Sansar Daily Current Affairs, 22 February 2022
GS Paper 2 Source : Indian Express
UPSC Syllabus: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय.
Topic : Five river linking projects announced in Union Budget
संदर्भ
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में भारत में “5 नदी-जोड़ो परियोजनाओं” का प्रस्ताव रखा है. ये हैं- गोदावरी-कृष्णा, कृष्णा-पेन्नार और पेन्नार-कावेरी, दमनगंगा-पिंजल और पार-तापी-नर्मदा.
नदी जोड़ो परियोजनाओं के पक्ष में तर्क
- इससे लगभग विस्तृत क्षेत्र सिंचित होगा, तथा कई हजार एकड़ भूमि कृषि योग्य बनाई जा सकेगी.
- इससे बाढ़ व सूखे की समस्या से प्रभावित तरीके से निपटना संभव हो सकेगा.
- इससे कृषि के लिए मानसून पर निर्भरता कम होगी.
- फसल उत्पादकता में वृद्धि होगी, इससे राज्यों के राजस्व में वृद्धि होगी, किसानों की आय में भी वृद्धि होगी.
- खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी.
- इस परियोजना के माध्यम से जलविद्युत उत्पादन भी होगा, जिससे भारत के स्वच्छ ऊर्जा के लक्ष्य प्राप्ति में सहायता मिलेगी. फलत: INDC लक्ष्य प्राप्त करने में सहायता मिलेगी.
- नदी परिवहन का विकास होगा, सम्बन्धित क्षेत्रों में रोज़गार, पर्यटन का विकास होगा.
विपक्ष में तर्क
- नदियों की जैव विविधता एवं पारिस्थितिक तंत्र को नुकसान होगा.
- इस परियोजना के लिए व्यापक भूभाग की आवश्यकता होगी जिसमें कई एकड़ वन क्षेत्र भी शामिल है.
- इससे न केवल लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ेगा बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान होगा.
- कई वैश्विक नदी जोड़ो परियोजना के नकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं, जैसे- अराल सागर का सूखना.
- सागर में मीठे पानी की कमी आएगी इससे इनकी लवणता में वृद्धि होने की संभावना है.
- परियोजनाओं के लिए एकत्र किए गए आंकड़े अपर्यप्ति हैं, जैसे- केन-बेतवा नदियों का जल लगभग समान है, कोई सरप्लस या डेफिसिट नहीं है, ऐसे में इस परियोजना के परिणाम संदेहास्पद है.
- भारत में पहले ही कई अंतरराज्यीय जल विवाद हैं, नदी जोड़ो परियोजना से इन विवादों में वृद्धि होगी.
इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?
कृष्णा: महाराष्ट्र के महाबलेश्वर से निकलती है तथा महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से होकर बहती है. सहायक नदियाँ- तुंगभद्रा, घटप्रभा, मालप्रभा, भीमा, वेदवती, कोयना.
गोदावरी: नासिक से निकलती है और महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा से होकर बहती है. सहायक नदियाँ- इंद्रावती, मंजीरा, बिंदुसरा, सरबरी, पैनगंगा, प्राणहिता.
कावेरी: इसका उद्गम “कोडागु’ से होता है और यह कर्नाटक और तमिलनाडु से होकर बहती है. सहायक नदियाँ- कबिनी, सिमसा, हेमावती, अर्कवती, भवानी.
पेन्नार: यह “चिक्काबल्लापुरा’ से निकलती है और कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश से होकर बहती है.
तापी: यह मध्य प्रदेश राज्य के बैतूल जिले के मुलताई से निकलती है और मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात राज्यों में बहती है. खम्भात की खाड़ी, अरब सागर में गिरती है. सहायक नदियाँ- मिन्धोला, गिरना, पन्जारा, वाघूर, बोरी एवं आनेर.
नर्मदा: मध्यप्रदेश में मैकाल पर्वत के अमरकण्टक से निकलती है तथा मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात राज्यों में से गुजरते हुए खम्भात की खाड़ी, अरब सागर में गिरती है. सहायक नदियाँ- हिरदन, तिन्दोनी, बारना, कोलार, बरनर, बन्जर, शेरा.
