Sansar Daily Current Affairs, 01 August 2018
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Common Service Centres to implement Ayushman Bharat
सन्दर्भ
सामान्य सेवा केंद्र (Common Service Center – CSC) तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा (National Health Accounts -NHA) ने एक स्मृतिपत्र (MoU) पर हस्ताक्षर किये हैं जिसके अनुसार देश के तीन लाख सामान्य सेवा केन्द्रों के माध्यम से सरकार की आयुष्मान भारत योजना लागू की जायेगी.
स्मृति पत्र में क्या है?
- आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठाने का इक्षुक व्यक्ति सामान्य सेवा केंद्र (CSC) में जाकर अपना नाम स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के डाटाबेस से सत्यापित करा सकता है.
- सामान्य सेवा केंद्र उस व्यक्ति को KYC दस्तावेज स्कैन करने और अपलोड करने में सहायता करेंगे जिससे कि उसके पहचान और अर्हता का सत्यापन हो सके.
- लाभार्थी इस केंद्र के माध्यम से अपना आयुष्मान योजना कार्ड मुद्रित करा सकेंगे.
- सामान्य सेवा केंद्र लाभार्थी को योजना के बारे में आवश्यक सूचना की जानकारी भी मुहैया करेंगे.
आयुष्मान भारत योजना
आयुष्मान भारत एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना है जिसके अन्दर 10 करोड़ निर्धन और असुरक्षित परिवार आयेंगे जिनके सदस्यों की संख्या लगभग 50 crore हो सकती है. बजट 2018 में यह प्रावधान किया गया है कि इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार को 5 लाख रुपयों तक के अस्पताल खर्च का वहन करना होगा. इस प्रकार यह कार्यक्रम विश्व की सबसे बड़ी सरकारी स्वास्थ्य योजना है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य द्वितीयक और तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल की व्यवस्था को उत्तम बनाना है.
आयुष्मान भारत कार्यक्रम 2022 के न्यू इंडिया को बनाने में सहायक सिद्ध होगा और लाखों रोजगार, विशेषकर महिलाओं के लिए, सृजित कर सकेगा. बजट 2018 भाषण में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह भी घोषणा की थी कि 24 नए सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय और हॉस्पिटल बनाए जायेंगे. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक तीन लोक सभा क्षेत्रों पर एक चिकित्सा महाविद्यालय हो और देश के हर राज्य में कम-से-कम एक सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय हो.
इस योजना के तहत, प्रीमियम भुगतान में किए गए व्यय को केंद्रीय और राज्य सरकारों के बीच 60:40 के निर्दिष्ट अनुपात में साझा किया जाएगा.
आयुष्मान योजना को लागू करने के लिए भारत के स्वास्थ्य एवं कल्याणमंत्री की अध्यक्षता में आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा अभियान परिषद् (Ayushman Bharat National Health Protection Mission Council – AB-NHPMC) नामक निकाय बनाया जा रहा है जिसका कार्य योजना के विषय में नीतिगत निर्देश देना तथा केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय स्थापित करना होगा.
योजना के लिए अर्हता
आयुष्मान भारत योजना एक अर्हता पर आधारित योजना है जिसके लिए निम्नलिखित श्रेणी के लोग योग्य होंगे –
- गाँवों में रहने वाले ऐसे परिवार जिनके पास केवल 1 कोठरी है जिसकी दीवार कच्ची है और छत भी कच्ची है.
- ऐसा परिवार जिसमें 16 वर्ष से 59 वर्ष के बीच का कोई वयस्क सदस्य नहीं हो.
- ऐसे परिवार
सामान्य सेवा केंद्र
- सामान्य सेवा केंद्र वे केंद्र हैं जहाँ एक ही जगह पर सरकार की ई-सेवाओं से सम्बंधित सुविधा जनता को दूरस्थ क्षेत्रों में उपलब्ध कराई जाती है.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : होम्योपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक 2018
सन्दर्भ
लोकसभा ने 30 जुलाई 2018 को होम्योपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक, 2018 (Homoeopathy Central Council (Amendment) Bill 2018) को मंजूरी दी है जो होम्योपैथी केंद्रीय परिषद् (संशोधन) अध्यादेश 2018 का स्थान लेगा.
विदित हो कि इस विधेयक के विषय में 18 मई, 2018 को अध्यादेश लागू किया गया था. अब सरकार को न्यूनतम मानदंड का ख़याल रखते हुए सभी होम्योपैथी चिकित्सा महाविद्यालयों में बुनियादी सुविधाएँ विद्यमान हैं या नहीं, यह सुनश्चित करना है. सरकार होम्योपैथी, आयुर्वेद, यूनानी और सिद्ध चिकित्सा पद्धतियों के लिए एक अलग विधेयक भी लेकर आएगी. देश में सभी होम्योपैथी कॉलेजों को मान्यता प्रदान करने में सरकार की भूमिका सुनिश्चित होगी.
