पंचकुला के उपायुक्त ने पंजाब ग्राम एवं क़स्बा अधिनियम 1918 की धारा 3 (1) (Punjab Village and Small Towns Act) के अधीन निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला की सभी ग्राम पंचायतों, स्थानीय निकायों को 14 अप्रैल तक जारी लॉकडाउन के दौरान पहरे लगाने के आदेश जारी किए हैं.
पंजाब ग्राम एवं क़स्बा अधिनियम
पंजाब ग्राम एवं क़स्बा अधिनियम 1918 में कानून बना था. इसका उद्देश्य गाँव और कस्बों के शारीरिक रूप से योग्य व्यक्तियों को आकस्मिक स्थिति में गाँव/कस्बे की पहरेदारी करवाना था.
कार्यान्वयन (Punjab Village and Small Towns Act)
- इस अधिनियम के अंतर्गत यदि पंजाब (अब हरियाणा भी) के किसी जिले का उपायुक्त यह समझे कि सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किसी गाँव में विशेष उपाय करना आवश्यक है तो वह उस गाँव के सभी शारीरिक रूप से पुरुष वयस्कों को पहर्दारी करने का आदेश दे सकता है.
- यह आदेश अधिकतम एक वर्ष तक वैध रहता है.
- उपायुक्त को यह अधिकार है कि वह पहरेदारी करने वाले लोगों की संख्या और उनके चयन की पद्धति बदल सकता है और तदनुसार गाँव की पंचायत को सूचना दे सकता है.
जुर्माना और दंड
अधिनियम के अनुभाग 9 और 11 में यह प्रावधान है कि जो व्यक्ति पहरेदारी का आदेश नहीं मानेगा तो उसे ग्राम पंचायत या उपायुक्त की ओर से तय किया गया जुर्माना देना होगा. यह जुर्माना अधिकतम 100 रु. होगा.
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