GS Paper 3 Source : The Hindu
UPSC Syllabus: संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका, साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें, धन-शोधन और इसे रोकना.
Topic : Prevention of Money Laundering Act
संदर्भ
‘धन शोधन निवारण अधिनियम’ (Prevention of Money Laundering Act – PMLA) के अंतर्गत राजनेताओं, उनके रिश्तेदारों और कार्यकर्ताओं पर छापेमारी और गिरफ्तारी की श्रृंखला पर विवाद होने के बाद ‘सर्वोच्च न्यायालय’ को इस कानून के दुरुपयोग की जांच करने हेतु कदम उठाने के लिए विवश होना पड़ा है.
संबंधित प्रकरण
‘धन शोधन निवारण अधिनियम’ (PMLA) के तहत छापों और गिरफ्तारियों की आवृत्ति और इसके समय को देखते हुए ‘अधिनियम’ और इसकी एजेंसी, प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की स्वतंत्रता के संबध में चिंताजनक सवाल खड़े हो रहे हैं.
कुछ कार्यकर्ताओं के अनुसार, PMLA और प्रवर्तन निदेशालय का, राजनीतिक शर्मिंदगी के साथ विपक्षी दलों पर हमला करने के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है.
प्रमुख आरोप
- प्रकृति में गंभीर इस कानून का इस्तेमाल साधारण अपराधों के लिए किया जा रहा है.
- पारदर्शिता और स्पष्टता की कमी: ‘प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट’ (Enforcement Case Information Report – ECIR) – जोकि प्राथमिकी (FIR) के समकक्ष होती है – को एक “आंतरिक दस्तावेज” माना जाता है और आरोपी को नहीं दिया जाता है.
मनी लॉन्ड्रिंग का अर्थ
- मनी लॉन्ड्रिंग से तात्पर्य अवैध तरीके से कमाए गए काले धन को वैध तरीके से कमाए गए धन के रूप में परिवर्तित करना है.
- मनी लॉन्ड्रिंग अवैध रूप से प्राप्त धनराशि को छुपाने का एक तरीका होता है. मनी लॉन्ड्रिंग के माध्यम से धन ऐसे कामों या निवेश में लगाया जाता है कि जाँच करने वाली एजेंसियों को भी धन के मुख्य स्रोत का पता लगाने में बहुत ही मशक्कत करनी पड़ती है, जो व्यक्ति इस प्रकार के धन की हेरा-फेरी करता है, उसे ‘लाउन्डर’ (The Launder) कहा जाता है. विदित हो कि पैसे की लॉन्डरिंग प्रक्रिया में तीन चरण सम्मिलित होते हैं—
- प्लेसमेंट (Placement)
- लेयरिंग (Layering)
- एकीकरण (Integration)
- पहले चरण का संबंध नगदी के बाजार में आने से होता है. इसमें लाउन्डर अवैध तरीके से कमाए गए धन को वित्तीय संस्थानों जैसे बैंकों या अन्य प्रकार के औपचारिक या अनौपचारिक वित्तीय संस्थानों में नगद रूप से जमा करता है.
- ‘‘मनी लॉन्ड्रिग’’ में दूसरा चरण ‘लेयरिंग’ अर्थात् धन छुपाने से सम्बन्धित होता है. इसमें लाउन्डर लेखा किताब (Book of accounting) में गड़बड़ी करके और अन्य संदिग्ध लेन-देन करके अपनी असली आय को छुपा लेता है. लाउन्डर, धनराशि को निवेश के साधनों जैसे कि बांड, स्टॉक, और ट्रैवेलर्स चेक या विदेशों में अपने बैंक खातों में जमा करा देता है. यह खाता अक्सर ऐसे देशों की बैंकों में खोला जाता है जोकि मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी अभियानों में सहयोग नहीं करते हैं.
