Sansar LochanSuccess Mantra

karan_story_ranchi

ranchi_heroकरण डीपीएस राँची में पढ़ता है. उसकी उम्र महज 11 वर्ष की है. पाँचवी कक्षा में पढ़ने वाला करण एक मेधावी छात्र है. करण स्कूल भी जाता है और ट्यूशन भी.

29 जुलाई, 2015 को ट्यूशन से घर लौटने के दौरान उसे एक ट्रैक्टर ने रौंद डाला. उसी समय उसका बायाँ हाथ कट कर सड़क पर गिर गया और दूसरा हाथ भी क्षतिग्रस्त हो गया. करण सड़क पर गिरा हुआ छटपटाता रह गया. पूरी सड़क खून से सन गयी. पर उसकी मदद करने वाला कोई नहीं था. सब आते और गुजर जाते.

हम इंसान इतने असंवेदनशील हैं इसका अंदाजा हमें नहीं था. हमारे जैसे युवा वर्ग के लोग भी अवश्य वहाँ से गुजरे होंगे. ऐसे दृश्य को अनदेखा कर देना बिल्कुल अमानवीय है. वहाँ केवल भीड़ इकठ्ठा करने वाले लोगों को  चुल्लू भर पानी में डूब कर मर जाना चाहिए.

करण होश में था. अपना कटा हुआ हाथ अलग देखकर कोई भी अपना होश गँवा बैठता. उसने मदद की गुहार भी लगायी पर सब ने आँखे फेर ली. करण खुद उठा. उसने अपना कटा हुआ हाथ सड़क से उठाया और बदहवासी में अपने घर की ओर बढ़ने लगा.

काफी दूर चलने के बाद वह अपने घर पहुँचा. दो मंजिल सीढियाँ चढ़कर घर के दरवाजे पर किसी तरह पहुँचा. उसकी माँ ने जब दरवाज़ा खोला तो देखा कि उसका लाडला अपना ही कटा हाथ लेकर उसके सामने खड़ा है.  उसकी माँ यह दृश्य देखकर खुद बेहोश हो गई.

बहादुर करण ने बेहोश माँ को जगाने के लिए उनके चेहरे पर पानी छींटा. होश में आने के बाद माँ करण को अस्पताल ले गयी.

मानव की असंवेदनशीलता की गाथा यहीं पर खत्म नहीं होती. एक क्लिनिक ने ऐसा दृश्य देखकर शटर ही गिरा दिया. फिर माँ अपने बेटे को लेकर किसी बड़े हस्पताल में पहुँची और करण का इलाज शुरू हुआ. करण का दायाँ हाथ किसी तरह बचाया गया पर उसके दूसरे हाथ को नहीं जोड़ा जा सका.

डॉक्टरों ने कहा कि यदि तत्काल करण को सहायता मिलती तो उसका बायाँ हाथ भी बचाया जा सकता था.

आप कई परीक्षाओं की तैयारियों में लगे होंगे. आपको कई बार असफलता का मुँह देखना पड़ता होगा. आप थक जाते होंगे, हार जाते होंगे. पर हार कर बैठ जाने से केवल हमारी ही क्षति होगी.

करण की इस बहादुरी की कथा पढ़कर मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूँ:—

जो हो गया उसे सोचा नहीं करते
जो मिल गया उसे खोया नहीं करते
हासिल उन्हें होती है सफलता
जो वक्त और हालत पर रोया नहीं करते

[Tweet “जो हो गया उसे सोचा नहीं करते जो मिल गया उसे खोया नहीं करते हासिल उन्हें होती है सफलता जो वक्त और हालत पर रोया नहीं करते “]

 

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