विधेयक से संबंधित मुख्य तथ्य:
- विधेयक के अंतर्गत केंद्र सरकार को परिषद् के स्थान पर संचालन मंडल के गठन का अधिकार प्रदत्त किया गया है.
- इसके साथ यह विधेयक किसी भी नवीन होम्योपैथी कॉलेजों की स्थापना, पुराने कॉलेजों में सीटों की वृद्धि या नये पाठ्यक्रम आरम्भ करने हेतु केंद्र सरकार की पूर्व अनुमति को अनिवार्य बनाता है.
- सरकार आयुष के सभी प्रणालियों आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्धा और होम्योपैथी के नियमन एवं विकास हेतु एक नया अधिनियम लाने की संभावनाओं पर विचार कर रही है.
- यह एक वृहद अधिनियम होगा. होम्योपैथी को सक्षम बनाने के लिए आयुष मंत्रालय का प्रयास जारी रहेगा.
- इस बिल के अनुसार यदि अध्यादेश से पूर्व, पहले से चल रहा कोई होमियोपैथी चिकित्सा महाविद्यालय अथवा कोई मेडिकल नए कोर्स शुरू करने का इच्छुक है तो उसे केंद्र सरकार से एक वर्ष के भीतर अनुमति प्राप्त करनी पड़ेगी.
- यदि एक साल के अन्दर चिकित्सा महाविद्यालय को अनुमति नहीं मिलता है तो उस कॉलेज द्वारा प्रदत्त डिग्री इत्यादि की मान्यता नहीं होगी.
संचालन मंडल में अधिकतम सदस्य:
संचालन मंडल में अधिकतम सदस्यों की संख्या सात होगी तथा परिषद् के पुनर्गठन तक सञ्चालन मंडल परिषद् की सभी जिम्मेदारियों को निभाएगा. सदस्यों की नियुक्ति केन्द्र सरकार द्वारा की जाती है और उन्हीं सदस्यों में से एक इस मंडल अध्यक्ष होगा. नीति निर्णय को लेकर केंद्र सरकार का फैसला ही अंतिम फैसला होगा.
अध्यादेश की जरूरत:
अध्यादेश की जरुरत इसलिए पड़ी कि कॉलेजों में दाखिले का समय आ गया था और उससे पहले कॉलेजों का निरीक्षण कर उन्हें अनुमति देना आवश्यक था. आगामी दिनों में देश के 50 प्रतिशत होम्योपैथी कॉलेजों में दाखिला आरम्भ होने वाला है.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : अमेरिका ने भारत को सामरिक व्यापार प्राधिकरण -1 दर्जा दिया
सन्दर्भ
हाल ही में अमेरिका ने भारत को सामरिक व्यापार प्राधिकरण-1 (Strategic Trade Authorisation-1 status – STA-1) देश का दर्जा दिया. वर्ष 2016 में भारत को अमेरिका के ‘प्रमुख रक्षा सहयोगी’ के रूप में मान्यता मिलने के पश्चात् उसे STA-1 का दर्जा हासिल हुआ है.
सामरिक व्यापार प्राधिकरण (STA) क्या है?
यह दर्जा वाणिज्य नियंत्रण सूची (CCL) में निर्दिष्ट वस्तुओं के निर्यात, पुन: निर्यात और हस्तांतरण की अनुमति देता है. वर्तमान में इस सूची में 36 देश हैं जिनमें अधिकांश NATO (North Atlantic Treaty Organization) में शामिल देश हैं. भारत इसमें सम्मिलित होनेवाला पहला दक्षिण-एशियाई देश है. अन्य एशियाई देशों में जापान और दक्षिण कोरिया सम्मिलित हैं. यह दर्जा पाने से भारत अमेरिका से अत्याधुनिक और संवेदनशील प्रौद्योगिकी का क्रय कर पायेगा.
STA -1 दर्जा मिलने के फायदे
- इससे द्विपक्षीय सुरक्षा व्यापार रिश्ते को विस्तार मिलेगा, जिसके परिणास्वरूप भारत में अमेरिका से होने वाले निर्यात में वृद्धि होगी.
- STA -1 से भारत को सुरक्षा एवं दूसरी उच्चतम तकनीकी उत्पादों की और भी विस्तृत आपूर्ति श्रृंखला हासिल होगी जिससे भारत की विभिन्न अमेरिकी तंत्रों के साथ गतिवधियाँ बढ़ेंगी और लाइसेंसों की स्वीकृति में समय और संसाधनों की बचत होगी.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : जैव ईंधन नीति को लागू करने के लिए राजस्थान पहला राज्य
सन्दर्भ
हाल ही में राजस्थान, केंद्र सरकार द्वारा मई 2018 में प्रस्तुत की गई जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति को लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है. राजस्थान अब तेल बीजों के उत्पादन में वृद्धि करने पर ध्यान केंद्रित करेगा तथा वैकल्पिक ईंधन और ऊर्जा संसाधनों के क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए उदयपुर में एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करेगा. जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति के मुख्य रूप से दो उद्देश्य हैं –
- किसानों को उनके अधिशेष उत्पादन (surplus production) का आर्थिक लाभ प्रदान करना.