- एकीकरण मनी लॉन्ड्रिंग प्रक्रिया का अंतिम चरण होता है. जिसके माध्यम से बाहर भेजा गया पैसा या देश में खपाया गया पैसा वापस लाउन्डरर के पास वैध धन के रूप में आ जाता है. ऐसा धन अक्सर किसी कंपनी में निवेश, अचल संपत्ति खरीदने, लक्जरी सामान खरीदने आदि के माध्यम से वापस आता है.
हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग से संबन्धित कानून
- फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) , विश्व स्तर पर सरकारों द्वारा स्थापित संस्था है जोकि मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी संगठनों को धन के अंतरण के लिए बैंकिंग प्रणालियों के इस्तेमाल को रोकने के तौर-तरीकों के मानक का निर्धारण और इससे जुड़ी नीतियों के विकास और प्रोत्साहन का कार्य करती है.
- वर्ष 2010 में भारत फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) का 34वाँ सदस्य बना.
- भारत में हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने हेतु धन लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम,2002 (Prevention of Money Laundering Act-PMLA) है.
- धन लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम, 2002 प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को कालेधन के कारोबार में लिप्त व्यक्तियों की गिरफ्तारी और उन पर मुकदमा चलाने के अतिरिक्त अपराधिक कृत्यों से प्राप्त संपत्ति को संलग्न/ज़ब्त करने का अधिकार देता है.
FATF क्या है?
- FATF एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो 1989 में G7 की पहल पर स्थापित किया गया है.
- यह एक नीति-निर्माता निकाय है जिसका काम विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय विधायी एवं नियामक सुधार लाने के लिए राजनैतिक इच्छाशक्ति तैयार करना है.
- FATF का सचिवालय पेरिस के OECD मुख्यालय भवन में स्थित है.
FATF के उद्देश्य
FATF का उद्देश्य मनी लौन्डरिंग, आतंकवादियों को धनराशि मुहैया करने और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली को खतरे में डालने जैसी अन्य कार्रवाइयों को रोकने हेतु कानूनी, नियामक और संचालन से सम्बंधित उपायों के लिए मानक निर्धारित करना तथा उनको बढ़ावा देना है.
ब्लैक लिस्ट और ग्रे लिस्ट क्या हैं?
FATF देशों के लिए दो अलग-अलग सूचियाँ संधारित करता है. पहली सूची में वे देश आते हैं जहाँ मनी लौंडरिंग जैसी कुप्रथाएँ तो हैं परन्तु वे उसे दूर करने के लिए एक कार्योजना के प्रति वचनबद्ध होते हैं. दूसरे प्रकार की सूची में वे देश हैं जो इस कुरीति को दूर करने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहे हैं. इनमें से पहली सूची को ग्रे लिस्ट और दूसरी को ब्लैक लिस्ट कहते हैं.
एक बार जब कोई देश ब्लैक लिस्ट में आ जाता है तो FATF अन्य देशों को आह्वान कर उनसे कहता है कि ब्लैक लिस्ट में आये हुए देश के साथ व्यवसाय में अधिक सतर्कता बरतें और यदि आवश्यक हो तो उसके साथ लेन-देन समाप्त ही कर दें.
इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?
प्रवर्तन निदेशालय – ENFORCEMENT DIRECTORATE
- इसका कार्य विभिन्न आर्थिक नियमों के उल्लंघन की जानकारी इकठ्ठा करना और उन्हें लागू करवाने के लिए सम्बन्धित पक्ष को विवश करना है.
- इस निदेशालय के दो सबसे प्रमुख कार्य इन अधिनियमों को लागू करना है – Foreign Exchange Management Act 1999 (FEMA) और Prevention of Money Laundering Act 2002 (PMLA).
- प्रवर्तन निदेशालय में भारतीय राजस्व सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी पदस्थापित होते हैं.
- पहले यह निदेशालय प्रवर्तन इकाई (Enforcement Unit) के नाम से जाना जाता था. 1957 से यह Enforcement Directorate के नाम से जाना जाने लगा.
