प्रधानमन्त्री के द्वारा 2024-25 तक भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प के अनुरूप वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 102 लाख करोड़ रु. के राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (National Infrastructure Pipeline – NIP) का पिछले दिनों अनावरण किया है.
पृष्ठभूमि
वित्त मंत्रालय ने आर्थिक मामले के सचिव की अध्यक्षता में एक कार्यदल गठित किया है जो 2019-20 से 2024-25 तक के लिए एक राष्ट्रीय अवसरंचना पाइपलाइन का मानचित्र तैयार करे. इस पाइपलाइन के अंतर्गत विभिन्न प्रक्षेत्रों में धनराशि का व्यय किया जाएगा.
व्यय की जाने वाली धनराशियों का प्रक्षेत्रवार विववरण निम्नलिखित है –
- सिंचाई और ग्रामीण अवसरंचना की परियोजनाओं में प्रत्येक परियोजना पर 7.7 लाख करोड़ रु. व्यय किया जाएगा.
- औद्योगिक अवसंरचना पर 3.07 लाख करोड़ रु. खर्च किया जाएगा.
- सड़क परियोजनाओं में 19.63 लाख करोड़ रु. लगाया जाएगा.
- रेलवे परियोजनाओं पर 13.68 लाख करोड़ रु. लगाया जाएगा.
- बंदरगाह परियोजनाओं पर 1 लाख करोड़ रु. खर्च होगा.
- हवाई अड्डों के लिए 1.43 लाख करोड़ रु. की व्यवस्था है.
- शहरी अवसंरचना के लिए 16.29 लाख करोड़ रु. दिए जाएँगे.
- टेलिकॉम परियोजनाओं पर 3.2 लाख करोड़ रु. खर्च होंगे.
- ऊर्जा प्रक्षेत्र में 24.54 लाख करोड़ रु. का निवेश होगा.
- विद्युत प्रक्षेत्र में 11.7 लाख करोड़. का व्यय होगा.
- राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन परियोजनाओं में अब एक्सप्रेस मार्गों, राष्ट्रीय गैस ग्रिड और PMAY-G को भी सम्मिलित कर लिया गया है.
राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन क्या है और इसका महत्त्व क्या है?
- अनुमान है कि अपनी वृद्धि दर को बनाये रखने के लिए भारत को 2030 तक अवसंरचना पर 4.5 ट्रिलियन डॉलर खर्च करने पड़ेंगे. इसी तथ्य को ध्यान में रखकर राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन योजना बनाई गई है जिसका काम इस लक्ष्य को कुशलतापूर्वक प्राप्त करना होगा.
- राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन यह देखेगी कि देश में चल रहीं अवसंरचना से जुड़ी परियोजनाएँ ठीक से तैयार हुईं हैं और उनका काम ठीक से शुरू हुआ है अथवा नहीं.
- ये परियोजनाएँ ग्रीन फील्ड और ब्राउन फील्ड दोनों प्रकार की होंगी. शर्त यह है कि इनकी लागत 100 करोड़ से ऊपर की होनी चाहिए.
- प्रत्येक मंत्रालय/विभाग का यह दायित्व होगा कि वह परियोजनाओं का अनुश्रवन करे और यह सुनिश्चित करे कि उनका समय पर तथा निर्धारित लागत के अन्दर कार्यान्वयन हो जाए.
- राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन का उद्देश्य देश में अवसंरचना के क्षेत्र में वार्षिक निवेश इतना बढ़ाया जाए कि 2024-25 तक पाँच ट्रिलियन डॉलर की GDP का लक्ष्य पूरा किया जा सके.
NIP में पैसा लगाना आवश्यक क्यों?
- 2008-17 के दशक में भारत ने अवसंरचना में 1.1 ट्रिलियन डॉलर का निवेश किया था.
- यदि सतत आधार व्यापक एवं समावेशी वृद्धि का लक्ष्य प्राप्त करना है तो उसके लिए यह आवश्यक हो जाता है कि हमारी अवसरंचनाएँ उच्च गुणवत्ता वाली हों.
- भारत की वृद्धि दर अभी ऊँची चल रही है. इसको बनाये रखने के लिए अवसंरचना में निवेश आवश्यक होगा.
- 2024-25 तक पाँच ट्रिलियन GDP (पढ़ें > GDP in Hindi) पाने के लिए भारत को 2019-20 से लेकर 2024-25 तक 1.4 ट्रिलियन डॉलर खर्च करने पड़ेंगे.
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