Sansar Daily Current Affairs, 01 August 2020
GS Paper 2 Source : Indian Express
UPSC Syllabus : Parliament and State Legislatures – structure, functioning, conduct of business, powers & privileges and issues arising out of these.
Topic : What is a whip?
संदर्भ
हाल ही में, राजस्थान कांग्रेस के मुख्य सचेतक (Chief Whip) द्वारा बागी विधायकों की अयोग्यता की कार्यवाही में उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुये हाल ही में उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की गयी है. उच्च न्यायालय ने इन विधायकों के विरुद्ध अयोग्यता की कार्यवाही स्थगित रखने का विधानसभा अध्यक्ष को आदेश दिया था.
विवाद का विषय
मुख्य सचेतक के अनुसार, 24 जुलाई को उच्च न्यायालय द्वारा दिया गया आदेश ‘किहोतो होलोहान (Kihoto Hollohan) प्रकरण’,1992 में सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ के निर्णय का उल्लंघन करता है.
सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ के निर्णय में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि न्यायालयों को विधानसभा अध्यक्ष के अंतिम निर्णय से पहले अयोग्यता की कार्यवाही में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. अयोग्यता कार्यवाही की न्यायिक समीक्षा भी पर्याप्त रूप से सीमित की गयी थी.
हालांकि, उच्च न्यायालय द्वारा, इस सन्दर्भ में, अयोग्यता कार्यवाही के नोटिस चरण में ही हस्तक्षेप किया गया है.
किहोटो होलोन बनाम जचिल्लहू बनाम अन्य, 1992 (KIHOTO HOLLOHAN VS ZACHILLHU AND OTHERS) दी गई सर्वोच्च न्यायालय की व्यवस्थाएँ
- विधायकों को निर्योग्य घोषित करने के मामलों में अध्यक्ष को व्यापक विवेकाधिकार दिया गया है.
- यदि अध्यक्ष कोई निर्णय लेता है तो उसको न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है. परन्तु न्यायालय प्रक्रिया को स्थगित अथवा अवरुद्ध नहीं कर सकता है. इस प्रकार यह स्पष्ट है कि ऐसे मामलों में न्यायिक समीक्षा तभी होगी जब अध्यक्ष ने कोई निर्णय पारित कर दिया हो.
- समीक्षा करते समय न्यायालय कोई व्यापक आदेश नहीं दे सकता है, अपितु मात्र इन आधारों पर न्याय निर्णय पारित कर सकता है – संवैधानिक प्रावधान का उल्लंघन, कुत्सित उद्देश्य से की गई कारवाई, प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का अनुपालन नहीं करना तथा भ्रष्टाचरण.
व्हिप क्या है?
संसदीय भाषा में व्हिप उस लिखित आदेश को कहा जाता है जिसके द्वारा कोई दल अपने सदस्यों को सदन में होने वाले मतदान के लिए उपस्थित होने और एक विशेष ढंग से मतदान करने का निर्देश दिया जाता है. व्हिप का शाब्दिक अर्थ “चाबुक” होता है. विदित हो कि ब्रिटेन में यह प्रथा बहुत पहले से चली आ रही है.
इसका प्रयोग कैसे होता है?
भारत में सभी दल अपने सदस्यों के लिए व्हिप निर्गत कर सकते हैं. इसके लिए दल के किसी वरिष्ठ सदस्य को प्राधिकृत किया जाता है. उस सदस्य को मुख्य व्हिप कहते हैं और उसकी सहायता के लिए कुछ अतिरिक्त व्हिप भी हो सकते हैं.
व्हिपों के प्रकार
व्हिप तीन प्रकार के होते हैं. पहला वह जो एक पंक्ति का होता है. इसके द्वारा दल के सदस्यों को दल के मन्तव्य के अनुसार मतदान करने अथवा अनुपस्थित होने को कहा जाता है.
दूसरा व्हिप दो पंक्तियों का होता है जिसमें सदस्यों को मतदान के समय उपस्थित रहने का निर्देश दिया जाता है.
सबसे कड़ा व्हिप तीन पंक्तियों का होता है जो अत्यंत महत्त्वपूर्ण अवसरों पर निर्गत किया जाता है. जैसे – विधेयक का द्वितीय वाचन अथवा अविश्वास प्रस्ताव. यह व्हिप सदस्यों को दलीय नीति के अनुसार चलने को बाध्य कर देता है.