वित्तीय खुफिया इकाई – भारत (FIU-IND)
FIU-IND भारत सरकार की एक केंद्रीय एजेंसी है, जो देश के मनी लॉन्ड्रिंग-रोधी कानूनों के अनुसार, वित्तीय जानकारी प्राप्त करती है तथा प्राप्त जानकारी का विश्लेषण एवं प्रक्रिया एवं तथा मनी-लॉन्ड्रिंग विरोधी प्रयासों का समर्थन करने के लिये उपयुक्त जानकारी को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अधिकारियों को प्रसारित करती है.
GS Paper 3 Source : The Hindu
UPSC Syllabus: सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-टैक्नोलॉजी, बायो-टैक्नोलॉजी और बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषयों के संबंध में जागरुकता.
Topic : Umbilical Cord blood and its significance
संदर्भ
हाल ही में, एक अमेरिकी महिला ‘गर्भनाल रक्त’ (Umbilical Cord Blood) के प्रत्यारोपण के बाद ‘एचआईवी’ (HIV) से रोगमुक्त हो गई है.
यह महिला HIV से ठीक होने वाला / वाली दुनिया का तीसरा मनुष्य, और पहली महिला बन गई हैं.
HIV क्या है और यह किस प्रकार फैलता है?
ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस या एचआईवी (Human Immunodeficiency Virus – HIV) एक संक्रमण है, जो शरीर की CD4 नामक प्रतिरक्षा कोशिकाओं को नष्ट करके ‘प्रतिरक्षा प्रणाली’ पर हमला करता है.
जब HIV द्वारा CD4 कोशिकाओं पर हमला करता है, तो यह कोशिकाओं की प्रतिकृति बनाना और नष्ट करना शुरू कर देता है, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देता है और शरीर को, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली का लाभ उठाने वाले कुछ “अवसरवादी संक्रमणों” के प्रति अधिक संवेदनशील बना देता है.
इस घटना का महत्त्व
- किसी एचआईवी रोगी का सफलतापूर्वक ‘गर्भनाल रक्त प्रत्यारोपण’ (Umbilical Cord Blood Transplant) किए जाने की यह पहली घटना थी. इस पद्धति से उपचार को अधिक व्यापक रूप से उपलब्ध कराए जाने संभावना बढ़ गयी है.
- चूंकि इस ‘सफल उपचार’ के लिए दाता और ग्रहण-कर्ता के बीच ‘सटीक मिलान’ की बजाय केवल ‘आंशिक मिलान’ होने की आवश्यकता होती है, जिससे यह विविध नस्लीय पृष्ठभूमि के लोगों के लिए उपचार के विकल्प खोलता है.
‘गर्भनाल रक्त’ क्या होता है?
जन्म के बाद शिशु की गर्भनाल और अपरा (प्लेसेंटा) में बचे खून को गर्भनाल रक्त (कॉर्ड ब्लड) कहा जाता है. इसे अंग्रेजी में अम्बिलिकल कॉर्ड ब्लड या प्लेसेंटल ब्लड भी कहा जाता है. इसमें संभवत: जीवनरक्षक कोशिकाएं होती हैं, जिन्हें स्टेम सेल्स कहा जाता है. स्टेम सेल्स, रक्त कोशिकाओं के रूप में विकसित हो सकती हैं, जो कि इनफेक्शन से लड़ती हैं, पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाती हैं और खून के थक्के बनाने में मदद करती हैं. शिशु के जन्म के बाद, अपरा, गर्भनाल और गर्भनाल रक्त को फेंक दिया जाता है. हालांकि, बहुत से माता-पिता इस कॉर्ड ब्लड को भविष्य में इस्तेमाल के लिए संग्रहित करवा लेते हैं. इसे कॉर्ड ब्लड या स्टेम सेल बैंकिंग कहा जाता है.
‘कॉर्ड ब्लड बैंकिंग’ क्या है?
प्रसव के पश्चात शिशु की गर्भनाल और अपरा (Placenta) में बचे रक्त को भविष्य में चिकित्सकीय इस्तेमाल के लिए एकत्रित करने, क्रायोजेनिक रूप से प्रशीतित (freezing) करने और संग्रहीत करके रखने की प्रक्रिया को कॉर्ड ब्लड बैंकिंग कहा जाता है.