- देश की तेल आयात निर्भरता को न्यूनतम करना.
नीति की मुख्य विशेषताएँ
- राज्य सरकार जैव ईंधन के विपणन को प्रोत्साहित करेगी एवं उसके विषय में जागरुकता का प्रसार करेगी.
- विदित हो कि राजस्थान में 8 टन प्रतिदिन की क्षमता का एक बायोडीजल संयंत्र भारतीय रेलवे की वित्तीय सहायता से पहले ही स्थापित किया जा चुका है.
- राज्य सरकार के अनुसार, राज्य ग्रामीण आजीविका विकास परिषद् (SRLDC) बायोडीजल की आपूर्ति के जरिये अतिरिक्त आय के स्त्रोतों का पता लगाने के लिए महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को भी प्रोत्साहित करेगी.
- इस नीति में एथनोल (ethanol) उत्पादन के लिए उपयोग किये जाने वाले कच्चे माल की परिभाषा को व्यापक विस्तार देते हुए इसमें इन सामग्रियों को भी जोड़ा गया है – गन्ना रस, चुकंदर जैसे मीठे पदार्थ, मीठा बाजरा, मंडयुक्त अनाज जैसे मकई, कसावा, क्षतिग्रस्त गेहूँ, टूटा चावल, अखाद्य सड़ा आलू,
- नीति में जैव ईंधनों को आधारमुक्त जैव ईंधनों यानी पहली पीढ़ी (1जी) के बायोएथेनॉल और बायोडीजल तथा विकसित जैव ईंधनों यानी दूसरी पीढ़ी (2जी) के एथेनॉल, निगम के ठोस कचरे (Municipal Solid Waste – MSW) से लेकर ड्रॉप-इन ईंधन, तीसरी पीढ़ी (3जी) के जैव ईंधन, Bio-CNG आदि को श्रेणीबद्ध किया गया है, ताकि प्रत्येक श्रेणी के अंतर्गत उचित वित्तीय और आर्थिक प्रोत्साहन बढ़ाया जा सके.
- ज्ञातव्य है कि अतिरिक्त उत्पादन के चरण के दौरान किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य नहीं मिलने का खतरा होता है.
- इसे संज्ञान में रखते हुए इस नीति में राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति की मंजूरी से एथेनॉल उत्पादन के लिए (पेट्रोल के साथ उसे मिलाने के लिए) अधिशेष अनाजों के इस्तेमाल की अनुमति दी गई है.
- जैव ईंधनों के लिए नीति में 2जी एथेनॉल जैव रिफाइनरी को 1G जैव ईंधनों की तुलना में अतिरिक्त कर प्रोत्साहन, उच्च खरीद मूल्य आदि के अलावा 6 सालों में 5 हजार करोड़ रु. निधि की व्यवस्था करने का प्रावधान है.
जैव ईंधन का वर्गीकरण
इस नीति में जैव ईंधन को तीन श्रेणी बाँटा गया है.
- पहली श्रेणी 1G है जिसके अंतर्गत bioethanol & biodiesel एवं “Advanced Biofuels” आते हैं.
- दूसरी श्रेणी 2G है जिसमें ethanol, Municipal Solid Waste (MSW) आते हैं.
- तीसरी श्रेणी 3G कहलाएगी जिसमें आने वाले ईंधन biofuels, bio-CNG आदि हैं.
GS Paper 3 Source: Times of India
Topic : स्कूटॉयड
- वैज्ञानिकों द्वारा मानवीय कोशिकाओं में एक बिल्कुल नए ज्यामितीय आकार की खोज की गई है जिसको “स्कूटॉयड” (“Scutoid”) नाम दिया गया है.
- यह खोज कोशिकाओं का अध्ययन करते हुए की गई है और इस खोज के विषय में जुलाई, 2018 के दौरान घोषणा की गई.
- Scutoid में एक सिरे पर पाँच सतह (5 surfaces) होते हैं जबकि दूसरे सिरे पर कुल छह सतह (6 surfaces) होते हैं.
- वहीं इस आकार के एक लम्बे सिरे की सतह त्रिभुजाकार (triangular) है.
- वैज्ञानिकों ने इस नए आकार को मुड़े हुए प्रिज़्म (twisted prism) के समान बताया है.
- स्कूटॉयड” की खोज मानवीय त्वचा (skin), अंगों (organs) के विकास और कैविटी लाइनिंग (cavity lining) के निर्माण में ऊतकों (tissues) द्वारा अस्तर (lining) तैयार करने की विधि के अध्ययन के दौरान की गई है.
- अमेरिका और यूरोपीय संघ (US-EU) के वैज्ञानिकों के एक संयुक्त दल द्वारा यह खोज की गई है.
- इस खोज हेतु वैज्ञानिकों के इस संयुक्त दल ने कम्प्यूटर मॉडलिंग का प्रयोग किया गया तथा मॉडलिंग के परिणामों को कालांतर में मानवीय कोशिकाओं के अध्ययन से इसका सत्यापन किया गया.
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