[संसार मंथन] मुख्य परीक्षा लेखन अभ्यास – Eco-Bio-Tech GS Paper 3/Part 3

Sansar LochanGS Paper 3, Sansar Manthan

[no_toc] सामान्य अध्ययन पेपर – 3

वर्तमान में ऑक्सीटोसिन (oxytocin) का दुरूपयोग बहुत बढ़ गया है जिससे सरकार चिंतित है. क्या इस दुरूपयोग को रोकने हेतु ऑक्सीटोसिन को प्रतिबंधित कर देना चाहिए? न्यायसंगत उत्तर दीजिए.” (250 words)

  • अपने उत्तर में अंडर-लाइन करना है  = Green
  • आपके उत्तर को दूसरों से अलग और यूनिक बनाएगा = Yellow

यह सवाल क्यों?

यह सवाल UPSC GS Paper 3 के सिलेबस से प्रत्यक्ष रूप में लिया गया है –

“जैव प्रौद्योगिकी”.

सवाल का मूलतत्त्व

सरकार क्यों चिंतित है पहले यह लिखें. प्रतिबंधित करना कहाँ तक उचित है? प्रतिबंधित करने से क्या सारी समस्याएँ दूर हो जाएँगी या इससे कोई नई समस्या का जन्म होगा?

उत्तर :-

हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा ऑक्सीटोसिन (oxytocin) के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. ऑक्सीटोसिन (oxytocin) के हानिकारक प्रभावों को रोकने के लिए सरकार द्वारा यह कदम उठाया गया है. जैसा कि हम जानते हैं कि कुछ डेयरी मालिकों और किसानों द्वारा दूध उत्पादन और सब्जियों का आकार बढ़ाने के लिए इसका अत्यधिक रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है. दुधारू जानवरों से ज्यादा और जल्दी दूध निकालने के लिए किया जाने वाला इसका प्रयोग अवैध उपयोग के दायरे में आता है.

अगर यह मान लिया जाए कि ऑक्सीटोसिन (oxytocin) का दुष्प्रभाव वास्तविक और व्यापक है, फिर भी इस पर प्रतिबंध एक हल नहीं हो सकता है. ऑक्सीटोसिन (oxytocin) महिलाओं के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है. मातृ स्वास्थ्य में इसकी भूमिका इतनी महत्त्वपूर्ण है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे प्रसव के दौरान होने वाले रक्तस्राव को रोकने के लिए सबसे बेहतर दवा के रूप में सिफारिश की है. यह दवा मानव हार्मोन का कृत्रिम संस्करण है जो महिलाओं के लिए एक जीवन-रक्षक के समान है.

सरकार के प्रतिबंध ने इसके महत्त्व को नजरअंदाज़ कर दिया है. सरकार का यह निर्णय डेयरी उद्योग में हार्मोन के दुरूपयोग से प्रेरित है. चूँकि ऑक्सीटोसिन (oxytocin) आमतौर पर डेयरी उद्योग में दुधारू पशुओं के लिए प्रयोग किया जाता है, इसलिए पशुओं को इसका इंजेक्शन  लगा दिया जाता है ताकि वे किसी भी समय दूध दे सकने में सक्षम हो जाएँ.

इस पर प्रतिबंध लगने से आने वाले दिनों में अस्पतालों में ऑक्सीटोसिन (oxytocin) की मात्रा में काफी कमी देखने को मिल सकती है और इसकी काला बाजारी भी बढ़ सकती है. यदि सरकार एक ही सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई को ऑक्सीटोसिन (oxytocin) निर्माण के लिए अधिकार देती है (सरकार की योजना के अनुसार) तो इससे दवा की कमी और कीमतों में बढ़ोतरी होने की संभावना अधिक हो जाती है.

[no_toc] सामान्य अध्ययन पेपर – 3

“ऑक्सीटोसिन (oxytocin) क्या है? इससे होने वाले लाभ और हानियों की चर्चा करें.” (250 words)

यह सवाल क्यों?

यह सवाल UPSC GS Paper 3 के सिलेबस से प्रत्यक्ष रूप में लिया गया है –

“जैव प्रौद्योगिकी”.

सवाल का मूलतत्त्व

प्रश्न में सब स्पष्ट है. बारी-बारी से चर्चा करें.

उत्तर :-

ऑक्सीटोसिन (oxytocin) एक हार्मोन है जो मस्तिष्क में अवस्थित पिट्यूटरी ग्रन्थि से स्रावित होता है. मनुष्य के व्यवहार पर पड़ने वाले प्रभाव के कारण ऑक्सीटोसिन (oxytocin) को प्यारा, हग, आनंद हार्मोन आदि नामों से भी जाना जाता है. यह हार्मोन और मस्तिस्क न्यूरोट्रांसमीटर दोनों के रूप में कार्य करता है. पिट्यूटरी ग्रन्थि से निकलने के कारण यह दो कार्यों को नियंत्रित करती है – चाइल्डबर्थ और ब्रैस्ट फीडिंग.

ऑक्सीटोसिन (oxytocin) के लाभ

इसके मुख्यतः दो लाभ हैं  –

  • यह हार्मोन गर्भवती महिलाओं और पशुओं दोनों को प्रसव के समय पर दिया जाता है, ताकि डिलीवरी आसानी से हो जाए.
  • साथ ही प्रसव के बाद खून बहने से रोकने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है.

इसके प्रयोग से होने वाली हानियाँ कुछ इस प्रकार हैं –

  • ऑक्सीटोसिन (oxytocin) के दुरूपयोग के कारण दुधारु पशुओं में बाँझपन जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं.
  • इसके अधिक प्रयोग से कैंसर और हार्मोनल असंतुलन हो सकता है.
  • लगातार ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का प्रयोग कर निकाले गए दूध को पीने से छोटे बच्चों में विकास और लकड़ियों में किशोराव्स्था जल्दी शुरू हो सकती है.

“संसार मंथन” कॉलम का ध्येय है आपको सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में सवालों के उत्तर किस प्रकार लिखे जाएँ, उससे अवगत कराना. इस कॉलम के सारे आर्टिकल को इस पेज में संकलित किया जा रहा है >> Sansar Manthan

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