मुझे जानकर अच्छा लगा कि आपको मेरा फर्स्ट पोस्ट पसंद आया – विज्ञान से सम्बंधित रोचक बातें. आज मैं आपको उन विज्ञान/Science के सवालों के बारे में बताने जा रही हूँ जो UPSC Mains में पूछे गए हैं या पूछे जा सकते हैं. इन प्रश्नों के answers आपको एक लाइन में या 150-200 शब्दों में उत्तर देने पड़ते हैं. आइये देखते हैं कुछ ऐसे ही सवाल और उनके उत्तर.
Q1. न्यूक्लियर मेडिसिन क्या होता है?
“न्यूक्लियर मेडिसिन” दरअसल चिकित्सा-शास्त्र की वह शाखा है, वह ब्रांच है….जो रोगों की पहचान करने, बहुत हद तक रोगों का उपचार करने और रडियो न्यूक्लाइड्स (radionuclides) के investigative प्रयोग में use की जाती है. इसके लिए रेडियो क्रियाशील पदार्थों (Radioactive substances) का प्रयोग किया जाता है. न्यूक्लियर इमेजिंग तकनीक का प्रयोग करके शरीर के विभिन्न अंगों की कार्यप्रणाली ऊपर से ही देखी जा सकती है. इसकी सहायता से ऑपरेशन टेबल पर किसी व्यक्ति का ऑपरेशन कर रहे चिकित्सक मानव शरीर के विभिन्न अंगों की क्रियाशीलता की वास्तविक स्थिति जान सकता है.
रोगों की पहचान के लिए X-Ray का प्रयोग तो काफी वर्षों पहले से किया जा रहा है. रडियोधर्मी आइसोटोप्स (Radioactive Isotope) का प्रयोग विभिन्न अंगों के तथा उनकी कार्यप्रणाली का चित्र प्राप्त करने के लिए करते हैं. मानव शरीर से निकलने वाले Infrared Radiation की सहायता से ट्यूमर का पता भी लगाया जा सकता है. Ionizing radiation के द्वारा कैंसर और उससे उत्पन्न अन्य रोगों का उपचार किया जाता है.
Q2. फ्लोरेसेंट ट्यूब किस प्रकार काम करता है?
फ्लोरेसेंट ट्यूब (Florecent Tube) के अन्दर दीवारें Magnesium Tungsten व Zinc Beryllium Silicate के मिश्रण से पुती रहती हैं. बिजली के विसर्जन के कारण इस नाली में पराबैगनी किरणें उत्पन्न होती हैं. इन किरणों के तराने पर Magnesium Tungsten तो हल्के नीले रंग से चमकता है और Zinc Beryllium Silicate पीले-नारंगी रंग की चमक पैदा करता है. इन दोनों रंगों के प्रकाश का मिश्रण श्वेत प्रकाश की प्रतिदीप्ति उत्पन्न करता है. नाली के अन्दर विभिन्न प्रकार के पेंट प्रयुक्त किये जाते हैं जो विभिन्न प्रकार के रंगों के प्रकाश की उत्पत्ति करते हैं. पराबैंगनी किरणें अदृश्य होती हैं जो पेंट से टकराकर दृश्य प्रकाश उत्पन्न करती हैं.
Q3. सीसा रहित पेट्रोल क्या होता है?
पेट्रोल से चलने वाली कारों से निकलने वाले धुएँ में कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन तथा सल्फर और नाइट्रोजन के ऑक्साइड होते हैं. इंधन की क्षमता बढ़ाने तथा anti-knocking गुण में वृद्धि करने के लिए भारत में पेट्रोल में सीसा मिलाया जाता है. यही सीसा कार के धुएँ के साथ छोटे-छोटे कणों के रूप में बाहर निकलता है और वायुमंडल में समां जाता है. बाद में यही सीसा हवा के साथ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है और उसे रोगी बना देता है. सीसा सहित पेट्रोल में tetraethyl lead मिलाये जाने से octane level बढ़ जाता है, लेकिन यही सीसा lead oxide के रूप में बाहर निकलता है, तो वायु को प्रदूषित कर देता है, जो मानव जीवन के लिए खतरा बन जाती है.
Q4. रॉकेट इंधन के बारे में लिखें.
आज रॉकेट से कोई भी अपरिचित नहीं है. रॉकेट के माध्यम से ही रूसी वैज्ञानिक यूरी गार्गिन ने 1961 में अन्तरिक्ष की यात्रा करके पूरे विश्व को चकित किया. दूसरी ओर वर्ष 1969 में अमरीकावासी नील आर्मस्ट्रांग ने चंद्रमा पर पहुंचकर विज्ञान के क्षेत्र में एक और नई उपलब्धि हासिल की. भारतीय अन्तरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत 1975 में एस.एल.वी. – 3 के प्रक्षेपण से हुई. रॉकेट में उपयोग किये जाने वाले इंधन को नोदक (propeller) कहते हैं. यह propeller ओक्सीडाइजर के संयोग से बनता है जैसे – fluid oxygen, fluid florin, hydrogen peroxide, nitric acid आदि. सभी propellers को तीन वर्गों में रखा जाता है – तरल, ठोस, मिश्रित…
Q5. एलिसा (ELISA) क्या है? यह किसके लिए प्रयुक्त होता है?
एलिसा (ELISA) Enzyme liked Immunoassy एक HIV-1 एंटीबोडी है और इसका प्रयोग AIDS (Acquired Immune Deficiency Syndrome) से प्रभावित रोगियों में HIV संक्रमण की जांच के लिए किया जाता है.