व्हिप की अवहेलना
भारत में जो सदस्य तीन पंक्तियों के व्हिप की अवहेलना करता है तो सदन से उसकी सदस्यता समाप्त हो सकती है. दल-बदल विरोधी कानून में यह प्रावधान है कि अध्यक्ष/सभापति ऐसे सदस्य को अयोग्य घोषित कर सकता है. व्हिप की अवहेलना करने वाला तभी बच सकता है जब किसी दल का विभाजन करते हुए एक तिहाई से अधिक सदस्य अलग हो गये हों.
राजनीतिक प्रणाली में व्हिप का महत्त्व
व्हिप एक ऐसी अभिकल्पना है जो राजनीतिक दलों को अपना आंतरिक संगठन बचाए रखने में सहायता करती है. संसद अथवा राज्य के विधायी सदनों का सुचारू एवं कुशल प्रबंधन बहुत सीमा तक व्हिप पर निर्भर रहता है.
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न
व्हिप जारी करने से सांसदों की स्वतंत्रता और स्वाधीनता कम हो जाती है तथा इस पर नए सिरे से विचार किये जाने का समय आ गया है. आलोचनात्मक चर्चा कीजिये.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : India and its neighbourhood- relations.
Topic : Belt and Road Initiative – BRI
संदर्भ
हाल ही में म्यांमार ने चीन की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना ‘बेल्ट एण्ड रोड इनिशिएटिव’ (BRI) के हिस्सा यांगून मेगा सिटी प्रोटेक्ट में अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों को सम्मिलित करने का निर्णय लिया है.
पृष्ठभूमि
- म्यांमार की सरकार ने यांगून मेगा सिटी परियोजना में चीन की कम्पनियों के अतिरिक्त अन्य विदेशी कम्पनियों को निवेश करने के लिए आमंत्रित किया है.
- माना जा रहा है कि म्यांमार सरकार ने यह निर्णय चीन की यांगून मेगा सिटी प्रोजेक्ट में उदासीनता को लेकर लिया है.
- वर्ष 2020 के प्रारम्भ में चीन ने अपनी बेल्ट एण्ड रोड इनिशिएटिव परियोजना के अंतर्गत यांगून मेगा सिटी प्रोजेक्ट में निवेश की सहमति जतायी थी.
- म्यांमार सरकार के इस फैसले को चीन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है.
बेल्ट एंड रोड परियोजना क्या है?
- बेल्ट एंड रोड परियोजना की घोषणा चीन द्वारा 2013 में हुई थी. BRI पहल एक ऐसी पहल है जिसमें स्थल और समुद्र दोनों में सिल्क रोड की पट्टियाँ होंगी. इसका उद्देश्य पूर्वी एशिया के आर्थिक क्षेत्र को यूरोप के आर्थिक क्षेत्र से जोड़ना बताया जाता है अर्थात् इसका ध्येय दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य एशिया, खाड़ी क्षेत्र, अफ्रीका और यूरोप को भूमि और समुद्री मार्गों के नेटवर्क से जोड़ना है.
- इस प्रकार इस परियोजना के अन्दर एशिया, यूरोप और अफ्रीका तीन महाद्वीप आते हैं. यदि यह परियोजना लागू होती है तो इसके अन्दर सकल वैश्विक जनसंख्या का 65% और विश्व की GDP का 60% आ जायेगा. साथ ही इसमें अभिकल्पित 6 आर्थिक गलियारों में 70 देश समाहित हो जाएँगे.
- चीन देश यूरोप, पश्चिम एशिया, पूर्व अफ्रीका एवं स्वयं चीन को स्थलीय और सामुद्रिक व्यापार सम्पर्कों को फिर से जीवित करने और नये ढंग से रचने के लिए लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर खर्च कर रहा है. इसके अंदर ऐसे आधुनिक बंदरगाह बनाए जा रहे हैं जो तीव्र गति वाली सड़कों और रेल गलियारों से जुड़ जाएँगे.
भारत की चिंता
- गलियारा का हिस्सा PoK से होकर गुजरेगा जिसे भारत अपना अभिन्न अंग मानता है. भारत का कहना है कि यह गलियारा उसकी क्षेत्रीय अखंडता को आहत करता है.
- इस परियोजना के कारण हिन्द महासागर में चीन का दबदबा बढ़ सकता है जिससे भारतीय हितों को क्षति पहुँच सकती है.
- BRI परियोजनाओं के चलते कई देश गहरे कर्ज में डूब रहे हैं जिनको नहीं चुका पाने के कारण इन देशों की सम्प्रभुता पर आँच आ रही है.
- इस परियोजना में चीन अपने कौशल अथवा तकनीक को हस्तांतरित नहीं कर रहा है. अतः अंततोगत्वा उन देशों को कोई लाभ नहीं होगा जहाँ उसका काम चल रहा है.
- चीन की परियोजनाएँ पर्यावरण की दृष्टि से भी अनुकूल नहीं हैं.
