NIRVIK योजना के बारे में जानें – NIRVIK Scheme in Hindi

Sansar LochanGovt. Schemes (Hindi)

ऋण मुहैया कराने की प्रक्रिया सरल बनाने और निर्यातकों के लिए ऋण की उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से भारतीय निर्यात साख प्रत्याभूति निगम (Export Credit Guarantee Corporation of India – ECGC) ने “निर्वीक / NIRVIK” नामक एक योजना चलाई है. यह योजना वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधीन है.

NIRVIK योजना की मुख्य विशेषताएँ

  • इसके अंतर्गत गारंटी की गई बीमा ऋण के मूल और ब्याज का 90% कवर करेगी.
  • यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ब्याज विदेश निर्यात के लिए 4% से कम और रूपये में निर्यात के लिए 8% से कम रहे.
  • इस बीमा के अन्दर सामान भेजने के पहले और सामान भेजने के बाद दोनों ऋण आएंगे.
  • रत्न, गहने और हीरे का व्यापार करने वाले तथा 80 करोड़ रु. से ऊपर के खाते वाले निर्यातकों के लिए प्रीमियम की दर अन्य निर्यातकों की तुलना में अधिक होगी क्योंकि उनके माल में क्षति का अनुपात अधिक होता है.
  • जिन निर्यातकों के खाते 80 करोड़ रु. से कम के हैं उनके लिए प्रीमियम की दर प्रत्येक वर्ष 60 घटा दी जायेगी तथा जिनके खाते 80 करोड़ रु. से ऊपर के हैं उनके लिए दरें 0.72 प्रतिवर्ष होंगी.
  • 10 करोड़ रु. से ऊपर की क्षति की जाँच के लिए ECGC कर्मचारी बैंक के कागजात एवं अभिलेखों का निरिक्षण करेंगे.
  • मूल और ब्याज की राशि पर ECGC को बैंकों द्वारा प्रत्येक महीने एक निश्चित प्रीमियम का भुगतान किया जायेगा.

NIRVIK Scheme के लाभ

  • NIRVIK योजना से निर्यातकों के लिए ऋण लेना सुगम और सुलभ हो जायेगा.
  • इससे भारत से होने वाले निर्यातों में प्रतिस्पर्धात्मकता आएगी.
  • इससे ECGC की प्रक्रियाएँ निर्यातकों के अनुकूल हो जाएँगी.
  • बीमा कवर के कारण ऋण की लागत नीचे आ जाएगी.
  • NIRVIK योजना से निर्यात प्रक्षेत्र को समय पर और पर्याप्त रूप से काम करने के योग्य पूँजी उपलब्ध हो जाएगी.

ECGC क्या है?

  • यह एक पूर्णतः सरकारी कम्पनी है जिसकी स्थापना 1957 में साख से जुड़ी बीमा सेवा के लिए की गई थी.
  • निर्यात साख प्रतिभूति निगम (ECGC) एक निर्यात साख देने वाली भारत सरकार की एजेंसी है जो देश के निर्यात को सुविधाजनक बनाने के लिए राष्ट्रीय साख बीमा सेवा उपलब्ध कराती है.
  • यह एजेंसी निर्यातकों को साख बीमा योजनाओं का प्रस्ताव देती है. यह बीमा निर्यातकों को होने वाले उस घाटे से बचाती है जो विदेशी क्रेताओं के द्वारा राजनीतिक अथवा वाणिज्यिक कारणों से भुगतान करने में देरी करने से होता है.

Tags : Key features and significance of the scheme in Hindi, PIB, pdf for UPSC.

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