदुल ढलान वाले पेडिमेंट या पेडीप्लेन के रूप में बदल दिया जाता है.
- संरचनात्मक मैदान विश्व के संरचनात्मक अवनमित क्षेत्र होते हैं, जो पृथ्वी की सतह पर सबसे विस्तृत प्राकृतिक निम्नभूमियों से कुछ का निर्माण करते हैं. ये स्तरित क्षैतिज चट्टानों से निर्मित होते हैं. ऑस्ट्रेलिया की केन्द्रीय निम्न भूमि जैसा बड़ा मैदान संरचनात्मक मैदान का उदाहरण है.
- तटीय मैदान निक्षेपात्मक मैदान होते हैं. तटीय क्षेत्रों में, तरंगे और पवनें प्रायः समुद्र तट की सामग्री, मिट्टी, रेत या बजरी को भूमि की ओर ले जाते हैं और उन्हें तटीय मैदान पर निक्षेपित कर देते हैं.
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Question 9 of 13
9. Question
1 points“ये मेघ मध्य स्तरों पर या पृथ्वी की सतह के काफी नजदीक बनते हैं. ये अत्यधिक सघन और सूर्य की किरणों के लिए अपारदर्शी होते हैं. ये मेघ मोटे जलवाष्प की आकृति विहीन संहति होते हैं”.
उपर्युक्त कथन में किस मेघ का वर्णन किया गया है?
Correct
Incorrect
-
Question 10 of 13
10. Question
1 pointsभारतीय जलवायु को निर्धारित करने में हिमालय की भूमिका के सन्दर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- हिमालय आर्कटिक वृत्त के निकट उत्पन्न होने वाली ठंडी और सर्द उत्तरी पवनों से उपमहाद्वीप की रक्षा करता है.
- हिमालयी मानसूनी पवनों को रोककर, उन्हें उपमहाद्वीपीय के भीतर अपनी आर्द्रता गिराने के लिए बाध्य करता है.
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
Incorrect
-
Question 11 of 13
11. Question
1 pointsमैन्ग्रोव के विषय में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें –
- यह अत्यधिक उत्पादक पर अत्यधिक संवेदनशील होती है.
- यह उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाई जाती है.
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
- मैन्ग्रोव अत्यधिक उत्पादक पर अत्यधिक संवेदनशील और नाजुक होती है.
- आपको पता ही होगा कि मैन्ग्रोव पश्चिम बंगाल में सुंदरबन नेशनल पार्क में सबसे ज्यादा है. दरअसल पूरे विश्व में सबसे अधिक मैन्ग्रोव यहीं पाई जाती है. इनका विस्तार भारतीय तटरेखा पर, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और कच्छ की खाड़ी में भी है.
- हम कह सकते हैं कि ये उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय, अंतरज्वारीय क्षेत्रों के लवण-सहिष्णु पौधें हैं. इन्हें कच्छ-वनस्पति भी कहते हैं.
Incorrect
- मैन्ग्रोव अत्यधिक उत्पादक पर अत्यधिक संवेदनशील और नाजुक होती है.
- आपको पता ही होगा कि मैन्ग्रोव पश्चिम बंगाल में सुंदरबन नेशनल पार्क में सबसे ज्यादा है. दरअसल पूरे विश्व में सबसे अधिक मैन्ग्रोव यहीं पाई जाती है. इनका विस्तार भारतीय तटरेखा पर, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और कच्छ की खाड़ी में भी है.
- हम कह सकते हैं कि ये उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय, अंतरज्वारीय क्षेत्रों के लवण-सहिष्णु पौधें हैं. इन्हें कच्छ-वनस्पति भी कहते हैं.
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Question 12 of 13
12. Question
1 points“आक्रामक प्रजाति” (इनवेसिव स्पीशीज) के विषय में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें –
- इस प्रजाति के पौधे/जन्तु/कवक बहुत धीरे-धीरे फैलते हैं.
- ये प्रजातियाँ पारिस्थितिकी तन्त्र को खतरे में डाल देती हैं.
- ये प्रजातियाँ विदेशी मूल या गैर-देशज होती हैं.
उपर्युक्त कथनों में कौन सही/हैं?