- इसके माध्यम से चीन भारत पर रणनीतिक बढ़त बनाना चाहता है. वह पूर्वोत्तर भारत के आस-पास अपनी उपस्थिति सुदृढ़ करना चाहता है. विदित हो कि यहाँ के कुछ भागों पर चीन अपना दावा करता रहा है. इस प्रकार इस परियोजना से भारत की सुरक्षा पर अच्छा प्रभाव नहीं पड़ेगा.
- चीन और भारत के आपसी रिश्ते ठीक नहीं हैं और दक्षिण-एशिया और हिन्द प्रशांत क्षेत्र में चीन के इरादे ऐसे हैं कि भारत कभी भी इस परियोजना के लिए हामी नहीं भरेगा.
- इस परियोजना के अंदर बन रही अवसंरचनाओं की सुरक्षा के लिए चीन 30,000 सैनिकों की तैनाती शुरू कर चुका है. भारत का कहना है कि यह तैनाती अंततोगत्वा भारत को घेरने के निमित्त की गई है.
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न
क्या आपको लगता है कि बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के पीछे चीन की मंशा वास्तव में कल्याणकारी है? आलोचनात्मक टिप्पणी करें.
GS Paper 3 Source : Economic Times
UPSC Syllabus : Inclusive growth and issues arising from it.
Topic : Core sector contraction further slows in June, only fertiliser sector shows growth
संदर्भ
अर्थव्यवस्था के बुनियादी क्षेत्र के उत्पादन में जून महीने में 15 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि इसके पहले महीने में 22 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी.
संबन्धित जानकारी
- देशव्यापी बंदी के कारण उद्योग मजदूरों की कमी, मांग में कमी और नकदी के संकट से जूझ रहे हैं, जिसका प्रत्यक्ष प्रभाव उनके उत्पादन पर पड़ रहा है.
- आंकड़ों के अनुसार, मई 2020 में उर्वरक को छोड़कर सभी सात क्षेत्रों – कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, इस्पात, सीमेंट, और बिजली में नकारात्मक वृद्धि दर्ज हुई है.
- आठ प्रमुख उद्योगों का उत्पादन लगातार गत चार महीने से नकारात्मक वृद्धि कर रहा है. हालांकि जून 2020 में गिरावट 15% रही जो मई में 22% की गिरावट से कुछ कम थी.
अर्थव्यवस्था के बुनियादी क्षेत्र कौन हैं?
- अर्थव्यवस्था के बुनियादी क्षेत्र में उन उद्योगों को रखा जाते है जो देश की अर्थव्यवस्था रीढ़ होते हैं तथा इनकी विकास दर में कमी या बढ़ोतरी बताती है कि किसी देश की अर्थव्यवस्था की बुनियाद की परिस्थिति कैसी है?
- अर्थव्यवस्था के बुनियादी क्षेत्र में अधिकतर ऐसे उद्योगों को समिलित किया जाता है जिनके स्थापना से अन्य उद्योगों की स्थापना का आधार बनती है.
- अधिकाँश देशों में विशेष उद्योग स्थापित हैं जो अन्य सभी उद्योगों की रीढ़ (Backbone) माने जाते हैं तथा कोर उद्योग होने के योग्य प्रतीत होते हैं.
- आठ प्रमुख उद्योगों में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली शामिल हैं.
- औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में इन आठ उद्योगों की हिस्सेदारी 40.27 प्रतिशत है.
- उनके भार के घटते क्रम में आठ कोर उद्योग:
- रिफाइनरी उत्पाद – 28.04%
- बिजली – 19.85%
- स्टील – 17.92%
- कोयला – 10.33%
- कच्चा तेल – 8.98%
- प्राकृतिक गैस – 6.88%
- सीमेंट – 5.37%
- उर्वरक – 2.63%
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न
कोरोना महामारी ने भारतीय अर्थव्यवस्था के बुनियादी क्षेत्र के उत्पादन को किस प्रकार प्रभावित किया है? समीक्षा करें.
GS Paper 3 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Science and Technology- developments and their applications and effects in everyday life Achievements of Indians in science & technology; indigenization of technology and developing new technology.
Topic : China formally launches BeiDou navigation satellite system to
संदर्भ
चीन का नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम – BeiDou Navigation Satellite System (BDS)- ने वैश्विक सेवा देना चालू कर दिया है. इस सेवा को अमेरिका की बहुप्रचलित GPS (Global Positioning System) का प्रतिद्वन्द्वी बताया गया है.
