[संसार मंथन] मुख्य परीक्षा लेखन अभ्यास – Ethics GS Paper 4/Part 7

Sansar LochanGS Paper 4

cheque_filling

“नीतिशास्त्र की परिभाषा क्या हो सकती है? इसके मूल तत्त्वों को बतलाएँ। (GS Paper 4)

What is the definition of ethics? State its basic elements.

क्या करें

✅ सरल भाषा में परिभाषा लिखे. 

✅ यदि आपके पास कोई उचित उदाहरण हो तो उदाहरण भी दें.

क्या न करें

❌ मूल तत्त्व को पैराग्राफ में मत लिखें. पॉइंट के साथ लिखें.

उत्तर :-

“नीतिशास्त्र” शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द “एथोस (Ethos)” से हुयी है, जिसका अर्थ है : चरित्र, आदत, रीति-रिवाज या व्यवहार का तरीका, आदि. इसलिए, नीतिशास्त्र को मानवीय कार्यों के सही या गलत हो ने के दृष्टिकोण के व्यवस्थित अध्ययन के रूप में परिभाषित किया गया है. सरल शब्दों में “नीतिशास्त्र मानव आचरण में सही या गलत क्या है इसका अध्ययन है. यह दर्शनशास्त्र की एक शाखा है जो नैतिक सिद्धांतों का अध्ययन करती है. इसलिए, नैतिकता को नैतिक दर्शन के रूप में भी जाना जाता है.

.”

ethics hindi

नीतिशास्त्र के मूल तत्त्व

मूल तत्त्व किसी चीज का आंतरिक गुण है जो उसके चरित्र का निर्धारित करता है.

  • नीतिशास्त्र की उत्पत्ति एक विशेष समाज में प्रचलित न्याय की भावना से होती है.
  • नीतिशास्त्र व्यक्ति, संगठन, सामाजिक-सांस्कृतिक, राजनीतिक और अंतर्राष्ट्रीय जैसे विभिन्न स्तरों पर संचालित होता है.
  • प्रत्येक स्तर पर नीतिशास्त्र एक दूसरे को प्रभावित करता है.
  • नीतिशास्त्र के तत्त्व परस्पर जुड़े हुए हैं, जैसे – ईमानदारी, सच्चाई, अखंडता; समानता और न्याय के मूल्य सहिष्णुता आदि के बिना विद्यमान नहीं रह सकते.
  • नैतिक व्यवहार एक व्यक्ति के साथ-साथ बड़े पैमाने पर समाज को भी विभिन्न लाभ पहुंचता है.
  • नीतिशास्त्र शांति, सद्भाव, सम्मान, न्याय आदि की ओर ले जाता है.
  • नीतिशास्त्र हम लोगों को एक विशेष तरह का उपदेश देता है.
  • यह हमें बतलाता है कि लोगों को कैसे व्यवहार करना चाहिए.
  • नीतिशास्त्र प्रकृति में अमूर्त और व्यक्तिपरक हैं, अर्थात्‌ वे व्यक्ति की भावना और धारणा से प्रभावित होते हैं.
  • नीतिशास्त्र अलग-अलग सामाजिक व्यवस्था के साथ बदलती रहती है. एक समाज का इतिहास, संस्कृति, मूल्य आदि नैतिक मानकों को निर्धारित करते हैं जो अलग-अलग समाज में भिन्न-भिन्न हो सकते हैं.
  • नीतिशास्त्र की समझ समय-समय पर व्यक्ति से व्यक्ति, समाज से समाज में परिवर्तित होती रहती है.

Click here for :- Ethics notes in Hindi

Read them too :
[related_posts_by_tax]