Sansar Daily Current Affairs, 01 January 2021
GS Paper 1 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Women – concerns, challenges, issues, need for reforms.
Topic : Bureau of Police Research and Development
संदर्भ
हाल ही में पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (BPR&D: Bureau of Police Research and Development) द्वारा पुलिस संगठनों पर डेटा निर्गत किया गया है.
पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो
- पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो की स्थापना गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) के अंतर्गत 28 अगस्त, 1970 को भारत सरकार द्वारा की गई थी.
- इसने पुलिस के आधुनिकीकरण के प्राथमिक उद्देश्य के साथ पुलिस अनुसंधान और सलाहकार परिषद (Police Research and Advisory Council) को प्रतिस्थापित किया था.
- वर्ष 2008 में भारत सरकार ने देश में पुलिस बलों की कार्यप्रणाली में सुधार लाने के उद्देश्य से BPRD के अंतर्गत राष्ट्रीय पुलिस मिशन (National Police Mission) के सृजन का निर्णय लिया था.
पुलिस संगठनों पर प्रमुख डेटा संबंधी मुख्य तथ्य
- मानव संसाधन क्षमता: भारत का वास्तविक पुलिस-जनसंख्या अनुपात (प्रति लाख 8 पुलिसकर्मी सेब पर कर्मियों की संख्या) 195.39 है. इसके अतिरिक्त, वास्तव में 26,23,225 की स्वीकृत पुलिसकर्मी संख्या में केवल 20,91,488 सेवा में हैं.
- संयुक्त राष्ट्र द्वारा अनुशंसित मानक 222 पुलिसकर्मी प्रति लाख व्यक्ति है.
- रिक्तियाँ: विभिन्न राज्य पुलिस बलों में 5.31 लाख से अधिक पद और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) में 1.27 लाख पद रिक्त पड़े हैं.
- पुलिस बलों के भीतर रिक्तियों का एक उच्च प्रतिशत, अत्यधिक कार्यभार के दबाव का सामना कर रहे पुलिस कर्मियों की इस मौजूदा समस्या को और बढ़ाता है.
- पुलिस में महिलाएँ: ये पुलिस बल का केवल 10.30% हैं और CAPF में कुल कर्मियों की संख्या का केवल 2.98% हैं. पिछले वर्ष की तुलना में महिला पुलिस की संख्या में 16.05% की वृद्धि हुई है.
- संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, महिला पुलिस अधिकारी का लैंगिक उत्पीड़न की रिपोर्टिंग के प्रति सकारात्मक योगदान रहता है.
- पुलिस बलों में महिला कर्मियों का यह विषम अनुपात महिलाओं के विरुद्ध अपराधों पर कानून के प्रभावी क्रियान्वयन में बाधा पहुँचाता है.
गृह मंत्रालय के अधीन स्थापित पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (BPR&D), निम्नलिखित कार्यों के लिए अधिदेशित हैः
- पुलिसिंग में उत्कृष्टता को बढ़ावा देना,
- पुलिस की समस्याओं के त्वरित और व्यवस्थित विश्लेषण को प्रोत्साहित करना,
- पुलिस द्वारा अपनाई जाने वाली विधियों और तकनीकों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी लागू करना.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : India and its neighbourhood- relations.
Topic : Mission Sagar
संदर्भ
हाल ही में, भारतीय नौसेना जहाज (INS) किलटन/Kiltan सिहानोकविले पोर्ट, कंबोडिया में चल रहे सागर मिशन सागर- III के हिस्से के रूप में पहुँचा है.
सागर-III के बारे में
- भारतीय नौसैनिक जहाज कंबोडिया के बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 15 टन मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) सामग्री लेकर कंबोडिया के सिहानोकविले पंहुचा है, जिसे कंबोडिया की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनडीएमसी) को सौंप दिया जाएगा.
- भारत की ओर से भेजी गई यह सहायता दो मित्र देशों के बीच व्यक्तिगत गहरे संबंधों को दर्शाती है.
