NPPA Caps prices of 9 non-Scheduled Drugs – The Hindu

Sansar LochanThe Hindu

राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (National Pharmaceutical Pricing Authority – NPPA) ने हाल ही में 9 गैर-अनुसूचीबद्ध कैंसर की दवाओं के दाम 87% तक घटा दिए हैं और उसके व्यापार मार्जिन के लिए 30% की उच्चतम सीमा निर्धारित कर दी है.

पृष्ठभूमि

यह प्राधिकरण औषधि (मूल्य नियंत्रण) आदेश – DPCO की अनुसूची I के अंतर्गत वर्णित आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची में आने वाली दवाओं के दाम तय करता है. अभी तक उसने 1,000 दवाओं के अधिकतम मूल्य निर्धारित किये हैं.

DPCO क्या है?

औषधि (मूल्य नियंत्रण) आदेश, 1995 भारत सरकार द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 (Essential Commodities Act, 1955 ) के अनुभाग 3 के अंतर्गत निर्गत एक आदेश है जिसका उद्देश्य दवाओं के दामों को नियंत्रित करना है.

इस आदेश में और भी कुछ प्रावधान हैं, जैसे – नियंत्रित मूल्य वाली दवाओं की सूची, दवाओं के मूल्य-निर्धारण की प्रक्रिया,  सरकार द्वारा निर्धारित मूल्यों को लागू करने की पद्धति, प्रावधानों के उल्लंघन के लिए विहित दंड इत्यादि. ज्ञातव्य है कि DPCO के प्रावधानों को लागू करने की शक्ति भारत सरकार ने NPPA में निहित की है. कालांतर में 2013 में DPCO की अधिसूचना निर्गत हुई.

DPCO आवश्यक वस्तु अधिनियम के अधीन क्यों?

किसी समाज के स्वास्थ्य के लिए दवाएँ अत्यावश्यक होती हैं. इसलिए इन्हें अत्यावश्यक श्रेणी में रखा जाता है और तदनुसार उन्हें आवश्यक वस्तु अधिनियम के अधीन रखा जाता है.

NPPA क्या है और इसकी भूमिका

  • राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण की स्थापना 29 अगस्त, 1997 को विशेषज्ञों के एक स्वतंत्र निकाय के रूप में हुई थी जिसके लिए एक कैबिनेट समिति ने औषधि नीति की समीक्षा करते समय सितम्बर, 1994 में निर्णय लिया था.
  • इस प्राधिकरण को कुछ अन्य काम भी सौंपे गये हैं, जैसे – दवाओं के दाम निर्धारित अथवा संशोधित करना, औषधि (मूल्य नियंत्रण) आदेश के प्रावधानों को लागू करना तथा नियंत्रित एवं नियंत्रण से मुक्त दवाओं के दाम पर नज़र रखना.

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