भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (Food Safety and Standards Authority of India – FSSAI) के प्रमुख ने यह विश्वास व्यक्त किया है कि भारत सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा सूत्रपात की गई सहभागी प्रत्याभूति योजना अर्थात् Participatory Guarantee Scheme (PGS) किसानों को जैव खाद्य फसल उगाने के लिए उत्प्रेरित करेगी.
सहभागी प्रत्याभूति योजना (PGS) क्या है?
- यह भारत सरकार के कृषि मंत्रालय की एक योजना है जिसके अंतर्गत जैव कृषि उत्पादों को अभिप्रमाणित किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जैव उत्पाद निर्धारित गुणवत्ता मानकों पर खरे हैं अथवा नहीं.
- जो अभिप्रमाणन दिया जाएगा वह या तो एक कथन के रूप में होगा अथवा उसे एक अभिलिखित लोगो (logo) के रूप में दिखाया जाएगा.
सहभागी प्रत्याभूति योजना (PGS) के लाभ
- PGS के अन्दर दिए गये अभिप्रमाणन की प्रक्रिया सरल होती है और इसके लिए अभिलेख भी मूलभूत होते हैं.
- किसान इसमें प्रयोग होने वाली स्थानीय भाषा को भली-भाँति समझ लेते हैं.
- इसके सदस्यगण एक-दूसरे के समीप रहने वाले और एक-दूसरे को जानने वाले होते हैं.
- ये सभी सदस्य स्वयं जैव-खेती करने वाले किसान होते हैं, अतः अभिप्रमाणन की प्रक्रिया को सरलता से समझ लेते हैं.
- इसके अंतर्गत होने वाली मूल्यांकन का काम उसी गाँव के किसान करते हैं न कि कोई तीसरा पक्ष. इससे मूल्यांकन की लागत बहुत कम रह जाती है.
- PGS के अन्दर क्षेत्रीय समूह एक-दूसरे को पहचानते हैं और उनकी सहायता भी करते हैं. इससे प्रसंस्करण और विपणन के लिए नेटवर्किंग का काम बेहतर ढंग से होता है.
- PGS में प्रत्येक किसान को अलग से प्रमाण पत्र दिया जाता है और किसान को यह छूट होती है कि वह अपने समूह से हटकर अपने उत्पाद को बाजार में बेच ले.
PGS Scheme की कमियाँ
- PGS अभिप्रमाणन केवल उन किसानों अथवा समुदायों को मिलता है जो किसी गाँव में अथवा आस-पास के गाँवों के एक संकुल में समूह बनाकर काम कर सकते हैं.
- PGS केवल खेती से जुड़ी गतिविधियों पर लागू होता है, जैसे – फसल का उत्पादन, प्रसंस्करण, मवेशी पालन आदि.
- PGS के अन्दर कोई अकेला किसान अथवा पाँच से कम किसानों का समूह नहीं आता है. ऐसे किसानों को या तो तृतीय पक्ष से अभिप्रमाणन लेना होता है अथवा वे चाहें तो किसी पहले से वर्तमान PGS स्थानीय समूह से जुड़ सकते हैं.
Tags : Participatory Guarantee Scheme (PGS) in Hindi. Key features of the scheme. Significance of the scheme, the need for certifying organic products.