अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के तहत संचालित बहु-क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम (MsDP) का पुनर्गठन कर इसे प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (PMJVK) के रूप में पुनर्नामित किया गया है.
PMJVK या पुनर्गठित MsDP
प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम में बहुल कस्बों (MCTs) तथा गाँवों के संकुल (क्लस्टर) की पहचान के लिए मापदंडों को युक्तिसंगत बनाया गया है. ये 2011 की जनगणना पर आधारित है.
- इससे पहले, केवल आधारभूत जरूरतों तथा सामाजिक-आर्थिक मानदंडों के संदर्भ में पिछड़े कस्बों को ही MCTs के रूप में पहचान किया जाता था. पर अब वे कस्बे जो किसी एक अथवा दोनों मापदंडों में पिछड़े पाए जाते हैं, MCTs के अन्दर सम्मिलित किए गये हैं.
- अब गाँवों के संकुल के चयन के लिए जनसंख्या मापदंड को कम कर अल्पसंख्यक समुदाय की 25% जनसंख्या तक कर दिया गया है (जो पूर्व में न्यूनतम 50% था).
योजना का वित्त-पोषण
योजना का वित्त-पोषण, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के बजटीय प्रावधान से किया जाएगा. साथ ही आवधिक रूप से होने वाले व्यय/अनुरक्षण व्यय का वहन राज्य सरकार/केंद्र शासित प्रदेशों/संगठनों द्वारा किया जायेगा.
- 80% भाग शिक्षा, स्वास्थ्य तथा कौशल विकास से सम्बंधित परियोजनाओं के लिए सुनिश्चित किया गया है.
- जिसमें से 33 से 40% विशेष रूप से महिला केन्द्रित परियोजनाओं के लिए आवंटित किया जाएगा.
प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम का विस्तार
प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम में अब चार राज्यों हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, नागालैंड एवं गोवा तथा एक संघ शाषित प्रदेश पुडुचेरी (कुल 32 राज्यों/संघ शाषित प्रदेशों) को शामिल किया गया है.
- PMJVK के तहत 115 आकांक्षी जिलों (aspirational districts) में से 61 जिलों के अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों को कवर किया जायेगा.
- अल्पसंख्यक बहुल ब्लॉक, कस्बों तथा गाँवों के संकुल के अतिरिक्त अल्पसंख्यक बहुल जिला मुख्यालयों को शामिल करते हुए क्रियान्वयन की क्षेत्रीय इकाई का और अधिक विस्तार किया गया है.
- प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत मौजूदा MsDP/ Multi-sectoral Development Programme (196 जिले) क्षेत्रों की तुलना में 57% अधिक क्षेत्र (308 जिले) कवर किये गये हैं.
निगरानी तंत्र
- जियो-टैगिंग के साथ एक ऑनलाइन मॉड्यूल भी शामिल किया गया है.
- सभी क्रियान्वयन एजेंसियों को सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रनाली (Public Finance Management System : PFMS) के अंतर्गत लाया गया है और PMJVK में निधि उपयोग की निगरानी सुनिश्चित करने हेतु इसके प्रभावी उपयोग के लिए प्रावधान किये गये हैं.
बहु-क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम (MsDP) क्या है?
- इसकी पहचान नीति आयोग के राष्ट्रीय विकास एजेंडा के अंतर्गत कोर ऑफ़ द कोर स्कीम्स में से एक के रूप में की गई है.
- इस कार्यक्रम को वर्ष 2008-09 में अल्पसंख्यक बहुल जिलों (MCD) के रूप में चिन्हित 90 ऐसे जिलों में प्रारम्भ किया गया था, जहाँ कम से कम 25% अल्पसंख्यक जनसंख्या निवास करती हो.
- इसे मुख्य रूप से चिन्हित पिछड़े अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में प्रारम्भ किया गया था. इसका निर्माण विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों की केंद्र प्रयोजित योजनाओं के मापदंडों, दिशा-निर्देशों और वित्तीय प्रारूपों में परिवर्तन किये बिना विकास अंतरालों को कम करने के लिए किया गया था.
- इस कार्यक्रम के तहत अतिरिक्त क्लासरूम, प्रयोगशालाएँ, विद्यालय भवन, छात्रावास, शौचालय, पॉलीटेक्निक, ITIs, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र/उप-केंद्र, आँगनवाड़ी केंद्र, ग्रामीण आवास हेतु भवन की स्थापना इत्यादि परियोजनाओं पर विचार किया गया है.
- इसका उद्देश्य उन नवोन्मेषी परियोजनाओं का प्रारम्भ करना भी था, जिन्हें विभिन्न मंत्रालयों की किसी भी मौजूदा CSS द्वारा कवर नहीं किया गया था. इन परियोजनाओं का केंद्र और राज्यों के मध्य 60:40 के अनुपात (पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों के लिए 90:10) में वित्त-पोषण किया गया.
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