हाल ही में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जनसंख्या शोध केंद्रों (Population Research Centres – PRC) के लिए दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया. कार्यशाला का प्राथमिक उद्देश्य स्वास्थ्य मंत्रालय की अनेक अग्रणी योजनाओं के विषय में जानकारी देना है और संयुक्त निगरानी की व्यवस्था का प्रावधान करना है.
जनसंख्या शोध केंद्र (Population Research Centres – PRC) क्या हैं?
- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जनसंख्या अनुसंधान केन्द्रों का एक नेटवर्क स्थापित किया है जिनका एक कार्य राष्ट्रीय एवं राज्य-स्तर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कार्यक्रमों एवं नीतियों से सम्बंधित सूचनाओं के आधार पर अनुसंधान करना है.
- ये मुख्य रूप से जिन विषयों में अनुसंधान परियोजनाएँ चलाते हैं, वे हैं – परिवार नियोजन, जनसांख्यिक अनुसंधान, जीव वैज्ञानिक अध्ययन, जनसंख्या नियंत्रण से सम्बंधित तरीकों की गुणवत्ता आदि.
- इन शोध अध्ययनों से प्राप्त जानकारियों के आधार पर नई योजनाएँ और रणनीतियाँ बनाई जाती हैं और चालू योजनाओं में अपेक्षित सुधार किया जाता है.
- ये केंद्र स्वायत्त होते हैं. इनके लिए केंद्र सरकार वर्षानुवर्ष शत प्रतिशत केन्द्रीय सहायता अनुदान के रूप में देती है.
- इन केन्द्रों के कार्यकलाप की निगरानी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय करता है और वह इसके लिए समय-समय पर प्रगति प्रतिवेदन मांगता है तथा बैठक, सेमीनार आदि आयोजित करता है.
- इसके अतिरिक्त देश और राष्ट्र के स्तर पर मंत्रालय द्वारा समय-समय पर गठित समितियों और संस्थानों को यह दिशा-निर्देश भी देता है.
- प्रशासनिक दृष्टि से जनसंख्या शोध केंद्र (PRC) उन विश्वविद्यालयों अथवा संस्थानों के नियंत्रण में रहते हैं जहाँ वे अवस्थित होते हैं.
- इसके अतिरिक्त PRC मंत्रालय द्वारा दिए गए दायित्वों जैसे एनआरएचएम कार्यक्रमों का संयुक्त मूल्यांकन, का भी निर्वहन करता है.
Tags : PRCs Population Research Centres – roles, objectives and significance. PIB, The Hindu
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