- वैश्विक स्तर पर, हेमेटोलॉजिकल कैंसर और डिसऑर्डर में हेमटापोएटिक स्टेम सेल प्रत्यारोपण हेतु स्रोत के रूप कॉर्ड ब्लड बैंकिंग के उपयोग की सिफारिश की जाती है.
- अन्य स्थितियों में, स्टेम कोशिकाओं के स्रोत के रूप में गर्भनाल रक्त के उपयोग की अभी तक अभिपुष्टि नहीं की गयी है.
कॉर्ड ब्लड बैंकिंग के क्या फायदे हैं?
गर्भनाल रक्त, ब्लड स्टेम सेल्स का समृद्ध स्त्रोत होता है. स्टेम सेल्स रक्त और प्रतिरक्षण प्रणाली (इम्यून सिस्टम) का मूलभूत आधार होती हैं. स्टेम सेल्स, रक्त कोशिकाओं के रूप में विकसित हो सकती हैं, जो कि इनफेक्शन से लड़ती हैं, पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाती हैं और खून के थक्के बनाने में मदद करती हैं. ये उत्तकों, अंगों और रक्त वाहिकाओं को ठीक करने में मदद कर सकती हैं और बहुत सी बीमारियों के उपचार में काम आ सकती हैं.
स्टेम सेल्स शरीर में संचारित हो रहे रक्त, अस्थि मज्जा (बोन मैरो), भ्रूण, भ्रूणीय ऊत्तकों, केश कूपों (हेयर फॉलिकल्स), वसा और मांसपेशियों में भी पाई जाती हैं. मानव शरीर के हर हिस्से में कुछ स्टेम सेल्स होती हैं, मगर इनमें से अधिकांश इतना भरपूर स्त्रोत नहीं होती कि इन्हें उपचार और चिकित्सकीय उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा सके.
साथ ही, बोन मैरो या संचारित रक्त में मौजूद स्टेम सेल्स की तुलना में कॉर्ड ब्लड में मौजूद स्टेम सेल्स अपरिपक्व होती हैं और उन्हें अभी बाहरी कोशिकाओं पर हमला करना पूरी तरह नहीं आता है. जिन मरीजों को स्टेम सेल्स ट्रांसप्लांट की जरुरत होती है, उनके लिए कॉर्ड ब्लड से मिली स्टेम सेल्स मेल कर पाना आसान होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि ट्रांसप्लांट के लिए कॉर्ड ब्लड स्टेम सेल्स के खारिज होने की संभावना काफी कम होती है.
Prelims Vishesh
Char Chinar :-
- डल झील (श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर) के बीच में अवस्थित प्रसिद्ध ‘चार चिनार द्वीप’ (Char Chinar island) एक बार फिर सुर्खियों में है.
- हाल ही में, ज़बरवां पहाड़ियों की पृष्ठभूमि में इस सुरम्य द्वीप पर चिनार के दो ऊंचे पेड़ लगाए गए है.
- 2014 की बाढ़ से चिनार के दो शक्तिशाली वृक्ष नष्ट हो गए थे.
- इस द्वीप का नाम ‘चिनार’ के वृक्षों के कारण पड़ा है; चार चिनार का अर्थ है- चार चिनार के पेड़.
Vanniyars :-
- सर्वोच्च न्यायालय ने तमिलनाडु में सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए, वन्नियार समुदाय को 10.5 प्रतिशत ‘सबसे पिछड़ा समुदाय (Most Backward Community – MBC) आरक्षण को रद्द करने संबंधी उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ, बड़ी पीठ में सुनवाई करवाए जाने की अपील को ख़ारिज कर दिया.
- वन्नियार (Vanniyars), तमिलनाडु में सबसे बड़े और सबसे समेकित पिछड़े समुदायों में से एक है. इस समुदाय के द्वारा 1980 के दशक के मध्य में राज्य में 20% आरक्षण और केंद्रीय सेवाओं में 2% की मांग करते हुए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया गया था.
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