Correct
ये पौधे/कवक/जन्तु/सूक्ष्मजीव बहुत तेजी से फैलते हैं और अन्य प्रजातियों को हानि पहुंचाते हैं. कभी-कभी ये प्रजातियाँ इतनी फ़ैल जाती हैं कि दूसरे पारिस्थितिकी तंत्र के लिए यह पूर्णतः विनाशकारी साबित हो जाती हैं. ये बाहर से या गैर-देशज होती हैं और नए पारिस्थितिकी तंत्र में प्रवेश कर उनका नाश करने में लग जाती हैं.
Incorrect
ये पौधे/कवक/जन्तु/सूक्ष्मजीव बहुत तेजी से फैलते हैं और अन्य प्रजातियों को हानि पहुंचाते हैं. कभी-कभी ये प्रजातियाँ इतनी फ़ैल जाती हैं कि दूसरे पारिस्थितिकी तंत्र के लिए यह पूर्णतः विनाशकारी साबित हो जाती हैं. ये बाहर से या गैर-देशज होती हैं और नए पारिस्थितिकी तंत्र में प्रवेश कर उनका नाश करने में लग जाती हैं.
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Question 13 of 13
13. Question
1 pointsझीलों का प्राकृतिक कालिक क्षय या जरण (नेचुरल एजिंग) के कारकों के विषय में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें –
- झीलों की जलधाराओं में नाइट्रोजन और फास्फोरस जैसे पोषक तत्त्वों की अनुपस्थिति.
- जंतुओं की जैविक क्रियाएँ
- कृषि और औद्योगिक अपशिष्ट
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन करें –
Correct
झीलों की जलधाराओं में नाइट्रोजन और फास्फोरस जैसे पोषक तत्त्वों की उपस्थिति होती है जो कालिक क्षय का एक कारक है. इसलिए कथन 1 गलत है. नाइट्रोजन और फास्फोरस जैसे पोषक तत्त्व दरअसल जलीय जीवों के लिए पोषक तत्त्व का काम करते हैं. जैसे-जैसे पोषक तत्त्वों की मात्रा बढ़ती है, पादप और जन्तुओं की जैविक क्रियाएँ बढ़ने लगती है. परिणामस्वरूप कार्बनिक अवशेष झील के तल पर जमा होने लगते हैं. इससे झील की सतह उष्ण हो जाती है. और होता यह है कि उष्ण जल वाले जीव ठन्डे वातावरण में रहने वाले जीवों को प्रतिस्थापित करने लगते हैं. दलदली वनस्पति फिर जड़ें जमाने लगती हैं और पूरी झील गाद से भरने लगती है. झील में प्वलक पौधों की विशाल मात्रा एकत्र हो जाने से पूरा झील लगभग स्थल में बदल जाता है. ध्यान देने योग्य बात है कि यह प्रक्रिया हजारों साल तक चल सकती है और इसी प्रक्रिया को कालिक क्षय या झील का प्राकृतिक जरण कहा जाता है. इसलिए कथन 2 सही है.
इस प्रक्रिया में हाँथ बताने के लिए हम-आप भी जिम्मेदार हैं. घरों से निकलने वाला बहि:स्राव इस प्रक्रिया को और भी तेज कर देता है. इसलिए कथन 3 भी सही है.
Incorrect
ये सारे सवाल आसान हैं. UPSC लेवल के होंगे, ऐसी कोई आवश्यकता नहीं है. यह टेस्ट बस इसलिए दिया जा रहा है कि आपने NCERT को कितनी बार और कितनी गहराई से पढ़ा है.
Topics Covered – Geography
- महान हिमालय (Great Himalayan)
- कीस्टोन प्रजातियाँ
- द्वीप एवं प्रकार
- भूपर्पटी
- डोलड्रम
- नदी के मुहाने पर डेल्टा निर्माण
- हिमालय पर्वतश्रेणी में वन
- पेनीप्लेन, पेडीप्लेन, संरचनात्मक मैदान, तटीय मैदान
- मेघ के प्रकार
- भारतीय जलवायु को निर्धारित करने में हिमालय की भूमिका
- मैन्ग्रोव
- “आक्रामक प्रजाति” (इनवेसिव स्पीशीज)
- कालिक क्षय
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