- मिशन सागर-III वर्तमान में चल रही कोविड महामारी के दौरान मित्र देशों को भारत की ओर से मानवता के नाते सहायता और आपदा राहत राहत (Humanitarian Assistance and Disaster Relief -HADR) पहुंचाने का एक हिस्सा है. यह मिशन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के “सागर- क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास” (SAGAR (Security And Growth for All in the Region) दृष्टिकोण के अनुसार चलाया जा रहा है और यह एक भरोसेमंद भागीदार के रूप में भारत की स्थिति को दर्शाता है.
- उल्लेखनीय है कि मई-जून 2020 में भारतीय नौसेना के द्वारा मानव सहायता कार्यक्रम मिशन सागर-I चलाया गया था और नवंबर 2020 को ‘मिशन सागर- II’ के तहत सूडान को खाद्य सहायता पहुंचाई गयी थी.
मिशन सागर क्या है?
इस मिशन के अंतर्गत पूर्वी हिन्द महासागर में स्थित पाँच देशों – मालदीव, मॉरिशस, सेशेल्स, मेडागास्कर और कोमोरोस – को भारत खाद्य सामग्री के साथ-साथ महामारी से जुड़ी दवाइयाँ, जैसे – HCQ गोलियाँ और विशेष आयुर्वेदिक औषधियाँ देगा.
इसके अतिरिक्त भारत चिकित्सा दल भी मुहैया कराएगा. इसके लिए भारत से केसरी नामक एक नौसेना का जलयान प्रस्थान कर चुका है. प्रथम चरण में यह जलयान मालदीव की राजधानी माले पहुंचेगा और वहाँ 600 टन खाद्य सामग्री पहुँचायेगा.
मिशन का माहात्म्य
भारत इस क्षेत्र में सबसे पहले कार्रवाई करने वाले देश की भूमिका निभाता रहा है. मिशन सागर इसी की एक अगली कड़ी है. यह मार्च, 2015 में प्रधानमंत्री द्वारा घोषित क्षेत्र के सभी देशों को सुरक्षा मिले और उनकी वृद्धि हो (Security and Growth for All in the Region), इस नीति के भी अनुरूप है.
भारत की नीति रही है कि पड़ोसी देशों के साथ अच्छे सम्बन्ध रखे जाएँ और उन्हें और भी सुदृढ़ किया जाये.
इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?
सागर विजन क्या है?
- इसका पूरा नाम है – Security and Growth for All in the Region.
- भारत सरकार के द्वारा 2015 में नीली अर्थव्यवस्था (Blue Economy) पर ध्यान देते हुए “क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और संवृद्धि-सागर” (Security And Growth for All in the Region- SAGAR) विजन की शुरुआत की गई थी.
- यह एक समुद्री पहल है जो हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने के भारत के प्रयासों को प्राथमिकता देती है.
- SAGAR शब्द प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2015 में मॉरीशस की यात्रा के दौरान नीली अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करने के लिए गढ़ा गया था.
इस विजन के निम्नलिखित उद्देश्य हैं –
- क्षेत्र में विश्वास और पारदर्शिता के वातावरण का सृजन करना;
- सभी देशों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय समुद्री नियमों और मानदंडों के लिए सम्मान;
- पारस्परिक हितों के प्रति संवेदनशीलता; समुद्री मुद्दों का शांतिपूर्ण समाधान;
- समुद्री सहयोग में वृद्धि.
- भारत की यह पहल हिंद महासागर रिम एसोसिएशन के सिद्धांतों के अनुरूप है.
GS Paper 3 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Indigenization of technology.
Topic : AKSAH Missile
संदर्भ
हाल ही में मंत्रिमंडल द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित आकाश मिसाइल प्रणाली को मित्र देशों को निर्यात करने हेतु स्वीकृति प्रदान कर दी है.