- इस प्रणाली की स्थानिक सटीकता विश्व-भर में 10 मीटर और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 5 मीटर तक पहुँच गयी है. इसकी वेग-सटीकता 2 मीटर प्रति-सेकंड है जबकि इसकी टाइमिंग सटीकता 20 नैनो-सेकंड है.
- पकिस्तान BeiDou प्रणाली को अपनाने वाला पहला देश बन गया है और इस प्रकार GPS पर उसकी निर्भरता समाप्त हो गई है.
BeiDou नेविगेशन सिस्टम से सम्बंधित कुछ तथ्य
- इसका नाम चीनी भाषा के एक शब्द पर है जिसका अर्थ होता है – Big Dipper. यह चीन में 2000 ई. से अपनी सेवा दे रहा है.
- इसमें सब मिलकर 35 उपग्रह होंगे.
- BeiDou – 1 इसके पहले से तीन उपग्रहों के साथ काम कर रहा है.
विश्व-भर में चल रहे GNSS सिस्टम
- विश्व-भर में चार वैश्विक GNSS सिस्टम (Global Navigation Satellite System) हैं – GPS (अमेरिका), GLONASS (रूस), गैलिलियो (यूरोपीय संघ), BeiDou (चीन).
- इनके अतिरिक्त दो क्षेत्रीय GNSS भी हैं. ये हैं – QZSS (जापान) और IRNSS अथवा NavIC (भारत).
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न
स्वदेशी नेविगेशन प्रणाली का होना आवश्यक क्यों है? NavIC प्रणाली के विषय में संक्षिप्त चर्चा करें.
Prelims Vishesh
Young Scientist Award :-
- वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (Council of Scientific and Industrial Research – CSIR) अपने विभिन्न संस्थानों में काम करने वाले वैज्ञानिकों को यंग साइंटिस्ट अवार्ड नामक पुरस्कार दिया करता है जिसमें एक प्रशस्तिपत्र के साथ-साथ 50 हजार रु. नकद और पट्टिका दी जाती है.
- जिन विषयों के लिए यह पुरस्कार दिया जाता है वे हैं – जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, भूविज्ञान, वायुमंडल विज्ञान, समुद्र विज्ञान, ग्रह विज्ञान, अभियंत्रण विज्ञान तथा भौतिक विज्ञान.
SKOCH Gold Award :-
- IT से जुड़ी छात्रवृत्ति योजनाओं के एक माध्यम से जनजातियों के सशक्तीकरण से सम्बंधित परियोजना के लिए भारत सरकार के जनजातीय मंत्रालय को SKOCH गोल्ड पुरस्कार प्राप्त हुआ है.
- ज्ञातव्य है कि 2003 से यह पुरस्कार इन क्षेत्रों में काम करने के लिए संस्थानों के साथ-साथ व्यक्तियों को दिया जाता है – डिजिटल, वित्तीय एवं सामाजिक समावेशन; प्रशासन कार्य; समावेशी वृद्धि; प्रौद्योगिकी एवं अनुप्रयोग में उत्कृष्टता; परिवर्तन प्रबंधन; नैगम नेतृत्व; नैगम प्रशासन; नागरिक सेवा उपलब्ध कराना; क्षमता निर्माण; सशक्तीकरण आदि आदि.
- किसी भी स्वतंत्र संगठन के द्वारा दिया जाने वाला देश का यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान है.
Mahatma Gandhi Setu :-
- पिछले दिनों पटना का महात्मा गाँधी सेतु इसलिए चर्चा में रहा कि इसके पश्चिमी मार्ग को यातायात के लिए खोल दिया गया.
- ज्ञातव्य है कि पटना को हाजीपुर से जोड़ता हुआ गंगा नदी पर निर्मित 5,750 मीटर की लम्बाई वाला महात्मा गाँधी सेतु भारत का तीसरा सबसे बड़ा नदी पुल है.
Muslim Women’s Rights Day :-
2019 में अगस्त 1 को तिहरी तत्काल तलाक की प्रथा को समाप्त करने वाले मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार सुरक्षा) अधिनियम पर राष्ट्रपति का अनुमोदन हुआ था. अतः इस वर्ष अगस्त 1 को इसकी पहली वर्षगाँठ मनाई जा रही है.
United Nations Economic Commission for Europe (UNECE) :-
- 1947 में ECOSOC द्वारा स्थापित आर्थिक यूरोपीय आयोग संयुक्त राष्ट्र के पाँच क्षेत्रीय आयोगों में से एक है.
- इस आयोग में यूरोप के साथ-साथ उत्तरी अमेरिका और एशिया के 56 देश सदस्य के रूप में हैं.
- इस आयोग का प्रधान उद्देश्य पूरे यूरोप की आर्थिक एकात्मता को बढ़ावा देना है.
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