उन्नीसवीं शताब्दी यूँ तो समाज सुधारकों और धर्म सुधारकों का युग है और इस युग में कई ऐसे महापुरुष हुए जिन्होनें समाज में व्याप्त अन्धकार को दूर कर नयी किरण दिखाने की चेष्टा की. इनमें आर्य समाज के संस्थापक दयानंद सरस्वती (Swami Dayananda Saraswati) का नाम सर्वप्रमुख है. स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज के माध्यम से भारतीय संस्कृति को … Read More
वारेन हेस्टिंग्स, कार्नवालिस, विलियम बेंटिक और लॉर्ड डलहौजी के सुधार
अंग्रेज़ सर्वप्रथम भारत में व्यापार करने के उद्देश्य से आये, लेकिन यहाँ की बिगड़ती हुई राजनीतिक स्थिति और देशी राज्यों के आपसी फूट का लाभ उठाकर यहाँ बिटिश सत्ता की स्थापना कर ली. अंग्रेजों को सबसे पहले बंगाल में पैर जमाने का मौका मिला और उसके बाद तो वे पूरे भारत में धीरे-धीरे फ़ैल गए. भारत में ब्रिटिश साम्राज्य के … Read More
स्थायी बंदोबस्त क्या है? Permanent Settlement in Hindi
लॉर्ड कार्नवालिस का शासनकाल अपने प्रशानिक सुधारों के लिए हमेशा याद किया जायेगा. उसने साम्राज्य विस्तार की और अधिक ध्यान न देकर आंतरिक सुधारों की ओर विशेष ध्यान दिया. कम्पनी शासन में निष्पक्षता और दृढ़ता लाने में उसे काफी सफलता मिली. उसने कम्पनी की सेवा, लगान व्यवस्था, न्याय और व्यापार सम्बन्धी अनेकों सुधार किये. लगान व्यवस्था के क्षेत्र में उसके … Read More
भारत में बहुद्देशीय सिंचाई, बाँध, नदी परियोजनाएँ
भारत में सिंचाई के प्रमुख साधनों के अंतर्गत नहरें, कुएँ, नलकूप डीजल, तालाब आदि आते हैं. 1951 में भारत का कुल सिंचित क्षेत 226 लाख हेक्टेयर था, वहीं मार्च 2010 तक बढ़कर 10.82 करोड़ हेक्टेयर तक पहुँच गया. सिंचाई परियोजनाओं की क्षमता के आधार पर प्रकृति निर्धारित की जाती है. इस पोस्ट में हम उन्हीं बहुद्देशीय सिंचाई, बाँध और नदी … Read More
IAS की परीक्षा हिंदी माध्यम से दूँ या इंग्लिश माध्यम से?
यह एक कड़वा सच है कि इंग्लिश माध्यम (English medium) के छात्रों के पास किताबों के लिए बहुत सारे विकल्प हैं. अनुभवी लेखकों के द्वारा इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र आदि विषयों की कई किताबें इंग्लिश भाषा में लिखी गयी हैं और बाजार में भरी पड़ी हैं. इंग्लिश माध्यम वाले छात्रों के लिए किताबों की अपार संख्या तो उपलब्ध हैं ही, इसके … Read More
मुख्यमंत्री : नियुक्ति, वेतन और उसके कार्य
जिस प्रकार संघ की मंत्रीपरिषद का प्रधान भारत का प्रधानमंत्री होता है, उसी प्रकार राज्य की मंत्रिपरिषद का प्रधान एक मुख्यमंत्री होता है. 1935 ई. के अधिनियम के अंतर्गत, मुख्यमंत्री को भी प्रधानमंत्री की संज्ञा दी गई थी. उस समय केंद्र में प्रधानमंत्री का पद नहीं था. संविधान के निर्माताओं ने संघ में प्रधानमंत्री के पद का प्रावधान करते हुए … Read More
साधारण विधेयक और धन विधेयक क्या होते हैं? Difference between Ordinary Bill and Money Bill
जब कोई प्रस्ताव संसद में कानून बनाने के लिए रखा जाता है, तो उसे विधेयक कहते हैं. विधेयक भी दो प्रकार का होता है – साधारण विधेयक (ordinary bill) और धन विधेयक (money bill). दोनों विधेयकों में अंतर है. धन विधेयक (money bill) को छोड़कर अन्य विधेयक साधारण विधेयक (ordinary bill) कहे जाते हैं. अतः, धन विधेयकों को समझ लेने … Read More
माल्थस का जनसंख्या सिद्धांत
जनसंख्या का अध्ययन कुछ निश्चित सिद्धांतों पर आधारित है. जनसंख्या तथा संसाधन के बीच सम्बन्ध स्थापित करने के लिए सिद्धांत प्लेटो के समय से प्रतिपादित होते आये हैं. परन्तु 18वीं शताब्दी के समय तथा 19वीं शताब्दी में कई सिद्धांत प्रतिपादित किये गए. इन सभी सिद्धांतों को प्राकृतिक तथा सामजिक सिद्धांतों के वर्गों में बांटा जाता है. प्राकृतिक सिद्धांतों में सबसे महत्त्वपूर्ण … Read More
भारत का उपराष्ट्रपति : Vice-President of India in Hindi
आज हम भारत के उपराष्ट्रपति के कार्यकाल, कार्य, वेतन, नियुक्ति, कृत्य तथा अधिकार के विषय में पढेंगे. उपराष्ट्रपति की सूची और उसके चुनाव के विषय में भी जानेंगे. अमेरिका के संविधान से प्रभावित होकर हमारे संविधान ने भी उपराष्ट्रपति (Vice-President) के पद की व्यवस्था की है. संविधान के अनुसार, भारत का एक राष्ट्रपति होगा. उपराष्ट्रपति का निर्वाचन संसद के दोनों सदनों की एक … Read More
1935 ई. से 1947 ई. तक भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन का इतिहास
1935 ई. के पूर्व महात्मा गाँधी द्वारा संचालित सविनय अवज्ञा आन्दोलन की प्रगति चरम सीमा पर थी. भारतीयों को संतुष्ट करने के लिए अंग्रेजी सरकार अनेक प्रयास कर रही थी. उसी के परिणामस्वरूप 1935 ई. का भारत सरकार अधिनियम पारित हुआ. परिणामस्वरूप सविनय अवज्ञा आन्दोलन बंद हो गया. इस अधिनियम के प्रावधान के अनुसार ही 1937 ई. में निर्वाचन हुआ. … Read More