मुख्य तथ्य
- यह कदम रक्षा निर्यात के 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता करेगा और मित्र देशों के साथ रणनीतिक संबंधों को सुदृढ़ता प्रदान करेगा.
- आकाश के अतिरिक्त, अन्य प्रमुख मंच जैसे तटीय निगरानी प्रणाली (Coastal Surveillance System), रडार और वायु आधारित मंच के निर्यात की मांग में भी वृद्धि हुई है.
- साथ ही, प्रमुख स्वदेशी मंच के निर्यात के लिए त्वरित अनुमोदन प्रदान करने हेतु रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को शामिल करते हुए एक समिति भी गठित की गई है.
रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए गए अन्य उपायों में शामिल हैं :–
- रक्षा निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए योजना को अधिसूचित किया गया है. इस योजना अंतर्गत भावी निर्यातकों को उनके उत्पादों को सरकार द्वारा प्रमाणित होने की सुविधा प्रदान की जाएगी.
- निर्यात से संबंधित कार्रवाई में समन्वय और अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए रक्षा उत्पादन विभाग में एक पृथक प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है.
- प्राधिकार से सम्बंधित अनुमति लेने करने और कार्यवाही करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया गया है.
- एक ही कंपनी को पुनः समान उत्पाद ही विक्रय करने के लिए दोबारा किए गए आवेदन के लिए, परामर्श प्रक्रिया को समाप्त कर दिया गया है और अब त्वरित अनुमति प्रदान की जाती है.
आकाश मिसाइल
- एक साथ कई लक्ष्यों को भेदने की क्षमता के साथ सतह-से-आकाश में मार करने वाली मध्यम दूरी की मिसाइल है.
- मारक क्षमता : 25 किलोमीटर.
- एक से अधिक वारहेड ले जाने में सक्षम है.
- उच्च-ऊर्जा ठोस प्रणोदक और रैम-रॉकेट प्रणोदक प्रणाली.
इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?
- पृथ्वी – सतह-से-सतह पर मार करने में सक्षम कम दूरी वाली बैलिस्टिक मिसाइल.
- अग्नि– सतह-से-सतह पर मार करने में सक्षम मध्यम दूरी वाली बैलिस्टिक मिसाइल.
- त्रिशूल– सतह-से-आकाश में मार करने में सक्षम कम दूरी वाली मिसाइल.
- आकाश– सतह-से-आकाश में मार करने में सक्षम मध्यम दूरी वाली मिसाइल.
- नाग– तीसरी पीढ़ी की टैंक भेदी मिसाइल.
GS Paper 3 Source : Indian Express
UPSC Syllabus : Indian Economy and issues relating to planning, mobilization of resources, growth, development and employment.
Topic : Zero coupon bonds
संदर्भ
हाल ही में, सरकार द्वारा पंजाब और सिंध बैंक के पुनर्पूंजीकरण (Recapitalise) के लिए एक नए वित्तीय नवाचार के रूप में 5,500 करोड़ रुपए की कीमत के गैर-ब्याज धारक बांड्स (non-interest bearing bonds) निर्गत किये गए हैं.
ये सरकार द्वारा सम्यक् जांच-पडताल के बाद जारी किये गए विशेष प्रकार के ज़ीरो कूपन बांड (Special Zero Coupon Bonds) है और इन्हें समान कीमतों पर जारी किया जाता है.
बैंक पुनर्पूंजीकरण
इसका तात्पर्य है राज्य द्वारा संचालित बैंकों में पूंजी पर्याप्तता मानदंडों को पूरा करने के लिये उनमें पूंजी डालना है. भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 12% की पूंजी पर्याप्तता अनुपात (Capital Adequacy Ratio- CAR) बनाए रखने पर ज़ोर दिया जाता है. CAR जोखिम भारित संपत्ति और वर्तमान देनदारियों के मध्य बैंक की पूंजी का अनुपात है.
CRAR की परिभाषा
- पूँजी पर्याप्तता अनुपात (CAR) को ‘पूंजी-जोखिम भारित परिसंपत्ति अनुपात (Capital to Risk weighted Assets Ratio – CRAR) भी कहता हैं.
- यह बैंक की पूँजी और जोखिम का अनुपात होता है.
- यह बैंक की जोखिम भारित संपदा के प्रतिशत के रूप में बैंक की मूल पूँजी की राशि को दर्शाता है.
- भारतीय रिज़र्व बैंक और बैंक नियामक व्यावसायिक बैंकों को अतिशय जोखिम लेने से और इस प्रकार दिवालिया होने से रोकते हैं.
CRAR के विषय में और भी विस्तार में पढ़ें > CRAR in Hindi
ज़ीरो कूपन बॉण्ड क्या हैं?
- ज़ीरो कूपन बॉण्ड, भारत सरकार की गैर-ब्याज धारक, गैर-हस्तांतरणीय विशेष प्रतिभूतियां हैं.
- इन्हें शुद्ध छूट बॉण्ड या डीप डिस्काउंट बॉण्ड के रूप में भी जाना जाता है. इसे एक रियायती मूल्य पर खरीदा जाता है और फंडधारकों को कोई कूपन या आवधिक ब्याज़ का भुगतान नहीं किया जाता है.
- ज़ीरो कूपनबॉण्ड की खरीद मूल्य और परिपक्वता अवधि के मध्य बराबर का अंतर, निवेशक की वापसी का संकेत देता है.
- ज़ीरो कूपन बॉण्ड सामान्यत 10 से 15 वर्ष की समयावधि के लिये ज़ारी किये जाते हैं.
- अंतर: विशेष ज़ीरो कूपन बॉण्ड समान रूप से ही जारी किये जाते हैं, परंतु उन पर कोई ब्याज़ प्राप्त नहीं होता है. सामान्य ज़ीरो कूपन बॉण्ड पर छूट दी जाती है, इसलिये वे तकनीकी रूप से ब्याज वहन करते हैं.
पारंपरिक बॉण्डस से भिन्नता
ये विशेष ज़ीरो कूपन बॉण्ड, पारंपरिक ज़ीरो कूपन बॉण्ड से भिन्न हैं क्योंकि विशेष ज़ीरो कूपन बॉण्ड को समान कीमतों पर ही जारी किया जाता है, परंतु उन पर कोई ब्याज़ प्राप्त नहीं होता है. पारंपरिक ज़ीरो कूपन बॉण्ड पर छूट दी जाती है, इसलिये ये तकनीकी रूप से ब्याज-धारक होते हैं.
Prelims Vishesh
Proxima Centauri :-
- हाल ही में अन्य ग्रहों पर जीवन (alien life) की खोज में सक्रिय खगोलविदों ने प्रॉक्सिमा सेंटॉरी की दिशा से आने वाली एक रहस्यमयी रेडियो तरंग का अध्ययन किया है.
- प्रॉक्सिमा सेंटॉरी सूर्य के सबसे निकट का तारा है. यह सूर्य से 4.2 प्रकाश वर्ष दूर है.
- इसका द्रव्यमान सूर्य के लगभग आठवें भाग के समतुल्य है.
- अत्यधिक लघु आकार का होने के कारण इसे पृथ्वी से नग्न आंखों से नहीं देखा जा सकता है.
Vazhakulam pineapples :-
- वर्ष 2009 में केरल के वाड़हाकुलम अनानास की मॉरीशस किस्म ने भौगोलिक संकेतक टैग (GI Tag) प्राप्त किया था.
- इसकी कृषि केरल के एरनाकुलम, कोट्टायम, पथनमथिट्टा और इडुक्की जिले के कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में की जाती है.
- वाड़हाकुलम अनानास की अपनी विशिष्ट सुगंध, स्वाद तथा शर्करा की उच्च मात्रा और कम अम्लता के कारण मिठास होती है.
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